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दिल को दिल से यूं मुहब्बत हो गई है– Dil Se Mohabaat Shayari

मोहब्बत शायरी 2 लाइन | दिल से मोहब्बत शायरी

दिल को दिल से यूं मुहब्बत हो गई है।
आतिशी दोजख भी ठंडी हो गई है।

कारवां चलता रहा है आरजू का,
दुश्मनी भी आज रुखसत हो गई है।

शोज आंखों की कहानी थी यहां पर,
अनकही दिल की कहानी हो गई है।

प्यार, नगमों से बयां क्या कर सकी मैं,
जर्रा जर्रा अब दीवानी हो गई है।

क्या खता थी आयशा की यह बता दो,
जालिमों की क्यों ज़रूरत हो गई है।

रूह तड़पी इक मोहब्बत के लिए है,
प्यार आशिक की तिजोरी हो गई है।

आह, सोना कैसी किस्मत पाई है कि,
बेटियों की यह कहानी हो गई है।

शगुफ़्ता रहमान 'सोना'

खफा खफा ज़िन्दगी शायरी | नाराज़ मोहब्बत शायरी

ग़ज़ल
मिरे हबीब तू मुझसे खफा खफा क्यूं है।
मिरा नसीब ही मुझसे जुदा जुदा क्यूं है।

तेरे फरेब से आसान थी जफा मेरी
हुजूर अब मेरे लिए ये वफा वफ़ा क्यूं है।

उसी ने मुझसे मेरा दामन छुड़ा लिया है,
इसमें मुझ गरीब की बता खता खता क्यूं है।

कभी तो राह मिलेगी जो तेरे दर पे होगी,
इसी सवाल से धड़कन मिरी रवां रवां क्यूं है।

रही खलिश दिल में चाहूं क्यूं इसे मैं ही,
ये हो रही खलिश ही मेरी दवा दवा क्यूं है

लगा के गुल को अरमान से पाले है माली
जर्रा जर्रा कहे गुल फिर खफा खफा क्यूं है।

चला है हर इक राही इसी डगर से ही,
हरेक राह फिर मुझसे जुदा जुदा क्यूं है।

मिली है राह तो मिल जाएगी खुशी सोना
परिंदा मिरे ख्यालों का उड़ा उड़ा क्यूं है।

शगुफ्ता रहमान 'सोना'
काशीपुर,उधमसिंहनगर, उत्तराखंड

सच्ची मोहब्बत शायरी | खूबसूरत मोहब्बत शायरी

गजल
आसां नहीं है बातें गुल से हजार करना
किसको हुआ मयस्सर दिल की बहार करना

शम्मा की तरह से जलती रही जहां में
करता वही हिफाजत जाने हिसार करना

मतलब के वास्ते ही आते रहे गुलिस्ता
महके हुए चमन में फिर से मदार करना

लुट जाए कारवां जब हाथ से तुम्हारे
रह आशिकी में अपनी तुम जां निसार करना

आ जाए जिंदगी में उसका ख्याल करना
होगी वही तबस्सुम तुम दिल की फुवार करना
शगुफ्ता रहमान 'सोना'
ऊधमसिंहनगर उत्तराखंड

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