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दिल में गमगीन चिराग जलाए बैठे हैं : ग़मगीन ग़ज़ल शायरी

Dil Mein Ghamgin Chirag Jalaye Baithe Hain : Gamgin Gazal Shayari


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Sad Ghazal Shayari in Hindi


ग़ज़ल
हम क्या थे और अब क्या हो गये हैं?
दिल में गमगीन चिराग जलाए बैठे हैं।

उम्मीद के हर क्षण अब मुझ से दूर,
उनके ही लौटने की आस जलाये बैठे हैं।

हम क्या थे और अब क्या हो गए हैं,
दिल में गमगीन चिराग जलाए बैठे हैं।

लौटीं न फिज़ायें दिखा जलवा अपना
हम द्वारा पर खाट बिछाए बैठे हैं।

हम क्या थे और अब क्या हो गए हैं,
दिल में गमगीन चिराग जलाए बैठे हैं।

चलें जायेंगे हॅंस कर यूंही तेरे कूचे से हम,
दे देना मेहमान को मेरा यह फरमाना।

हम क्या थे और अब क्या हो गए हैं,
दिल में गमगीन चिराग जलाए बैठे हैं।

(स्वरचित)
डाॅ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार

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