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डॉक्टर्स दिवस पर डॉक्टर के सम्मान में शायरी Poem On Doctors Day Hindi

डॉक्टर दूसरा भगवान होता है : Doctor Diwas Par Kavita - Poem On Doctors Day Hindi

डॉक्टर दूसरा भगवान होता है
(डॉक्टर दिवस विशेष कविता)

डॉक्टर दिवस क्यों मनाया जाता है?

(स्वर्गीय डॉक्टर बिधान चंद्र राय (पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य मंत्री) को उनके जन्म दिवस पर कोटि कोटि नमन/प्रणाम। इस महान् डॉक्टर को सम्मान देने हेतु हमलोग उनके जन्म दिन को डॉक्टर्स दिवस के रूप में मनाते हैं)

कविता की पंक्तियां

जब दुर्घटनाओं में घायल या रोगों के चंगुल में इंसान होता है,
तो धरती पर एक डॉक्टर ही, उसके लिए दूसरा भगवान होता है।
कोरोना काल में हमने एक डॉक्टर की अहमियत देखी ध्यान से,
किसी बीमार इंसान के जीवन में, इससे बड़ा क्या वरदान होता है?
जब दुर्घटनाओं में…

एक डॉक्टर की सेवा भावना ही उसे भगवान बनाती है जग में,
डॉक्टर ही सब कुछ होता है, जब मौत के साथ घमासान होता है?
एक डॉक्टर बीमार इंसान को, मौत के मुंह से निकाल लेता अक्सर,
अपनी काबिलियत पर, एक डॉक्टर को कभी नहीं गुमान होता है।
जब दुर्घटनाओं में…

जहां कुशल डॉक्टर मौजूद, काली रात के बाद भी बिहान होता है,
यमराज को खाली हाथ लौटना पड़ता तो, वह भी हैरान होता है।
वक्त से पहले कभी नहीं धरती पर कोई इंसान कुर्बान होता है,
डॉक्टर कभी अकेला नहीं होता, उस पर प्रभु मेहरबान होता है।
जब दुर्घटनाओं में…

बड़ी लम्बी थकाने वाली होती है डॉक्टरी की पढ़ाई दुनिया में,
तन से जैसा भी हो डॉक्टर, दिल दिमाग से पहलवान होता है।
कोरोना जोरों पर है, डॉक्टर की तारीफ हमेशा कम लगती,
हर डॉक्टर संकट काल में, रोगी का बड़ा कदरदान होता है।
जब दुर्घटनाओं में…

हमें सम्मान करना चाहिए डॉक्टर्स का, हमेशा तहे दिल से,
उस जगह कभी खुशी नहीं, जहां डॉक्टर का अपमान होता है।
कोरोना महामारी ने जग को डॉक्टर का महत्व समझा दिया,
आज हमें डॉक्टर के ऊपर वास्तव में अभिमान होता है।
जब दुर्घटनाओं में…

“कोरोना काल में काबिले तारीफ है काम,
डॉक्टर दिवस पर हर डॉक्टर को सलाम।,,

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

हर इंसान डॉक्टर को भगवान मानता हैं : Happy Doctors Day Quotes Wishes Hindi

शिर्षक :- चिकित्सक
चहुं ओर जब मचा हाहाकार
लोगों ने निरंतर खोया हर बार।
गिड़गिड़ा रहे लोग अपनों को बचाने के लिए
तड़प रहे लोग ऑक्सीजन पूर्ति के लिए।
परंतु डटे रहे अपने फर्ज पर चिकित्सक गण
जगाते रहे सब में आशा की किरण।
जान हथेली पर लिए दिन गुजारते कहीं रात गुजार कहीं हैं
हर संभव कोशिश करते हिम्मत ना कभी हारते हैं।
नहीं करते वो कभी आराम
नींद भी है उनके लिए हराम।
अपना दर्द सब से छुपा कर
रहते हैं अपने परिवार से दूर।
हर संभव मानवता का फर्ज निभा रहे हैं
कोई फर्क नहीं अमीर है या ग़रीब है।
रूप है कैसा ईश्वर का कहां कौन जानता है
हर इंसान डॉक्टर को भगवान मानता हैं।
Vandna Kumari

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