भक्ति गीत : बसंत ऋतु में गजानन स्वामी
“श्री गणेशाय नमः, श्री गणेशाय नमः
गजानन एकदंत वक्रतुंड महाकाय नमः।”
गजानन स्वामी, बसंत बिताने आ जाओ,
रंगों की बरखा है, इसी बहाने आ जाओ।
वन उपवन में रंग बिरंगे फूल खिले हुए,
अमृत की वर्षा में, तुम नहाने आ जाओ।
गजानन स्वामी…………
हरियाली की चादर में लिपटी है धरती,
लगता है पल पल नीचे परी है उतरती।
अपने मूषक पीठ पर सवार होकर तुम,
प्रभु भक्तों को दर्शन अपने करा जाओ।
गजानन स्वामी………..
दिल खोलकर होगी, घर घर तेरी सेवा,
थाली भर भरकर तैयार है मोदक मेवा।
बाग बगीचों में जैसे स्वर्ग उतर गया है,
फूलों की क्यारी में, मोती बरसा जाओ।
गजानन स्वामी…………
रंग बिरंगे फूलों की मैं पहनाऊंगा माला,
तुम हो मंगलमूर्ति, तेरा रूप है निराला।
प्रभुजी बहा दो ज्ञान की गंगा दुनिया में,
अपनी कृपा दृष्टि से आशा जगा जाओ।
गजानन स्वामी………….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भक्ति गीत : हे भगवान गणेशा
“श्री गणेशाय नमः, श्री गणेशाय नमः”
हे भगवान गणेशा, तुम हो सबकी आशा,
हे शिव पार्वती संतान, कृपानिधान गणेशा।
कोई भेद भाव नहीं है, तेरे दरबार में देवा,
सबका कष्ट हरते, देते हो मुस्कान गणेशा।
हे भगवान गणेशा…………
जब कोई भक्त लगाता तुमसे कभी गुहार,
सारे काम छोड़कर तुम सुन लेते हो पुकार।
चरण शरण में आए हुए अपने भक्तों को,
तुम सदा समझते हो एक समान गणेशा।
हे भगवान गणेशा………….
किसी काम से पहले जग लेता तेरा नाम,
तुम बना देते हो प्रभु सबके बिगड़े काम।
खाली हाथ कोई नहीं लौटता, तेरे दर से,
जो पा लेता तेरे चरणों में स्थान गणेशा।
हे भगवान गणेशा…………
बड़े धूमधाम से दुनिया करती तेरी पूजा,
सुंदर सूरत में तेरे समान देव नहीं दूजा।
तुम ही तो त्रिलोक में प्रथम पूज्य देव हो,
तुमको मनाना, लगता है आसान गणेशा।
हे भगवान गणेशा…………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भक्ति गीत : वादा निभाना गणेश जी
श्री गणेशाय नमः
वादा अपना निभाना गणेश जी,
वादा अपना निभाना।
चाहे कुछ भी हो जाए देवलोक में,
इस साल नहीं जाना।
वादा अपना निभाना…………
तेरे आने से समय बदल जाता है,
हर्ष का नहीं ठिकाना।
तुम तो अंदर बाहर सब जानते हो,
प्रभु तुमसे क्या छिपाना?
वादा अपना निभाना……….
मेवा से होगी घर घर सेवा तुम्हारी,
मात्र मोदक भोग लगाना।
बिदाई से भक्त उदास हो जाते हैं,
संभव नहीं आंसू रोक पाना।
वादा अपना निभाना………..
जब देवलोक से आते हो धरती पर,
तुम मौसम लाते सुहाना।
वापस लौटने का जब दिन आता है,
कठिन है मन को समझाना।
वादा अपना निभाना………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
गणेश जी की आरती : गणेश जी के सुपरहिट भजन लिरिक्स इन हिंदी
भक्ति गीत : श्री गणेश दरबार
जो भक्त श्री गणेश के दरबार जाता है,
साथ अपने खुशियों का संसार लाता है।
भगवान गजानन जी, प्रेम के प्यासे हैं,
हर भक्त याचक है, शिवनंदन दाता है।
जो भक्त श्री गणेश………..
गणेश जी, लड्डू से प्रसन्न हो जाते हैं,
बड़े प्यार से मोदक का भोग लगाते हैं।
गजानन पूजा सबकी स्वीकार करते हैं,
सच्चे मन से, जो उनके पास आता है।
जो भक्त श्री गणेश…………..
चलो साथियों, हम भी चलते हैं कल,
कर्म करते हैं, नहीं मांगते कोई फल।
सब छोड़ते हैं, प्रभु वक्रतुंड के ऊपर,
जो नहीं जाता, बाद में पछताता है।
जो भक्त श्री गणेश……….
स्वर्ण रथ पर जब, सूर्य निकलता है,
गणेश पूजन को, हर फूल खिलता है।
प्रभु की कृपा हर भक्त को मिलती है,
जो भी गया, वह गणेश गुण गाता है।
जो भक्त श्री गणेश…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
विनायक भगवान का भजन Mere Ghar Padharo Vinayak Bhagavan
भजन : पधारो विनायक भगवान - गणेश जी के भजन
पधारो, पधारो विनायक भगवान,
दर्शन दे दो अपने!
स्वागत है गजानन महाराज,
पूरे कर दो सपने!
लगाओ मीठे मोदक का भोग,
दुख हर लो सबके!
पधारो, पधारो…
फूल सुंदर सुंदर लाए भगवान,
प्यारे चरण तुम्हारे!
विनती लेकर आए कृपनिधान,
हरो कष्ट हमारे!
दया करो हे एकदंत भगवान,
हम गम के मारे।
पधारो, पधारो…
कृपा करो हे मंगलमूर्ति महान्,
तेरे हम सबक सारे!
कोरोना ने डाली अफत में जान,
डर है द्वारे द्वारे!
तेरे सारे भक्त भटक रहे परेशान,
अब सबसे हारे!
पधारो, पधारो…
त्रिलोक में सबसे अलग पहचान,
सबका भाग्य संवारे।
लम्बी तेरी सुंड, सुंदर दोनों कान,
बेड़ा पार उतारे।
वरदान, गौरी शंकर की संतान,
सर्व देव के प्यारे।
पधारो, पधारो…
“देवों के देव महादेव शिव पार्वती नंदन विनायक भगवान की जय!”
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
पधारो, पधारो विनायक भगवान,
दर्शन दे दो अपने!
स्वागत है गजानन महाराज,
पूरे कर दो सपने!
लगाओ मीठे मोदक का भोग,
दुख हर लो सबके!
पधारो, पधारो…
फूल सुंदर सुंदर लाए भगवान,
प्यारे चरण तुम्हारे!
विनती लेकर आए कृपनिधान,
हरो कष्ट हमारे!
दया करो हे एकदंत भगवान,
हम गम के मारे।
पधारो, पधारो…
कृपा करो हे मंगलमूर्ति महान्,
तेरे हम सबक सारे!
कोरोना ने डाली अफत में जान,
डर है द्वारे द्वारे!
तेरे सारे भक्त भटक रहे परेशान,
अब सबसे हारे!
पधारो, पधारो…
त्रिलोक में सबसे अलग पहचान,
सबका भाग्य संवारे।
लम्बी तेरी सुंड, सुंदर दोनों कान,
बेड़ा पार उतारे।
वरदान, गौरी शंकर की संतान,
सर्व देव के प्यारे।
पधारो, पधारो…
“देवों के देव महादेव शिव पार्वती नंदन विनायक भगवान की जय!”
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
Bhajan On Ganesh Chaturthi गणेशोत्सव स्पेशल- हे विनायक देवा जगत के स्वामी गजानन कृपा निधान
हे विनायक देवा(भक्ति गीत)
“जगत के स्वामी गजानन, कृपा निधान,
तेरी कृपा से, जग में आता है बिहान।''
हे विनायक देवा, दो चार दिन और रुक जाओ,
तेरे दर्शन से प्रभुजी, मन नहीं भरा है हमारा।
उसका तो भाग्य बदल जाता है, मंगलमूर्ति जी,
जिसके जीवन का, बन जाते हो तुम खुद सहारा।
हे विनायक देवा………
मानव जीवन धरा पर, घिरा है आज कष्टों में,
नैया तुम, पतवार तुम और तुम ही हो किनारा।
प्रभु, मात्र एक दिन और बचा, तेरे जाने में अब,
जाने से पहले फैला दो तुम, सारे जग में उजियारा!
हे विनायक देवा………
देवा भादो के भींगे मौसम में, अंगारे बरस रहे हैं,
इंसानों को कोरोना ने, बना दिया है यहां बेचारा।
डरे सहमे लोग, कहीं जाने से घबरा रहे हैं आज,
गली गली नाचे काल, फिरता मानव मारा मारा।
है विनायक देवा………
कैसे छूटेगा देवा, इस महामारी से पीछा जग का?
कब चमकेगा फिर, सुख शांति का यहां सितारा?
भगाओ इसे या साथ अपने ले जाओ यह कोरोना,
सारी दुनिया में गजानन, बड़ा नाम है तुम्हारा।
हे विनायक देवा………
सारे भक्त मन ही मन अवश्य बोलें “सिद्धि विनायक दुःख हरता सुख करता गजानन महाराज की………….जय!
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
गणपति बप्पा की आरती | गणेश भगवान की आरती
गणेश चतुर्दशी पर गणेश भजन: सबके मन पर करनेवाले राज हे गजानन महाराज
भजन : गजानन महाराज
ओम श्री गणेशाय गौरीशंकर पुत्राय नमः
सबके मन पर तुम करनेवाले राज,
स्वागत तेरा है, हे गजानन महाराज!
कोरोना महामारी ने लूट लिया अब,
तेरी सुंदर दुनिया हो रही है बर्बाद।
मुस्कुरा रहे श्मशान और कब्रिस्तान,
तालियां ऊपर से बजा रहा यमराज।
सबके मन पर……
सूख नहीं रहे हैं आज आंसू आंखों के,
है दर्द से कराह रहा मानव समाज।
पधारो पधारो, मन मंदिर द्वार देवा,
हे देवा एकदंत, श्री गजानन गणराज!
रो रही है मानवता छुप करके देवा,
क्यों हो तुम आज भक्तों से नाराज़?
सबके मन पर……
भूल चूक सब माफ करो, विनायक जी,
बचा लो, आज इस दुनिया की लाज!
प्रभु कल की बातें कौन करे जग में?
मानव जाति मुश्किल में पड़ी है आज!
तुम ही जल्द भागा सकते हो महामारी,
तुमसे अच्छा, कौन कर सकता इलाज?
सबके मन पर………
पुण्य धर्म कमजोर कैसे हो गए जग में?
गली गली में लगता पाप अधर्म का राज।
जब कोई नहीं, तुम देते तब साथ हमेशा,
पूरे देवलोक में देवा, है तेरा अलग अंदाज!
मोदक, फल, फूल, मेवा, लड्डू स्वीकार करो,
कृष्णदेव की विनती, बचा लो सबकी लाज!
सबके मन पर………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
ओम श्री गणेशाय गौरीशंकर पुत्राय नमः
सबके मन पर तुम करनेवाले राज,
स्वागत तेरा है, हे गजानन महाराज!
कोरोना महामारी ने लूट लिया अब,
तेरी सुंदर दुनिया हो रही है बर्बाद।
मुस्कुरा रहे श्मशान और कब्रिस्तान,
तालियां ऊपर से बजा रहा यमराज।
सबके मन पर……
सूख नहीं रहे हैं आज आंसू आंखों के,
है दर्द से कराह रहा मानव समाज।
पधारो पधारो, मन मंदिर द्वार देवा,
हे देवा एकदंत, श्री गजानन गणराज!
रो रही है मानवता छुप करके देवा,
क्यों हो तुम आज भक्तों से नाराज़?
सबके मन पर……
भूल चूक सब माफ करो, विनायक जी,
बचा लो, आज इस दुनिया की लाज!
प्रभु कल की बातें कौन करे जग में?
मानव जाति मुश्किल में पड़ी है आज!
तुम ही जल्द भागा सकते हो महामारी,
तुमसे अच्छा, कौन कर सकता इलाज?
सबके मन पर………
पुण्य धर्म कमजोर कैसे हो गए जग में?
गली गली में लगता पाप अधर्म का राज।
जब कोई नहीं, तुम देते तब साथ हमेशा,
पूरे देवलोक में देवा, है तेरा अलग अंदाज!
मोदक, फल, फूल, मेवा, लड्डू स्वीकार करो,
कृष्णदेव की विनती, बचा लो सबकी लाज!
सबके मन पर………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
गणेश महिमा गणपति महाराज भजन Ganesh Mahima Ganpati Bhajan in Hindi
भक्ति गीत : गणेश महिमा
“आप सभी भक्तों, साधकों, मित्रों और साथियों को श्री गणेश महोत्सव पर ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।“
तेरी महिमा से चलती है, यह दुनिया,
हे मेरे गणपति गजानन लंबोदर देवा!
महिमा बरसाते और कृपा करते रहना,
तुमको खिलाएंगे लड्डू, मोदक, मेवा।
हे मेरे गणपति………
सारे भक्तों का लगता है यही विचार,
शिवनंदन तेरी महिमा होती अपरंपार।
तेरे आने से, मौसम बदल जाता प्रभु,
कर लीजिए स्वीकार भक्तों की सेवा।
हे मेरे गणपति………
तेरी महिमा से, बन जाते बिगड़े काम
तुमको सदा, तीनों लोक करते प्रणाम,
तेरी पूजा अर्चना में, कमी नहीं होगी,
करो जलपान गणपति, खाओ कलेवा।
हे मेरे गणपति……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
“आप सभी भक्तों, साधकों, मित्रों और साथियों को श्री गणेश महोत्सव पर ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।“
तेरी महिमा से चलती है, यह दुनिया,
हे मेरे गणपति गजानन लंबोदर देवा!
महिमा बरसाते और कृपा करते रहना,
तुमको खिलाएंगे लड्डू, मोदक, मेवा।
हे मेरे गणपति………
सारे भक्तों का लगता है यही विचार,
शिवनंदन तेरी महिमा होती अपरंपार।
तेरे आने से, मौसम बदल जाता प्रभु,
कर लीजिए स्वीकार भक्तों की सेवा।
हे मेरे गणपति………
तेरी महिमा से, बन जाते बिगड़े काम
तुमको सदा, तीनों लोक करते प्रणाम,
तेरी पूजा अर्चना में, कमी नहीं होगी,
करो जलपान गणपति, खाओ कलेवा।
हे मेरे गणपति……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
Ganpati Bhajan Lyrics बाल गीत : हे श्री गणपति भगवान
हे श्री गणपति गजानन भगवान,
तेरे सामने, हम बच्चे हैं नादान।
एक विनती हमारी सुन लो देवा,
कुछ दे दो, हम बच्चों को ज्ञान।
हे श्री गणपति……
कोरोना कारण, बंद थी पाठशाला,
बड़ी मुश्किल से दिखा है उजाला।
वाटिका से चुनकर, फूल लाए हम,
नहीं पता, पूजा का विधि विधान।
हे श्री गणपति……
नहीं लाए हैं हम मोदक और मेवा,
फिर भी स्वीकार कर लो तुम सेवा।
सारी दुनिया पर कृपा बरसती तेरी,
हमें भी देखो, हे प्रभु कृपा निधान!
हे श्री गणपति……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
तेरे सामने, हम बच्चे हैं नादान।
एक विनती हमारी सुन लो देवा,
कुछ दे दो, हम बच्चों को ज्ञान।
हे श्री गणपति……
कोरोना कारण, बंद थी पाठशाला,
बड़ी मुश्किल से दिखा है उजाला।
वाटिका से चुनकर, फूल लाए हम,
नहीं पता, पूजा का विधि विधान।
हे श्री गणपति……
नहीं लाए हैं हम मोदक और मेवा,
फिर भी स्वीकार कर लो तुम सेवा।
सारी दुनिया पर कृपा बरसती तेरी,
हमें भी देखो, हे प्रभु कृपा निधान!
हे श्री गणपति……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
Ganesh Aarti गणेश जी के गीत | नई गणेश सॉन्ग - भक्ति गीत : गणेश कथा
भक्ति गीत : गणेश कथा
माता तेरी है, जगत की जननी पार्वती,
गजानन, है पिता तिहारो त्रिभुवन नाथ।
नानी तुम्हारी लगती महारानी मैनाइन,
नानाश्री तेरे लगते हिमालय पर्वत राज।
माता तेरी है……
प्रथम पूज्य देव हो तुम, तीनों लोक में,
गजानन महाराज, है त्रिभुवन तेरे साथ।
तुम मंगल मूरत, तुम्हारी भोली सूरत,
भक्तों पर करते हो, कृपा की बरसात।
माता तेरी है………
है तेरे जैसा सृष्टि में, कोई देव न दूजा,
सर्वत्र सर्व प्रथम, होती है तेरी ही पूजा।
इस दुनिया में, जीवन उसका सफल है,
माथे जिसके आ जाए, प्रभुजी तेरे हाथ।
माता तेरी है………
भगवान कार्तिकेय है तेरा, प्यारा भ्राता,
सारे जग से तुम दोनों, निभाते नाता।
मेरे हाथ से तुम भोग लगा लो मोदक,
सुन लो प्रभु, भक्त कृष्णदेव की बात!
माता तेरी है……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
माता तेरी है, जगत की जननी पार्वती,
गजानन, है पिता तिहारो त्रिभुवन नाथ।
नानी तुम्हारी लगती महारानी मैनाइन,
नानाश्री तेरे लगते हिमालय पर्वत राज।
माता तेरी है……
प्रथम पूज्य देव हो तुम, तीनों लोक में,
गजानन महाराज, है त्रिभुवन तेरे साथ।
तुम मंगल मूरत, तुम्हारी भोली सूरत,
भक्तों पर करते हो, कृपा की बरसात।
माता तेरी है………
है तेरे जैसा सृष्टि में, कोई देव न दूजा,
सर्वत्र सर्व प्रथम, होती है तेरी ही पूजा।
इस दुनिया में, जीवन उसका सफल है,
माथे जिसके आ जाए, प्रभुजी तेरे हाथ।
माता तेरी है………
भगवान कार्तिकेय है तेरा, प्यारा भ्राता,
सारे जग से तुम दोनों, निभाते नाता।
मेरे हाथ से तुम भोग लगा लो मोदक,
सुन लो प्रभु, भक्त कृष्णदेव की बात!
माता तेरी है……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
प्रभु गणेश वंदना(मैथिली) Ganesh Vandana Maithili Lyrics
“सभ भक्त आओर मित्र लोकनि के श्री गणेश महोत्सव पर ढेर शुभकामना आओर अशेष बधाई आदरणीय/आदरणीया श्री”
केहन समय एलई गजानन भगवान यौ,
दुनिया में इंसान स दूर भेलै इंसान यौ!
कतए हेरा गेलई पुरान जान पहचान यौ?
अपने लेल मानुष भए गेल अंजान यौ!
केहन समय……
हाट बाजार, चौक चौराहा, सभ ठाम डर छै,
घर में नुकाएल नूकाएल, सभ परेशान यौ!
जेहने सेठ सभ, तेहने गामक किसान यौ,
कोरोना समक्ष, सभ लोक एक समान यौ!
केहन समय……
महाराज मंगलमूर्ति, कृपा करू जग पर,
जान लेल सभ ठाम माचल घमासान यौ!
कनैत अहि घर अंगना, यमराजक डर स,
गायब छै चेहरा स सभ के मुस्कान यौ!
केहन समय……
बरखा आओर बाढ़, त्रस्त अहि गाम शहर,
चौपट भेल खेत मे रोपाल, मडूआ धान यौ!
अस्त व्यस्त लोकक जीवन भए चुकल छै,
अन्न बिन संकट मे, भोजन जलपान यौ!
केहन समय……
खेत खरिहान डुबल छै, अहि जल प्रलय में,
शिवनंदन कृपा करू, बचाऊ जगक जान यौ!
जल देखि, मानुष सभ बौक भए गेल अहि,
उछइल रहल छै, कोसी, कमला, बलान यौ?
केहन समय……
हम प्रमाणित करैत छी जे ई रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित अहि। अहि रचनाक सर्वाधिकार कवि/कलमकार केर पास सुरक्षित थिक।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
केहन समय एलई गजानन भगवान यौ,
दुनिया में इंसान स दूर भेलै इंसान यौ!
कतए हेरा गेलई पुरान जान पहचान यौ?
अपने लेल मानुष भए गेल अंजान यौ!
केहन समय……
हाट बाजार, चौक चौराहा, सभ ठाम डर छै,
घर में नुकाएल नूकाएल, सभ परेशान यौ!
जेहने सेठ सभ, तेहने गामक किसान यौ,
कोरोना समक्ष, सभ लोक एक समान यौ!
केहन समय……
महाराज मंगलमूर्ति, कृपा करू जग पर,
जान लेल सभ ठाम माचल घमासान यौ!
कनैत अहि घर अंगना, यमराजक डर स,
गायब छै चेहरा स सभ के मुस्कान यौ!
केहन समय……
बरखा आओर बाढ़, त्रस्त अहि गाम शहर,
चौपट भेल खेत मे रोपाल, मडूआ धान यौ!
अस्त व्यस्त लोकक जीवन भए चुकल छै,
अन्न बिन संकट मे, भोजन जलपान यौ!
केहन समय……
खेत खरिहान डुबल छै, अहि जल प्रलय में,
शिवनंदन कृपा करू, बचाऊ जगक जान यौ!
जल देखि, मानुष सभ बौक भए गेल अहि,
उछइल रहल छै, कोसी, कमला, बलान यौ?
केहन समय……
हम प्रमाणित करैत छी जे ई रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित अहि। अहि रचनाक सर्वाधिकार कवि/कलमकार केर पास सुरक्षित थिक।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
गणेश भगवान के भजन : मन मंदिर में स्वागत गजानन
मन मंदिर में स्वागत गजानन
(भक्ति गीत)
“मजबूत रहे गणतंत्र हमारा, देना वरदान,
तुमसे बार बार विनती है गणेश भगवान।
गजानन भक्तों को गणतंत्र की है बधाई,
तिरंगा झंडा लहराता रहे नीला आसमान।“
है मन मंदिर में तेरा स्वागत गजानन,
देवा आज, पधारो पधारो मन के द्वार!
तेरे मंगल रूप के दर्शन, पाने को देवा,
देखो सारी दुनिया लग रही है बेकरार।
है मन मंदिर में………..
नयन सुख नहीं है दूजा कोई इस जग में,
जितना सुंदर है, हे गौरीनंदन तेरा श्रृंगार!
तेरे नाम से ही हर शुभ कार्य शुरू होता है,
तुम ही लगाते हो, सबकी नैया उस पार।
है मन मंदिर में…………
जाने का नाम ही नहीं ले रही है कोरोना,
लौटकर आ रहा है सताने को बार बार।
जय गणेश, जय गणेश जग कर रहा है,
कभी नहीं कोई भूलेगा तेरा यह उपकार!
है मन मंदिर में……..……..
तेरे नाम लेने से प्रभु हर काम बनता,
कर लो कृष्णदेव की विनती स्वीकार!
आज नाहक जान जा रही है लोगों की,
चारों तरफ मची लगती है चीख पुकार।
है मन मंदिर में……...
देखो घर घर महक रहा है मोदक कैसे?
इंतजार में भक्त तेरे, लिए हाथ पुष्पहार।
सिद्धि विनायक, तुम लाल बाग के राजा,
विघ्नहर्ता तुम हो, इस जग का पालनहार।
है मन मंदिर में…………
आज भुलाकर यह जग, सब कुछ अपना,
कर रहा है शिवनंदन, तेरी जय जयकर।
हे मंगलमूर्ति, गलती मेरी क्षमा कर देना,
तेरी कृपा से ही लौट सकती फिर बहार!
है मन मंदिर में………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
गणेश जी की होली भक्ति गीत
गजानन महाराज स्वागत
(होली भक्ति गीत)
“श्री गणेशाय नमः”
सबके हृदय पर तुम करने वाले राज,
स्वागत तेरा है, हे गजानन महाराज!
फागुन महीना, बसंती बयार बह रहा
होली मनाओ चखो पुआ का स्वाद।
सबके हृदय पर……….
रंग और गुलाल खेलो हमारे साथ,
कर दो अपनी महिमा की बरसात।
निराश नहीं करना हम भक्तों को,
इंतजार में है सारा मानव समाज।
सबके हृदय पर………
तेरी कृपा से जग से कोरोना भागा है,
हम भक्तों पर तेरा आशीष जागा है।
भूल चूक सारे माफ कर दो विनायक,
बचा लो आज तुम फागुन की लाज!
सबके हृदय पर………..
हम सेवक कर रहे होली की तैयारी,
तेरे लिए खरीदी एक सुंदर पिचकारी।
भूलना नहीं तुम निमंत्रण भक्तों का,
तेरे सिर सजा प्रथम पूज्य का ताज।
सबके हृदय पर…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
जय गणेश जय गणेश की आरती | गणेश जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
जय जय गणेश
हे प्रथमपूज्य हे गणाधीश
हे विघ्नविनाशक गणाशीष
चरणों में तुम्हारे लिए शरण
भरदो दामन में अशेषाशीष
तुम ही आदि तुम ही अनन्त
तुम ही प्रारंभ तुम ही अंत
तुम ही हो इस जग के प्राण
तुम फागुन हो तुम ही बसंत
हे प्रथमपूज्य हे गणाधीश
हे विघ्नविनाशक गणाशीष
चरणों में तुम्हारे लिए शरण
भरदो दामन में अशेषाशीष
तुम ही आदि तुम ही अनन्त
तुम ही प्रारंभ तुम ही अंत
तुम ही हो इस जग के प्राण
तुम फागुन हो तुम ही बसंत
श्री गणेश जी की आरती
तुम ही आनंद तुम ही शोक
तुम देवलोक तुम पृथ्वीलोक
तुम बसते रज के कणकण में
तुम अंधकार तुम ही आलोक
तुम भावनाओं की बहती धार
तुम ही चिंतन तुम ही विचार
तुम मन बुद्धि के दैदीप्य सूर्य
तुम दीन दुखियों के पालनहार
डॉ अनिल कुमार बाजपेयी
तुम देवलोक तुम पृथ्वीलोक
तुम बसते रज के कणकण में
तुम अंधकार तुम ही आलोक
तुम भावनाओं की बहती धार
तुम ही चिंतन तुम ही विचार
तुम मन बुद्धि के दैदीप्य सूर्य
तुम दीन दुखियों के पालनहार
डॉ अनिल कुमार बाजपेयी
जबलपुर
Ganesh Chaturthi Bhajan Lyrics गणेश चतुर्थी पर विशेष भजन गणेश वंदना
गणेश वंदना
हे वक्र तुण्ड मैं तेरा लो करती हूं आह्वान।
आन वराजो कलम में लिखू मैं यश गान।
मेरी लेखनी चलती जाए
उम्र न क्यों मेरी ढलती जाए
आके प्रभु बस थोड़ा देदो अपनी कृपा का दान
हे वक्र तुण्ड मैं तेरा लो करती हूँ आह्वान
बुद्धि में तुम अति विलक्षण
तेरा करूँ मैं तिलक ओ चन्दन
देव् सभी करते है पहले तेरा ही गुणगान
हे वक्र तुण्ड मैं तेरा लो करती हूं आह्वान
मेरा बस एक काम तू करदे
नई प्रेरणा मन मे भर दे
"शबनम"को दे देना प्रभुवर अपनी कृपा का दान
हे वक्र तुण्ड मैं तेरा लो करती हूं आह्वान।
शबनम मेहरोत्रा
गणेश जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी Ganesh Chaturthi Aarti Lyrics Hindi
बुधवार
गणेश वंदन
जय हो विघ्नहर्ता
जय भगवान गणेश।
वंदन बा नमन बा,
जय जय हे सुत महेश।।
हर पाप से रक्षा करीं,
दूर करीं सब दुर्विचार।
तन मन बा रउआ में अर्पित,
किरपा करके करीं स्वीकार।।
काम क्रोध लोभ भय,
विघ्न बाधा सब दूर करीं।
दय धर्म क्षमा शांति साधना,
यश कीर्ति प्रदान भरपूर करीं।।
अरुण दिव्यांश
अनंत चतुर्दशी पर गणेश वंदना हिंदी Anant Chaturdashi 2021 Ganesh Vandana Lyrics
बुधवार
गणेश वंदन
हे कल्याणेश्वर हे विघ्नहर्ता,
हे करुणेश्वर हे बुद्धिविधाता।
तेरा अभिनंदन तुझे है वंदन,
पिता पुत्र का है तुमसे नाता।।
तुझे शीश नवाऊँ दयाफल पाऊँ,
साहित्य जगत में अमर हो जाऊँ।
शरणागत प्रभु तू मुझे कर ले,
विश्वबंधुत्व में भी काम मैं आऊँ।।
तू मुझे अपना मैं तुझे अपनाऊँ,
नित्य नमन तुझे आशीष मैं पाऊँ।
छा जाऊँ मैं इस विश्व पटल पर,
भारत देश का मैं मान भी बढाऊँ।।
मात पिता भाई सखा भी तुम हो,
धन आदर सम्मान भी तुम हो।
तुम हो प्रतिष्ठित इस दुनिया में,
मेरी आबरू प्रतिष्ठा भी तुम हो।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
अनंत चतुर्दशी कब है 2021 अनंत चौदस व्रत कब है 2021
Sunday, 19 September
इस साल 19 सितबंर को मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी
Ganesh Chaturthi Aarti Lyrics Hindi आरती श्री गणेश जी की
बुधवार
गणेश वंदन
ज्ञान के भंडार बानी ज्ञान के सार बानी,
भक्तन के ज्ञान बुद्धि दिहिले अपार हो।
सबके पालनहार बानी जीवन के आधार बानी,
विद्या बुद्धि ज्ञान सबसे होखे हमरा
प्यार हो।।
जीवन के हार बानी दुष्टन के बानी
ताड़नहार हो,
प्यार आचार बानी बानी संस्कृति
व्यवहार हो।
हे शिवगौरी पुत्र गणेश सुनीं अर्ज
हमार हो,
वंदन बा चरण में रउआ नमन करीं स्वीकार हो।।
अनंत चतुर्दशी पर गणेश वंदना हिंदी Anant Chaturdashi 2021 Ganesh Vandana Lyrics
बुधवार
गणेश वंदन
हे गणपति हे प्रभु गणेश,
जिनके पिता भोले महेश।
दया करो दीन दुखियों पर,
हरो जीवन के बाधा क्लेश।।
कृपा करो प्रभु अब मुझपर,
कर सकूँ मनन और नमन।
व्याप्त हों ये दसो दिशाएँ,
सुख हर्ष हो अमन और चमन।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
बुधवार गणेश वंदन
हर पाप से रक्षा करिं,
दूर करिं सब दुर्विचार।
तन मन बा रउए में अर्पित,
कृपया करिं ईहो स्वीकार।।
काम क्रोध लोभ मोह सब,
हर विघ्न बाधा दूर करिं।
दया धर्म क्षमा शांति आउर,
यश कीर्ति प्रदान भरपूर करिं।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
बुधवार गणेश वंदन
दे दीं रउआ अईसन शक्ति,
कर सकीं हम राउर साधना।
साहित्य रूपी सरिता बहाईं,
करके हम राउर आराधना।।
ले लीं रउआ हमरा शरण में,
नमन बा हमार रउआ चरण में।
दूर करीं भ्रमण हमरा मन के,
वृद्धि करीं हमरा स्मरण में।।
जय जय जय गणपति बप्पा,
जय जय जय सूत महेश।
शुद्ध बुद्ध अब हमरो दीहीं,
हरीं हमरो अब विकार क्लेश।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
बुधवार गणेश वंदन
हे गउरी के लाल करीं जगत प्रतिपाल,
हमरो हाल बा बेहाल करीं हमरो खुशहाल।
दुःख बाधा संशय टाल सुंदर प्रवृत्ति ढाल,
हम करिले नमन सुंदर बीते हर साल।।
सुधारीं हमर चमन सुंदर जीवन हो अमन,
आचार विचार साहित्य में सुंदर हो गमन।
आहार विहार विकार प्रभु सुधारीं हमरो,
बाधा संशय सुधारीं रउआ बाटे नमन।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
जय जय बाबा देव गणेश: गणेश जी के भजन Ganesh Ji Ke Bhajan
बुधवार गणेश वंदन
जय जय बाबा देव गणेश,
कृपा करो जन पर विशेष,
बल बुद्धि ज्ञान दो जन को,
सबका हरो संशय बाधा क्लेश,
जय जय बाबा देव गणेश।
तेरा महत्व समझा नहीं दशानन,
तुमने बुद्धि हरी हे प्रभु गजानन,
हरण किया माँ सीता का जिसने,
स्वर्ग सिधारा सीधा तब लंकेश,
जय जय बाबा देव गणेश।
तेरा करूँ नित्य मैं वंदन,
वंदन करके हो जाऊँ धन धन,
तम को मिटा प्रकाश दो अंतर्मन को,
कोटि कोटि नमन तुम्हें मेरा करुणेश,
जय जय बाबा देव गणेश
अरुण दिव्यांश 9504503560
जय गणपति, जय पार्वती नंदन : गणपति वंदना
आओ नमन करें हम उनको,
रचा जिसने यह संसार,
पाल रहा वहीं हम सबको,
बाँट रहा जग में प्यार।
गणपति वंदना
जय गणपति
जय गणपति, जय पार्वती नंदन,
करते हमसब तेरा वंदन,
तुम हो सब देवों के प्यारे,
करते हैं तेरी पूजा, अभिनंदन।
जय गणपति...।
तुम हो बल, बुद्धि के दाता,
तुम हम सबके भाग्य विधाता,
रहते तुम जिस जगह पर,
नहीं होता वहाँ कोई क्रन्दन।
जय गणपति...।
लड्डु तुम्हें बहुत हैं भाते,
जिसे प्रेम से तुम हो खाते,
मूषक तेरी प्रिय सवारी,
तम ही हो असुर निकंदन।
जय गणपति...।
गणपति मैं आया तेरे दरवार,
ले लो दुख, दे दो प्यार,
हर लो तुम सभी कष्ट मेरे,
तुम ही हो सबके दुःख भंजन।
जय गणपति...।
अरविन्द अकेला
गणेश चतुर्थी पर विशेष भजन आरती Ganesh Chaturthi Special Aarti Lyrics Hindi
जय गणेश
जय जय प्रथम पूज्य भगवान
आज थारी आरती उतारूँ
आरती उतारूँ थारे चरणों को पखारू
चरणन पखारू थारी मूरत निहारूं
जय जय श्री गणेश आज थारी आरती.....
सूर नर मुनि जन आरती गावे
तीनों लोक में तुमको ध्यावै
तीनलोक हितकारी आज थारी.......
जय जय वक्रतुण्ड भगवान
जय जय एक दन्तां अवतारी
करतें पल में सबका निदान
जय जय महोदर भगवान
जय हो लम्वोधर अवतार
जय चतुरानन भगवान आजा थारी........
जय जय गजानन भगवान।
जय जय विख्यात विकट अवतार।
जय जय जय जय विघ्न राज़।
जय जय धूम्रवर्ण भगवान आज थारी......
जय जय ऋद्धि सिद्धि के स्वामी
जय जय सूंड धर अवतारी
दुखः विनाशक सुख दायक
अष्ट विनायक सिद्धि दायक
जय गणनायक भगवान आज थारी.......
जय मूषक राज कभी सिंहपे सवार
कभी मयूर वाहन कभी शेष वाहन
जय भगवान तेरी लीला अपरम्पार
लिया आठ बार अवतार
आज थारी आरती उतारू......
किया असुरों का संघार
तीनों लोक का किया उद्धार
तीनों लोक में जय जय कार
जय शिवपूत पार्वती के लाल
जय प्रथम पूज्य भगवान
आज थारी आरती उतारू।
निर्दोष लक्ष्य जैन
ऐ आओ ऐ शीघ्र आओ गजानन: गणेश चतुर्थी पर विशेष भजन Ganesh Chaturthi Special Bhajan Lyrics Hindi
ऐ आओ ऐ शीघ्र आओ गजानन,
स्वागत हेतु आतुर है पूरा देश।
हर लो ऐ लवकर हर लो गजानन,
सर्व संकट व क्लेश।।
ऐ आओ ऐ शीघ्र ....२
पिछले डेढ साल से जग का राॅनक लागे सूना सूना
चौपट हुआ व्यापार और महंगाई बढा दूना
बदला है सब परिवेश।
ऐ आओ ए शीघ्र.... २
बढा है डीजल पेट्रोल का भाव तो भी कोई बात नही
रसोई का शोभा सरसो तेल बढा दे उसकी ये औकात नही
गैस सिलेंडर हेतु करना पङता है दो टैक्टर छाप पेश।
ऐ आओ ए शीघ्र......... २
जान माल का कीमत हुआ है पिछले दो साल से सस्ता
गंगा में तैरती लाशो को बताए थे जोङती स्वर्ग का रास्ता
ऐसा नवका भक्त बाँट रहे थे उपदेश।
ऐ आओ ए शीघ्र आओ गजानन,
स्वागत हेतु आतुर है पूरा देश।।
ऐ आओ ए शीघ्र आओ गजानन ..........२
गीतकार :आर बी सिंह खूँटातोड़, व्यंग्यकार
कल्याण/मुंबई
गणेश चतुर्थी पर विशेष गणपत्ति वंदना Ganesh Chaturthi Special Ganpati Vandana
गणपत्ति वंदना
हे गणपति गौरी गजानन महादेव, आई सभे हमरो दुआर हो
हे गणपति गऊरी .......२
आ गयील भादो महीना वाला चऊथ तिथिया, चढी जाई फेर से कुआर हो
हे गणपति गऊरी ........२
हे आइ सभे भरल पूरल सब पूरा परिवारे
जानिला गजानन हऊवन सबसे दुलारे
बयीठी नंदी आ मूषक के सवार हो
हे गणपति गऊरी ......२
आंइ बयीठी घरे आऊरी रहीं दसो दिनवा
ऐहीसे सुहाला हमरा भादो के महिनवा
खूँटातोड़, अरजी लिहिना स्वीकार हो
हे गणपति गऊरी गजानन महादेव पधारी,आइ सभे हमरे दुआर हो
हे गणपति गऊरी ......२
गीतकार :कवि खूँटातोड़
मुंबई/कल्याण
सं-नं ९८९२० ४४५९३
गणेश चतुर्थी स्पेशल भजन Ganesh Chaturthi Special Top Bhajan
शुभ दिन अपने आ गए, दर्शन देय गणेश।
मंगल सबका ही करें, सबके हरते क्लेश।।
सर पर सुन्दर मुकुट है,गले पड़ा है हार।
पीत वस्त्र धारण किये,लुटा रहे हैं प्यार।।
कंगन हाथों में सजे,मुदरी अँगुली मांय।
विघ्न हरण को आ गए,गणपति सबको भाँय।।
गजमुख सुन्दर लग रहा,कर्ण कितने विशाल।
श्रवण अधिक ये कर रहे, तोड़ें सबके जाल।।
गणपति घर पर आ रहे, खोले हमने द्वार।
वंदन मिलकर सब करें, सुनते वही पुकार।।
तिलक भाल पर है लगा, बाजू मोती भाय।
काँधें वस्त्र लटक रहा, अपनी धुन में गाँय।।
घर पर तेरो आ गयो, नन्हों गणपति आज।
लड्डू मेवा सब धरो, पूरन होंगे काज।।
श्याम मठपाल, उदयपुर
गणेश चतुर्थी Special Top Ganesh Bhajans I Ganesh Chaturthi 2021
विधा - सुखी / मालती सवैया
सृजन शब्द - गजानन
सब वाहन आज विराज रहे,
हर विघ्न गणेश हरे कहता मन।
शिव लाल सदा अभिषेक हुआ,
तब मंगल काज हुआ मिलता धन।।
सबसे पहले हम पूज रहे,
मिल बोल रहे जय लोग गजानन।
जिसकी महिमा जग फैल रही,
कहते इस मूषक को सब वाहन।।
राजकुमार छापड़िया
गणेश जी के मैथिली गीत
किया नहि तकै छी, हमर सुधियो नहि लै छी,
गणपति स्वामी यौ आहांक महिमा अपार
चरण परै छी गजानन, गोर लगै छी,
गणपति स्वामी यौ आहांक महिमा अपार।
हाथी के मु़ह शोभैया मुस के सवारी,
गणपति स्वामी यौ आहांक महिमा अपार।
दानियों में दानी आहां, विद्या के दानी,
गणपति स्वामी यौ आहांक महिमा अपार।
सभ देवता मे होवे पहिले पूजनमा,
गणपति स्वामी यौ आहांक महिमा अपार।
नादान छी हम स्वामी हमरो उबारु,
गणपति स्वामी यौ आहांक महिमा अपार।
उदय शंकर चौधरी नादान
कोलहंटा पटोरी दरभंगा
9934775009
Ganesh ji ki Aarti
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