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प्रेरणादायक कविता : रखा करो सबसे सरोकार

प्रेरणादायक कविता | Motivational Poem : रखा करो सबसे सरोकार

कविता
रखा करो सबसे सरोकार
हम हैं आपके बेटे, रिश्तेदार,
आ रहे हम आपके घर-द्वार,
घर से नफरत बाहर रखना,
देना हमें सिर्फ प्यार हीं प्यार।

नहीं चाह हमें नास्ता, खाने की,
करना हमसे सदा सद्व्यवहार,
नहीं मूंह फेरना मेरे आते हीं,
करना हमसे कुछ बात-बिचार।

यह जिन्दगी है छोटी सी,
रखा करो सबसे सरोकार,
मानव हीं मानव के काम आता,
फिर काहे को लफड़ा, मार।

गर कभी जरूरत पड़े "अकेला"की,
करना याद अवश्य एक बार,
जीवन में गर आपके काम आऊं,
हो जायेगा मेरा सपना साकार।

कौन यहाँ रहा है अमर,
रहेगा अमर कौन इस संसार,
आत्मा सिर्फ अजर-अमर है,
रहता अमर सद्विचार, संस्कार।
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अरविन्द अकेला, पटना।


प्रेरणादायक कविता | Motivational Poem : आओ सभी मिलजुलकर यहाँ

आओ सभी मिलजुलकर यहाँ
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आओ सभी मिलजुलकर यहाँ,
कुछ काम की बात करें,
कर लें मिलकर कुछ काम,
फिर आराम की बात करें।
आओ सभी मिलजुलकर...।

आओ चलें उस गाँव, शहर में,
जहाँ कुछ लोग भूखे हैं,
बुझायें उनके पेट की आग,
फिर रोजगार की बात करें।
आओ सभी मिलजुलकर...।

आओ चलें अब उस जगह,
जहाँ लोग खुले आसमान में सोते हैं,
आओ पोछें हम उनके आँसू,
जो भय, भूख से रोते हैं।
आओ सभी मिलजुलकर...।

आओ चलें हम उनके घर-द्वार,
जो अंधकार में रहते हैं,
झेल लेते जो भय,भूख,गरीबी,
पर उफ् तक नहीं करते हैं।
आओ सभी मिलजुलकर...।

धिक्कार है उन पार्टी,नेताओं की,
जो गरीब, गरीबी की बात करते हैं,
मरने देते हैं शोषित, वंचित, गरीब को,
सिर्फ अपनी तिजोरी भरते हैं।
आओ सभी मिलजुलकर...।

आओ चलें उन वीरों के घर,
जो देश की सीमा पर लड़ते हैं,
उफ्, आह तक कभी करते नहीं,
देश के लिये मरते हैं।
आओ सभी मिलजुलकर...।

नहीं करें सिर्फ अपनी बात,
कभी कभार देशप्रेम की भी बात करें,
रहें हिल मिलकर यहाँ सभी,
देश के लिये जियें, देश के लिये मरें।
आओ सभी मिलजुलकर...।
अरविन्द अकेला
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