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बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर कविता शायरी शुभकामना संदेश

भारत रत्न डॉक्टर बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की जयंती पर कविता शायरी शुभकामना

जयंती पर नमन भारत रत्न डॉक्टर बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर को
हे संविधान के शिल्पी, जयंती पर कोटि कोटि नमन आपको,
आपने दिया है देश को, एक सुंदर और सशक्त संविधान।
आप नहीं होते तो, भारतीय गणतंत्र का कोई और रूप होता,
सदियों बाद जन्म ले शायद, देश में आपके जैसा कोई इंसान।
आपकी जन्म जयंती, हर बार कई नए संदेश लेकर आती है,
आपके साए में जी रहे हैं, असंख्य शोषित मजदूर और किसान।
हे संविधान के शिल्पी…
समता, एकता, अखंडता और संप्रभुता से सुसज्जित व पुष्पित,
हमेशा महकता और चहकता रहेगा, आपका प्यारा हिंदुस्तान।
जातीयता और ऊंच नीच की खाई को, कम किया था आपने,
जरूर उतरेगा धरा पर, किसी दिन नीला असीम आसमान।
पिछड़ों और दलितों को आपने जो रास्ता दिखलाया था कभी,
उसके लिए कितना भी करें, कम ही लगेगा आपका गुणगान।
हे संविधान के शिल्पी…
कोई कहता है कि संविधान से बनती है आपकी पहचान,
कोई कहता है, आपसे बनती है संविधान की पहचान।
जिंदगी आपकी, सदा चुनौतियों से भरी हुई रही महामानव,
फिर भी दूर रही थी, आपके जीवन सफर में सदा थकान।
आपने तो जैसे कोई पंख लगा दिया था, दबे कुचले लोगों को,
आसमान छोटा पड़ रहा है, सपने जब भरा करते हैं उड़ान।
हे संविधान के शिल्पी…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार

भारत के संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर

भारत के संविधान निर्माता महान समाज सुधारक,भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर शत-शत नमन,आप सभी को हार्दिक बधाई,शुभकामनाएं.. 
कविता
भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर
चौदह अप्रैल अठारह सौ इक्यानवे,
महू नगरी मध्यप्रदेश में जन्म लिया।
शुभ घड़ी नयनाभिराम सी वो बेला,
रामजी,भीमाबाई का मन हर्षाया।।

संविधान निर्माता बाबा साहेब थे,
महान क्रांतिकारी,परिवर्तनकारी।
घर-घर शिक्षा की अलख जगाई,
हिम्मत जीवन में कभी नहीं हारी।।

महिला उत्थान की ज्योति जला कर,
अधिकार दिलाने में भूमिका निभाई।
सेवा साधना परोपकारी भावना से,
सामाजिकता की अनुपम छवि समाई।।

संविधान से बढ़कर कोई नहीं दुनिया में,
संदेश सभी को यह,मन से बतलाया।
नहीं रहे कोई दीन-हीन,भूमण्डल पर,
झँडा ऊँचा रहे,जन-जन को समझाया।।

भारत रत्न अम्बेडकरजी की जयंती पर,
आप सभी को बधाई, और शुभकामना।
आओ सब मिलकर, जय जय कार करें,
सबका मंगल हो,यही ईश्वर से कामना।।
 
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)

बाबासाहेब आंबेडकर जयंती फोटो

Bhimrao Ambedkar image HD, 14 अप्रैल भीमराव आंबेडकर की जयंती पर Bhimrao Ambedkar Jayanti Wishes Quotes Status photo

डॉ भीमराव आंबेडकर जयंती की कविता हार्दिक शुभकामनाएं

कविता
भीमराव अम्बेडकर
थे राष्ट्र सपूत निडर
बढाए पग जिधर
हुआ कल्याण सबका
नमन करना चाहिए।
पनपे कीचड़ कमल
अडिग जीवन पटल
छुए शिक्षा शिखर
स्मरण करना चाहिए।
लड़ें भेदभाव खातिर
लौटाए सबकी जागिर
घबराए नहीं कभी
वंदन करना चाहिए।
रचे हमारा संविधान
पहने सादा परिधान
रहे निभाते कर्त्तव्य
मनन करना चाहिए।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार
स्वरचित एवं अप्रकाशित

भीमराव अम्बेडकर पर काव्य रचना : करेंगे उन्हें नमन

करेंगे उन्हें नमन
हम हिंदुस्तानी शीश झुकाएंगे, करेंगे उन्हें नमन
कदम पदचिन्ह पर बढाएंगे, करेंगे उन्हें स्मरण
खिलकर किचड़ में कमल, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बने नायाब
पीछे मुड़े नहीं, बढ़ते रहे ,पाकर मंजिल हुए कामयाब
किया रौशन माता-पिता का नाम, जगमगाते रहें प्यारा वतन
झूम उठा खुशी से आर्यावर्त, गूंजा वंदेमातरम से गगन
हम हिंदुस्तानी शीश झुकाएंगे, करेंगे उन्हें नमन।
कदम पदचिन्ह पर बढाएंगे, करेंगे उन्हें स्मरण।।
रहे लड़ते भेदभाव खातिर, बहायी धारा समभाव का
मुस्काते रहे थाम शिक्षा यंत्र, मिटाये निशान अलगाव का
बढ़ाया मान मां-बहनों का, जागी नारी सशक्तिकरण
लंघवाकर चौखट उनसे,लगे करवाने जुल्मों का दमन
हम हिंदुस्तानी शीश झुकाएंगे, करेंगे उन्हें नमन।
कदम पदचिन्ह पर बढाएंगे, करेंगे उन्हें स्मरण
बनकर प्रथम कानून मंत्री,किए सुदृढ़ कानून व्यवस्था
भरकर ऊंच-नीच की खाई,सुधारें दीन-हीन की अवस्था
रच दिए गौरवशाली इतिहास हमारा,बनाए अलौकिक संविधान
बांधे राष्ट्र को एकता सूत्र में, किए दूर सभी व्यवधान
हम हिंदुस्तानी शीश झुकाएंगे, करेंगे उन्हें नमन।
कदम पदचिन्ह पर बढाएंगे, करेंगें उन्हें स्मरण।।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार

14 अप्रैल बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर पर कविता

न कोई पिछड़ा- न कोई पछाड़ा है
न कोई दलित है- न कोई बेसहारा है
खेल यह सारा दमन- शोषण का है
शोणित शुद्र जाग उठा- हुंकार रहा है
विप्लव आया- चहुंओर शंखनाद् गुँजायमान् है
सभों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति होगी
सहकारी समिति- विवेकपूर्ण वितरण की व्यवस्था होगी
क्षमतानुसार तन-मन से समाज की सेवा करनी होगी
वर्ण व्यवस्था और रंग भेद मिटा वैश्विक सरकार बनानी होगी
दलितों के मसीहा आम्बेडकर की हर बात मानो तो प्रगति होगी
साहित्य सृजन में विश्व बँधुत्व की मिमांसा करनी होगी
सात्विकता की लहर तले अब कोरोना की कब्रें खुदेगीं
घर घर में दिवाली अगले साल मना कर हीं खुशियां होंगीं
Dr Kavi Kumar Nirmal

डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर

डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर
जन्मे मध्यप्रदेश के छोटे से गांव में
माता पिता की चौदहवी संतान थे
डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर
जन्म जात प्रतिभा से सम्पन थे
बहुत ही महान नेता थे
दया के देवता थे
करते अच्छा काम थे
करते है शत शत नमन आपको
डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी को।।।
अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश।

अछूत कहकर जिन्हें बिठाया पाठशाला में दूर, वही भीमराव आज

(छंदमुक्त काव्य रचना)
अछूत कहकर जिन्हें बिठाया पाठशाला में दूर,
वही भीमराव आज कहलाते है विश्व में कोहिनूर।
कलम उनकी ऐॆसी चली इस पुरे विश्व में,
इसीलिए वो ही कहलाते है ज्ञान का अनमोल दिव्य भंडार।

इस विश्व में इन्सानो,इन्सानों में कोई फर्क नहीं मगर,
यहां कई इन्सानों के साथ जानवर से बत्तर सलूक किया करते थे।
उन्हें नहीं था शिक्षा का भी अधिकार यहां पर,
ऐॆसी जाति धर्मों का खेल यहां पर कई लोग करते थे।

ज्ञान की रोशनी में जलाकर वही सब भेदभाव,
मानवता,समता और बंधूता के जनक बने भीमराव।
संविधान का करके निर्माण सभी को दिया मान सम्मान,
और लोकशाही की नींव रखकर सबको बना दिया इन्सान।

उसी भीमराव की कलम ने यहां कर दी नई क्रांति,
जिसे कहलाया गया था यहां अछूत बार-बार।
शिक्षा की ज्योति जलाकर पिछड़े हुए इन्सानों के मन में,
जला दिया सभी के जीवन में फैला हुआ अंधकार।

दो ही सुरज बने हुए इस सारे विश्व में,
एक आसमां में चमकता है सारे जहां में।
दुसरा ज्ञान का सुरज जिसने बनाया सबसे श्रेष्ठ संविधान,
उसी ज्ञान के सुरज ने बना दिया इस राष्ट्र को विश्व में महान।

अछूत कहकर जिन्हें बिठाया पाठशाला में दूर,
वही भीमराव आज कहलाते है विश्व में कोहिनूर।
कलम उनकी ऐॆसी चली इस पुरे विश्व में,
इसीलिए वो ही कहलाते है ज्ञान का अनमोल दिव्य भंडार।

प्रा.गायकवाड विलास
मिलिंद महाविद्यालय लातूर
9730661640
महाराष्ट्र

भीमजी के आने से

गीत
गजल
जनता जाने क्या फर्क पड़ा भीम के आने से।
भारत मे मोहताज नहीं दलीत पिड़ीत खाने से।। 

अमन शांती का पाठ सही पढ़ाया आपने हमे।
ज्ञान की शक्ति न्याय मिला तड़पे थे पाने सें।। 

सम्मान आपने दिलाया संविधानी मिला दिया ।
वर्ना रोखा था स्वर्नीयनोंने मंदिर जाने से।। 

सारे बंधन लाद दिये थे गुलामी वाले कैसे ।
पिडितो को इन्सान बनाया पढ़ाई बढ़ाने से।। 

पानी आजाद किया और मंदिर कालेज स्कूल।
हक मिले संविधान से चूनकर संसद मे जाने से।। 

आज चुनकर जाते संसद मे बैठने शान से अब।
जिने का हक दिया भीम ने खुद मुसीबते पाने से।। 

'शहज़ाद 'चौदा एप्रिल दिन महान महा मानव का।
भीम जयंती मानती सरकार अपने खंजाने से।। 

मजीदबेग मुगल 'शहज़ाद '
हिगनघाट जि वर्धा महाराष्ट्र
8329309229

संविधानी राजा भीमजी

ग़ज़ल
भीम बने संविधानी वो राजा है।
भारत के नागरिक उनकी प्रजा है।।
संविधान के विरोध में जो भी चले।
हा कानुन से उसे मिलती सजा है।।
आज़ाद देश में जब से बना संविधान।
कौन किस बात के लिये कब तजा है।।
दीन गरीब लाचार जिते शान से।
संविधान है इसलिए सबकी मजा है।।
सब के धर्म की सुरक्षा का हथियार।
संविधान नही होता सब की कजा है।।
"शहज़ाद" भीम ने सच एकता लायी।
संविधान ही उसकी एकमात्र वज़ा है।।
मजीदबेग मुगल "शहज़ाद"
हिगणघाट जि, वर्धा महाराष्ट्र
8329309229
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