Shadi Shayari | Shadi Mubarak Shayari | Nikah Shayari
ग़ज़ल
किस क़दर दिलकश ह़सीं है अपनी ह़सरत की दुल्हन
मिल गयी हमको मुक़द्दर से मुह़ब्बत की दुल्हन
तुमसे पहले हर तरफ़ मायूसियों के साये थे
ज़िन्दगी तुमने हमारी मिस्ले जन्नत की दुल्हन
Love Shayari For Wife
हर ख़ुशी घर की सलामत है तुम्हीं से इसलिए
रात दिन हमने तुम्हारी दिल से मिदह़त की दुल्हन
शामयाना सी लगें हैं उसकी ज़ुल्फ़-ए-अम्बरी
जब भी लहराती है ज़ुल्फ़ें मेरी चाहत की दुल्हन
Pati Patni Ki Shayari
जोड़ियाँ बनतीं हैं सबकी रब के ही दरबार में
सबको मिलती है यहाँ पर अपनी क़िस्मत की दुल्हन
क्यों बहाऊँ अश्क में फ़ुर्क़त में उनकी यार जब
उनकी यादें बन गयीं हैं मेरी फ़ुर्क़त की दुल्हन
Shayari For Wife In Hindi
सुर्ख़ जोड़े में तुम्हें देखा तो हम को यूँ लगा
आज देखी जैसे हमने इक ह़क़ीक़त की दुल्हन
मिस्ले जन्नत ज़िन्दगानी हो गयी उसकी फ़राज़
मिल गयी जिसको जहाँ में अच्छी आ़दत की दुल्हन
Romantic Shayari For Wife In Hindi
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसाना मुरादाबाद यू.पी.
Shayari For Wife | Husband Wife Shayari | Romantic Shayari For Wife
दुल्हा-दुल्हन शायरी | Dulha Dulhan Shayari
ग़ज़ल
फूल है शबनम है शीशा रश्के जन्नत है दुल्हन
हर जवाँ बेटे के माँ के दिल की ह़सरत है दुल्हन
मिल गयी आने से जिसके सब अ़ज़ीज़ों को ख़ुशी
ऐसा लगता है के जैसे घर की ज़ीनत है दुल्हन
Husband Wife Love Shayari
जब से आए हैं क़दम तेरे मिरी दहलीज़ तक
बस उसी दिन से मिरे आँगन में फ़रह़त है दुल्हन।
जो भी मिलता है वो करता है तुम्हारी ही सना
मुस्कुराकर सबसे मिलना अच्छी आ़दत है दुल्हन
Wife Ke Liye Shayari
शामयाना ज़ुल्फ़ का हो या के तिल हो गाल का
आपकी तो हर अदा ही ख़ूबसूरत है दुल्हन
शर्म से पलकें झुका कर मुस्कुरा कर देखना
कितनी प्यारी आपकी हर इक नज़ाकत है दुल्हन
Shayari On Husband Wife Relation
अब किसी शय की तरफ़ माइल नहीं होता फ़राज़
आपसे ऐसी हमारे दिल को क़ुर्बत है दुल्हन
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसाना मुरादाबाद
दुल्हन पिया घर चली गीत - Dulhan Shayari | दुल्हन शायरी
लाल जोड़े में सज धज तैयार दुल्हन पिया घर चली,
सूना कर के बाबुल का द्वार दुल्हन पिया घर चली।
दुनिया सदियों से ये बात,है सदा कहती ही आई,
बेटी माँ बाप के घर में सदैव होती है पराई,
पिता की पगड़ी की रख लाज दुल्हन पिया घर चली।
सूना कर के बाबुल का द्वार दुल्हन पिया घर चली।
मनमोहिनी मनोरम मूरत मन मोहिती हर किसी का,
भोली भाली भावुकता भरी भार्या भरे मन सभी का,
आँखों मे डाल कजरे की धार दुल्हन पिया घर चली।
सूना कर के बाबुल का द्वार दुल्हन पिया घर चली।
दूल्हे ने दुल्हन की सिंदूरी रंग से मांग सजाई,
ताली बजा कर नाच गाकर नव दम्पति को दी बधाई,
ढोल नगाड़ों के साथ साथ है दुल्हन पिया घर चली।
सूना कर के बाबुल का द्वार दुल्हन पिया घर चली।
मनसीरत महकता महक से आँगन हुआ सूना सूना,
बेटी की शादी में तात सजाया घर का कोना कोना,
देकर पीहर को खुशियाँ हजार दुल्हन पिया घर चली।
सूना कर के बाबुल का द्वार दुल्हन पिया घर चली।
लाल जोड़े में सज धज तैयार दुल्हन पिया घर चली।
सूना कर के बाबुल का द्वार दुल्हन पिया घर चली।
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
Lagta Hai Ki Maang Uski Sajana Hi Padega|| अब तोड़ के तारे मुझे लाना ही पड़ेगा
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