ऐ मेरे प्यारे बचपन, तुम लौट के आओ ना— बचपन शायरी Bachpan Shayari
आमन्त्रण
ऐ मेरे प्यारे बचपन, तुम लौट के आओ ना।
खुद आओ या, मुझको अपने पास बुलाओ ना।।
खूब लोटना, धूल पोतकर,मम्मी के आँचल मे छुपना।
डाँट डपटकर, पास बिठाकर,
होले होले धूल पोँछना।।
ममता की वह छाँव, मुझे फिर से दे जाओ ना।
ऐ मेरे प्यारे........
सुबह शाम पूरब से बहती,
शीत सुगंधित पुरवाई,
झूम रही बौरों से लदी,
मेरे भागों की अमराई।
तरस गया हूँ,उस पल को
एक झलक दिखाओ ना।।
ऐ मेरे प्यारे........
पाताल लोक से, जब रहटेँ,
पानी लेकर के चलतीं धीँ।
बैलों के गले की जब घँटी,
टुन टुन टून टुन कर बजती थीं।।
तुम इस गदगद मन को वही
सँगीत सुनाओ ना।।
ऐ मेरे प्यारे...........
जहाँ जहां पडती थीं नजरें
बस हरीयाली ...हरियाली।
नीले पीले लाल फूलों से.
फसलें लगती मतवाली।।
एक बार मेरी आँखों को तुम,
वही दृश्य दिखाओ ना।।
ऐ मेरे प्यारे...............
ककडी तोडना, साग खोटना,
आलू खोदियाना खेतों मे।
सब्जी का बाजार लगा था,
कोसों तक उन खेतों मे।।
जिन खेतों मे भी तुम चाहो,
बस,घुस जाओ ना।।
ऐ मेरे प्यारे...............
गुल्ली डँडा सुटुर,, गुडुल,
जब लखनी खेला करते थे।
तुम्हीं कहो चिंता थी कोई,
हर चेहरे हँसते रहते धे।
होठों की मुस्कान वही,
तुम फिर दे जाओ ना।।
ऐ मेरे प्यारे............
देखो कितना दूर हो गया,
जग इन नन्ही खुशीयों से।
गली गली और शहर शहर,
भरा पडा है दुखियों से।
लालच है, दहसत हे, डर है,
निडर बनाओ ना।
ऐ मेरे प्यारे................
जब से तुम बिछडे हो बँधू,
अजब अजब सा होता है।
कमर दर्द से फटता है,
घूटना भी धोखा देता है।
ज्योति हो गए मँद नयन की,
बाल गिर गए थरती पर।
दाँतो के गिर जाने से,
चोखा चटनी भी चुभता है।
हे बेदर्दी ,हे निर्मोही, कभी,
हाल पूछते जाओ ना।।
ऐ मेरे प्यारे बचपन तुम,
लौट के आओ ना।।।
ओमप्रकाश
बचपन की यादें इमेज-Hindi Poems For Kids
पुराने दोस्तों के लिए शायरी
बेफ़िक्र हो के ज़ीस्त बिताने के दिन गये।
मनमानियों की नाव चलाने के दिन गये।
पतंग उड़ाने की शायरी
मौज मनाने पर शेर
ख़्वाबों की अब पतंग उड़ाने के दिन गये।
यारों के साथ मौज मनाने के दिन गये।
सीने से लगाने पर शेर
दो गज की दूरी वक़्त की है माँग आजकल
सीने से अब किसी को लगाने के दिन गये।
घूँघट में गोरियों के लजाने पर शायरी
बदला समय है, बदले हैं रस्मो रिवाज़ भी
घूँघट में गोरियों के लजाने के दिन गये।
हाल सुनने सुनाने वाली शायरी
तकनीकियों ने बीच की दूरी बढ़ा दी और
अब मिल के हाल सुनने सुनाने के दिन
गये।
होली,दिवाली,ईद मनाने पर शायरी
हीरा जुटाना रोटियाँ भी अब मुहाल है
होली, दिवाली, ईद मनाने के दिन गये।
हीरालाल यादव हीरा
0 टिप्पणियाँ