दीपावली दरवाजे की शायरी-Diwali Poem
रौशनी का त्योहार
HAPPY DIPAWALI
दीपावली पर विशेष शायरी
दीवाली
HAPPY DIPAWALI
दीपावली पर विशेष शायरी
दीवाली
रौशनी बन के छाई दीवाली
मेरे घर मुस्कुराई दीवाली
आओ इस को दिलों में भर लें हम
जो उजाला है लाई दीवाली
दीपावली के उपलक्ष में शायरी
हिज्र में यादों के दिये रख कर
अब के मैं ने जगाई दीवाली
ज़ुल्म की तीरगी से गुज़रे हैं
तब कहीं हम ने पाई दीवाली
कट गया मरहबा मेरा बनबास
आज मैं ने मनाई दीवाली
पैरहन उस का झिलमिलाता है
या के है जगमगाई दीवाली
प्यार की आग में जले थे जब
आज वो याद आई दीवाली
रखना रौशन मुझे युंही लोगो
दे रही है दुहाई दीवाली
शम्मे-उल्फ़त जलाएँ आओ हम
वस्ल की रुत है लाई दीवाली
दीपावली की शायरी
ज़की तारिक़ बाराबंकवी
सआदतगंज, बाराबंकी
उत्तर प्रदेश
फ़ोन :7007368108
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