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पति पत्नी फनी शायरी : कइसे बेलल जाई रोटी महतरिया मेहररुवा भइल ढीठ जननी

पति पत्नी फनी कजरी शायरी Pati Patni Funny Kajari Shayari ढीठ पत्नी शायरी

कजरी पहिली कोशिश,,,
कइसे बेलल जाई रोटी महतरिया,
मेहररुवा भइल ढीठ जननी,,,,

कहैले हमसे जी तू सूना,
सब खालें खुरा क दूना,
हमसे होई ना केहु क हुजूरिया,,,
मेहररुवा भइल ढीठ जननी,,,,
कइसे,,,,,,,,१

हम नाही बाटी केहू क नोकर,
मारब सबके लाते क ठोकर,,
इहाँ लागल बा नाही जी बजरिया,,,
मेहररूवा भइल ढीठ जननी,,
कइसे,,,,,,,,,,२

लैद्या हमका मोबाइल फून,
सेल्फी खिंचब जगह क चून,
जानल जाब हमहुँ गांव औ सहरिया,
मेहररुवा भइल ढीठ जननी,,,,
कइसे,,,,,,३

बाबू माई तोहार लरिका,
हम से होई न, हम करी का,,
तू त सँभारा घर अउर दुवरिया,,
मेहररूवा भइल ढीठ जननी,,,,
कइसे,,,,,,,,४

माई तू ही हमैं बतावा,
कौउनो रस्ता त दिखलावा,,
की हम छोड़ी देइ नॉकरी चकरिया,,
मेहररूवा भइल ढीठ जननी,,,
कइसे,,,,,,,५

आनंद पाण्डेय "केवल"

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