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गणतंत्र दिवस पर जोश और प्रेरणा से ओतप्रोत कविता | Republic Day Poetry in Hindi

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देशभक्ति कविता

भारत के लाल

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Republic Day Poetry in Hindi

भारत भू का शौर्य पुराण,
अतुलित है तेरा बलिदान
विश्व की शान्ति दूत धरा है
पर अरि जब देता ललकार,
कभी ना मानी इसने हार
जियो -जियो भारत के लाल!

गंगा यमुना हिंद का सागर,
तेरे पद-रज को लेकर ही
पुण्य धरा को सिंचित करते
वन पर्वत घाटी का ज़र्रा,
तेरी साँसों से ही सहमते
जियो-जियो भू के सरताज!

अरि-दल में जिससे भय व्यापै,
अपनी हड्डी की मशाल से
नैनों में हालाहल भरके
करते जुल्मी का संहार
कौन लिखे इतिहास तुम्हारा?
जियो-जियो ऐ पुण्य प्रकाश!

अंबर पर घन जब छाएगा,
तब-तब लहू बने चिंगारी
जन्म- मरण का मोह छोड़कर,
तुम हो जाते हो कुर्बान
धरती माँ की आँख के तारे,
जियो जियो भारत के भाल!

धन साम्राज्य नहीं हैं माँगते,
पर शत्रु जो आँख दिखाता
तुरंत उतारते मौत के घाट
निशक्त और निराश नहीं हैं
करते हैं तम का परिहार जियो-जियो भारत के ढाल!
अजातशत्रु बन देश हमारा,
अहिंसा को अपनाता है कोटि-कोटि आदर्श को लेकर,
संस्कृति वरण यह करता है,
संस्कृत पुण्य धरा का नायक
जियो-जियो ऐ वीर जवान!
बबिता सिंह
हाजीपुर वैशाली बिहार

सरल देशभक्ति कविता | देशहित पर कविता

राष्ट्र की जय
तिमिर चीरती नए क्षितिज पर उगती नई किरण की जय,
अपने जन-गणतंत्र राष्ट्र की जय,अपने जन-गण की जय।

जय उस सपने की जो उठकर,छू आए आकाश नया,
हर बुझने वाले दीपक को, जो दे चले प्रकाश नया,
जय हर पत्थर की जो युग की, बन जाए आधारशिला,
जय हर अक्षर की जो युग का लिख जाए इतिहास नया,

जो अनजाना रहे सदा,उस मूक,मौन अर्पण की जय।
अपने जन-गणतंत्र राष्ट्र की जय,अपने जन-गण की जय।

पाकर जिसका स्पर्श प्रज्वलित हो जाए बुझता जीवन,
पाकर जिसकी शक्ति धूल का कण-कण हो जाए चेतन,
आत्मघात कर तिमिर गरल पी सो जाए चिर निद्रा में,
जिसके इंगित पर मुस्काऐं शत-शत स्वर्णिम नई किरण,

उस चिनगारी और राष्ट्र-जीवन के आलिंगन की जय।
अपनें जन-गणतंत्र राष्ट्र की जय,अपने जन-गण की जय।
कवि अशोक गोयल पिलखुवा 
8218065876
9259053955

भारत देश है प्यारा — गणतंत्र दिवस पर जोश भर देने वाली देशभक्ति कविता Republic Day Poetry in Hindi

भारत देश जगत में प्यारा।
दुनियां में सबसे है न्यारा।।
दक्षिण में सागर लहेराए।
पूरब में हिमालय निराला।।

भाषा सबकी अपनी होती।
लोग अलग जाती के रहते।।
एकता की मिसाल है देश।
त्यौहार साथ साथ मनाते।।

टुकड़ों में बट गया देश है।
दुश्मन को सबक सिखाते है।।
भारत वासी सैनिक बनकर।
गद्दार को दूर भगाते है।।

दुश्मन की हर चाल को हमें।
नाकामयाब मिलकर करना।।
प्यारी भारत भूमि पर हमें।
गगन में तिरंगा फहराना।।
पद्माक्षि शुक्ल

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