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नज़र बेताब दिल भारी न करना– बेताब नज़र बेचैन दिल शायरी

नज़र बेताब दिल भारी न करना।
मिरे ग़म की अ़ज़ादारी न करना।

Betaab Nazar Bechain Dil Shayari Hindi

नज़र शायरी फोटो Shayari On Eyes Image

नज़र शायरी फोटो Shayari On Eyes Image

ग़ज़ल
नज़र बेताब दिल भारी न करना।
मिरे ग़म की अ़ज़ादारी न करना।

कभी भी ऐसी ग़द्दारी न करना।
मुह़ब्बत में रिया कारी न करना।

ख़ुदा दौलत अगर दे आप को तो।
ग़रीबों की दिलाज़ारी न करना।

मिले ओहदा अगर मुन्सिफ़ का तुमको।
किसी की भी तरफ़दारी न करना।

तिरी रग-रग से वाक़िफ़ हैं सनम हम।
कभी भी हम से अ़य्यारी न करना।

जो तुमको चाहता हो दिल से उससे।
मिरे दिलबर अदाकारी न करना।

सितम ढाऐगा तुम पर और भी वो।
सितमगर से वफ़ादारी न करना।

उतर कर तुम हमारे ज़ह्न ओ दिल में।
मुह़ब्बत हम से बाज़ारी न करना।

नहीं हों क़द्रदाँ इन्साँ जहाँ पर।
वहाँ हरगिज़ कला - कारी न करना।

फ़राज़ अम्न - ओ -अमाँ गर चाहते हो।
किसी पर भी सितमगारी न करना।

सरफ़राज़ हुसैन "फ़राज़" मुरादाबाद

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