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रिमझिम बरसे बदरिया, कजरी गीत बिरहा गीत हिंदी में Sawan Kajari Geet Lyrics Hindi

Rim Jhim Barse Sawan Ke Badariya Sawan Kajari Geet Lyrics Hindi

रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया
(वर्षा ऋतु में विरहा गीत)
रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया,
सांवरिया मोरा तू कहां खो गया?
जमाना मोहे मार रहा है नजरिया,
सांवरिया मोरा तू कहां खो गया?
रिमझिम रिमझिम……
लोगवा चलने न दे रहे डगरिया,
सजनवा मोरा तू कहां रह गया?
लड़कन फोर रहे मोरी गागरिया,
सांवरिया मोरा तू कहां खो गया?
रिमझिम रिमझिम……
पगली पवन उड़ा रही है चुनरिया,
बालमुआ मोरा, तू कहां सो गया?
दिन में मोहे, रात लागे अंधरिया,
सांवरिया मोरा तू कहां खो गया?
रिमझिम रिमझिम……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

घिरि घिरि आए कारी बदरिया सावन का कजरी गीत Sawan Kajari Geet Lyrics

घिरि घिरि आए कारी बदरिया (गीत)
घिरि घिरि आए रामा, कारी बदरिया,
पानी पानी खेत खलिहान हो गया।
साजन चले अपनी ससुराल हो रामा,
भींगा मौसम बड़ा बेईमान हो गया।
घिरि घिरि आए……
सजनी छः महीने से, मैके में बैठी,
सपना मिलन का जवान हो गया।
रह रह सतावे रामा, पवन पुरवाई,
धरती पर लट्टू आसमान हो गया।
घिरि घिरि आए……
दिन रात महुआ अमुआ रस टपकावे,
सजनी बिन जीवन, विरान हो गया।
क्या करे सजनवां, समझ नहीं आवे,
बाग जूही का पूरा सुनसान हो गया।
घिरि घिरि आए……
एक बाग में तोता, दूसरे में मैना बैठी,
उलझन में दोनों का नुकसान हो गया।
बात करने से कोई बात बन सकती है,
मस्ती में गरीब भी धनवान हो गया।
घिरि घिरि आए……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

वर्षा गीत : सावन आते हो आग बुझाने सावन का कजरी गीत Sawan Ki Kajri Geet

सावन आते हो आग बुझाने तुम,
आग लगाकर क्यों चले जाते हो?
मौसम लाते हो प्यास बुझाने तुम,
दिल जलाकर क्यों चले जाते हो?
सावन आते हो……
बड़ा शुभ मानते हैं लोग तेरा आना,
तेरा मौसम होता है सबसे सुहाना।
मोरा पिया बसे हैं परदेश भूलाकर,
तुम क्यों मुझको इतना सताते हो?
सावन आते हो……
मोरा कंगना खनकता है खन खन,
मोरी बिंदिया चमकती है चम चम।
चैन छीन लेते हो, नींद उड़ा देते हो,
रह रहकर क्यों तू दिल धड़काते हो?
सावन आते हो……
वैरन बन जाती है नित शाम सुहानी,
टिप टिप टिप टिप जब बरसता पानी।
मेरी मुश्किल बढ़ जाती है, मेरे सावन,
गीला करके तू, क्यों लट उलझाते हो?
सावन आते हो……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबन)बिहार

भोजपुरी गीत : फूलवा फुलायल बसंती

फूलवा फुलायल बसंती फूलवरिया,
कहवां भुलायल मोरा सांवरिया?
रस टपकावेली रसवंती हो रामा,
कहवा गईलन मोरा सांवरिया?
चमकेला सूरज ऊपर से चम चम,
बुझाला हमरा के काहे अंहरिया?
फूलवा फुलायल……….
पिऊ पिऊ पपीहा करे सारी रे बगिया,
कुहू कुहू कोयलिया लगावेली अगिया।
बहेला बयार मस्त बसंती हो शीतल,
कहवाँ गईलन छोड़ मोरा सांवरिया?
फूलवा फुलायल………..
पनिया भरन गईली पनघट पर रामा,
छूटल हाथ से, फूट गईल हे गागरिया।
सूरज के धूप में, छाइल कैसे बदरिया,
चली डगरिया, लोगवा मारे नजरिया।
फूलवा फुलायल………….
देख लेलन बाट चलत मोहे बटोहिया,
हो गईल शोर सारी सारी हे नगरिया।
दिल धड़के, चमके जब जब बिजुरिया,
मुश्किल में पड़ गईली हम गुजरिया।
फूलवा फुलायल…………..
प्रमाणित कईल जाला कि हई रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित बिया।
रचना के सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित बाटे।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

उमड़-घुमड़ आए कारे-कारे बदरा : कजरी गीत इन हिंदी लिरिक्स Savan Ki Kajari Geet Lyrics In Hindi

उमड़-घुमड़ आए कारे-कारे बदरा
प्यार भरे नैनों में मुस्कुराया कजरा
बरखा की रिमझिम जिया ललचाए
भींग गया तन-मन भींग गया अंचरा
मौसम ने ली अंगड़ाई
चुनरिया उड़ी-उड़ी जाए
बैरी बदरा जिया हर्षाए
बिजुरिया होश उड़ाए
उमड़-घुमड़ आए कारे-कारे बदरा
प्यार भरे नैनों में मुस्काया कजरा
कजरी गाएं सखियां सारी
मन की पीर बढ़ाएं
बूंदें लगती बाण के जैसे
गोरा- सुन्दर बदन जलाएं
उमड़-घुमड़ आए कारे-कारे बदरा
प्यार भरे नैनों में मुस्काया कजरा
खेतों में फसलें लहराईं
बागों में पड़ गये झूले
लम्बी पेंग भरी गोरी ने
तन खाएं रह-रह हिचकोले
डॉ मीना कुमारी 'परिहार'

बरसे सावन के बदरवा : कजरी गीत इन हिंदी लिरिक्स Savan Ki Kajari Geet Lyrics In Hindi

भोजपुरी कजरी लोक गीत – झुलवा झुलाई दा
बरसे सावन के बदरवा,
पिया हमके झुलवा झुलाई दा।
बहे मोरे अँखिया के कजरवा,
बलम गाई कजरी सुनाई दा।
पिया हमके झुलवा झुलाई दा।

सखिया झूले ननदी झूले,
तोहार भौजी झूले केसिया खुले।
हरियर सड़िया पिया तू मंगाई दा।
पिया हमके झुलवा झुलाई दा।

लागल लोक डाउन बहरी ना गइली।
पिया परदेशी तोहरों मुंह ना देखली।
धई आवा रेलगड़िया सुरतिया देखाई दा।
पिया हमके झुलवा झुलाई दा।

अमवा के डरिया पिया झुलवा लगईहा।
बैठाई हमके श्याम पेंगीया तू लगईहा।
चम चमके बिजुरी झम बरसे बदरवा।
साजन हमरे अंचरवा जुड़ाई ला।
पिया हमके झुलवा झुलाई दा।

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
बोकारो झारखंड -9955509286
सावन का कजरी गीत

सावन का कजरी गीत - भोजपुरी कजरी गीत - कजरवा बही आइल सजनी #kajari Geet

लगा दा अंचरवा के छइया बदरवा घिरी आइल सजनी।
भरी ला मोहे गोरी बहियां कजरवा बही आइल सजनी।
गरजे ला बदरा त बड़ा डर लागे।
चलिया तोहार धरती डोले लागे।
खेतवा सगरो बढ़िआइल सजनी।
कजरवा बही आइल सजनी।
चमके बिजुरिया नजरिया चमक जाए।
तोहरे रूप के अंजोरिया मनवा बहक जाए।
वर्षा के पनिया नदिया चढ़ी आइल सजनी।
कजरवा बढ़ी आइल सजनी।
प्यार वाली बोलिया खातिर तरसे मोर मनवा।
तोहरे मे अटकल बाड़े मोर परनवा।
बरखा मे काहे गइलू खिसियाइल सजनी।
कजरवा बही आइल सजनी।
श्याम कुंवर भारती
बोकारो झारखण्ड

सावन कजरी क्या है? लोकगीत कजरी सावन गीत | देहाती कजरी गीत

सावन कजरी गीत Sawan Kajari
हरि हरि चूड़ियाँ पर
हरिहर साड़ियाँ पहिन कइले
रही सोलहों श्रृंगार ये ननदों
दगा बाज पिया अबकियो ना
अइले
बरसत बा सावन के फुहार
बह चलल बा पानी के धार
जियरा में उठल बा हिलोर ननदों
दगा बाज पिया अबकियो ना
अइले
मन करत रहें झूले के झूला
मनवाँ में उठत बा हिलोरा
हो गइल अबकी के सावन भी बेकार ननदों
दगा बाज पिया अबकियो ना
अइले
अजय सिंह अजनवी
छपरा

Rim Jhim Barse Sawan Ke Badariya Sawan Kajari Geet Lyrics Hindi

सावन झूला कजरी गीत Sawan Kajari

झूला
आजा ओ आजा ओ साजन
झूला झूलाने आजा।
मेरे प्यारे- प्यारे साजन
ओ अच्छे साजन आजा।
बागों में आजा ओ साजन
दिल से दिल तोह मिला जा।
प्यारी कालिया महक रही
इन कलियो को महकजा।।
आजा ओ प्यारे साजन।।
अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश

कजरी गीत लिरिक्स हिंदी Sawan Ki Kajari Geet सावन शायरी

कजरी
कारी - कारी झुकी आई रे बदरिया ना,
गौरी बगिया में, गौरी बगिया में गावे री काजारिया ना.....।।
हम तो जोगना के भेश, पिया गइल परदेश,,
मोरे नाही धानी रए कजारिया ना...2।
आइले सावन की बहार कोयल गावे ली मल्हार,,
डोले पवनवा से अमुवा की डालियां ना....2।।
कारी - कारी झुकी रए.......3
कवयित्री - अनुपम सिंह

भोजपुरी कजरी गीत लिरिक्स— सवनवा में ना अइबो ननदी

आई गइली बरखा बहार हो,
सवनवा में ना अइबो ननदी।

सावन के फुहार तन में अगिया लगावेला।
सखी सब मिलीजुली झुलवा झुलावेला।
नाही अइले बलमा हमार हो।
सवनवा में ना अइबो ननदी।

सावन के रात हमके नागिन जईसन डंसेले।
भौजी के बात हमके तीर जईसन धंसेले।
आजा तानी बलमा हमार हो।
सवनवा में ना अइबो ननदी।

झूमी झूमी बदरा पनिया बरसावेला।
रही रही जियरा में दरदिया उठावेला।
भूली गइला बलमा हमार हो।
सवनवा में ना अइबो ननदी।

पवन के झ्ंकोरा मोरा अँचरा उड़ावेला।
सावन के महीना मोरा मन के लुभावेला।
कईसे लूटी सावन के बहार हो।
सवनवा में ना अइबो ननदी।
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
गीतकार /कवि /लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड 9955509286

भोजपुरी बिरह गीत – करी केकेरा प सिंगार बलमु

कईला काहे हमसे अइसन तू प्यार बलमु।
छोड़ी दिहला हमके तू मजधार बलमु।
तोहरे बिना लउके हमके सगरो अनहरिया।
अंसुवे मे डूबल जाता हमरो उमरिया।
कइला काहे हमसे तू नैना चार बलमु।

छोड़ी दिहला हमके तू मजधार बलमु।
तन औरी मन राजा तोहके सब सउपली|
मन के मंदिरवा तोहे देवता नियन पुजली।
दगाबाज बनला काहे मोर दिलदार बलमु।

छोड़ी दिहला हमके तू मजधार बलमु।
गाँव के बगइचवा संझवा रोज हमके बुलवला।
प्यार वाली झूठ बतिया से हमके भरमवला।
नेहिया सौतिनिया लगाई भइला तू गद्दार बलमु।

छोड़ी दिहला हमके तू मजधार बलमु।
हम नाही जनली कबों दगा हमसे करबा।
भरी मंगीया सेनुरवा छाँव अँचरा मोर रहबा।
छोड़ी परईला करी केकरा प सिंगार बलमु।
छोड़ी दिहला हमके तू मजधार बलमु।

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब 9955509286

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