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यादें उनकी बहुत सताती हैं! यादें शायरी हिंदी में Yaadein Shayari

अतीत की यादें शायरी | खूबसूरत यादें शायरी

यादें उनकी बहुत सताती हैं!!
दिल में अरमान जब मचलते हैं!!
एक दिन उन पे फूल बरसेंगे!
प्यार की आग में जो जलते हैं!!
वो है मेरा फसाना-ए-उल्फत!
लोग सुन कर जिसे उछलते हैं!!

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यादें शायरी दो लाइन तस्वीरें | दोस्तों की यादें शायरी फोटो

गजल
डगमगाते हुए जो चलते हैं!
गिरते-गिरते भी वो संभलते हैं!!

ये भी अंदाज़-ए-मैकशी है, खूब!
रोज सागर नये बदलते हैं!!

याद उन की बहुत सताती है/
यादें उनकी बहुत सताती हैं!!
दिल में अरमान जब मचलते हैं!!

वो है मेरा फसाना-ए-उल्फत!
लोग सुन कर जिसे उछलते हैं!!

बख्त में जब लिखी हो महरूमी!
हौस्ले दिल के,कब निकलते हैं!?

एक दिन उन पे फूल बरसेंगे!
प्यार की आग में जो जलते हैं!!

यादें शायरी 2 लाइन | Yaadein Quotes

कुछ बशर मुफ्लिसी में पलते हैं!
कुछ अमीरी की रह पे चलते हैं!!

मुफ्लिसी में पढे-लिखे हैं जो!!
वो"तवारीख"भी बदलते हैं!!

संग के जैसे संगदिल अरबाब!!
मोम के जैसे कब पिघलते हैं!?

क्या बहलने की सूरतें होंगी ?!
हम, हसीनो से जो बहलते हैं!!

जो डगर पुरख़तर है दुनिया में!
यारो!, हम उस डगर पे चलते हैं!!

मोम के जैसे संगदिल इन्सान!!
हो जो एखलाक तो पिघलते हैं!!

दिल दुखा हो,"दिलीप"!, जब अपना!
शेर सांचे में ग़म के ढलते हैं!!!

"राम"ही हैं, जिगर,फिराक-व-मीर!!!
रोज नाम अपना ये बदलते हैं!!!
नोट :- इस तवील और मुन्फरिद गजल के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
डाक्टर रामदास इन्सान प्रेमनगरी, द्वारा डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी, खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची-834001,झारखण्ड, इण्डिया!

Yaadein Shayari 2 Line - यादें मुक्तक

सागर
सागर किनारे बैठी हूँ
तुम्हें याद मै करती हूँ
आँख भर जाते हैं मेरे
उस पल को याद करती हूँ।
अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश
कुछ यादें मीठी सी है,
कुछ यादें बड़ी दुखभरी है।
पल में बदलता है सबकुछ यहां,
जिंदगी की कहानी बड़ी निराली है।

तेरी महक यादें शायरी Yadein Shayari

हर तरफ हवाएं लाती है बदन की महक तेरी।
उठती है हर वक्त याद मे मुझे अब कसक तेरी
ऐसा नहीं था पहले किसी की याद की बेचैनी
क्यो जलाती है पल पल मुझे अब दहक तेरी।
श्याम कुंवर भारती

मुक्तक - तेरी आहट यादें शायरी Yadein Shayari

हर आहट तेरे आने का सबब होता है क्यो।
हर शय तेरे होने का यकीं दिलाता है क्यो।
बिन तेरे गुजर मगर मेरा अब जरा होता नहीं।
गुजरा हर लम्हा संग तेरे मुझे सताता है क्यो।
श्याम कुंवर भारती।

मुक्तक - तेरा मुरीद यादें शायरी Yadein Shayari

मै तेरा मुरीद और तू मेरा खुदा हो जाए।
मै तुझपर और तू मुझपर फिदा हो जाए।
हो न हालात कभी कोई दरमयां हम दोनों।
मै तुझसे और तू मुझसे जुदा हो जाए।
श्याम कुंवर भारती
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