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लिखे हुए छठ गीत छठ के गाना छठ के गीत छठ पूजा गीत Bhojpuri Chhath Geet

छठी मैया का गाना | छठी मैया के गीत | छठ माई के गीत लिखे हुए

यहाँ पढ़िए छठ पूजा के गीत। इस पोस्ट में आप छठ पूजा से संबंधित सभी प्रकार के नये और पुराने गीत, भजन, आरती, दोहे, कविता, शायरी, मुक्तक, शुभकामना संदेश हिंदी में पढ़ें और दोस्तों के साथ शेयर करें। साथ ही इसमें आप अपनी रचनाएं भी प्रकाशित कर सकते हैं, अपनी रचनाएं भेजने के लिए इस ईमेल पते का उपयोग करें premnath178@gmail.com या इस नंबर पर Whatsapp करें : 8294170464

कब आएगा, छठ पूजा का त्योहार

छठ पूजा का त्योहार
(सूर्यदेव भक्ति गीत)
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को परम पावन छठ पूजा की ढेर सारी अग्रिम शुभकामनाएं एवं बधाईयां।"
उत्तर भारत में सबको रहता इंतज़ार,
कब आएगा, छठ पूजा का त्योहार।
दोष जीवन के दूर करता है सबके,
सविता, दिनकर, रवि,सूर्य नमस्कार।
उत्तर भारत में…………
महीनों पहले से, तैयारी होती इसकी,
पास पैसे नहीं तो, लोग लेते हैं उधार।
फल फूल, साग सब्जी, सबका अर्पण,
केला ठकुआ होते, सबसे बड़ा श्रृंगार।
उत्तर भारत में…………
संतान सुख की, मनोकामना होती है,
छठ मैया लगाती है सबका बेड़ा पार।
नदी किनारे, स्वर्ग उतर आता है जैसे,
रंग बिरंगे प्रकाश में जगमग जलधार।
उत्तर भारत में…………….
पटाखे, फुलझडियां भी, गुल खिलाते हैं,
लगता जैसे, लौट आई है फिर बहार।
गीत नाद से, समा मनोरम हो जाती,
शोभा बढ़ाती है जल का, दूध की ढार।
उत्तर भारत में………………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

खरना छठ पूजा : छठ पूजा का दूसरा चरण, खरना नाम से जाना जाता

(कविता)
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को पावन छठ महापर्व (खरना) के शुभ अवसर पर मेरी ओर से ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।"
छठ पूजा का दूसरा चरण, खरना नाम से जाना जाता,
शाम में बनती है, गुड़ और चावल की मीठी खीर।
आज के दिन छठ मैया को, यही भोग स्वीकार होता,
चाहे भक्त गरीब हो, अथवा कितना भी हो अमीर!
छठ पूजा का दूसरा चरण………..
व्रतधारी महिलाओं को, इसके बाद उपवास रखना पड़ता,
निर्जला रहकर तपाना पड़ता है, अपना मन और शरीर।
मार्कण्डेय महाराज को, प्रसन्न करना थोड़ा कठिन होता है,
लेकिन छठ मैया बदल सकती है, बिगड़ी हुई भी तकदीर।
छठ पूजा का दूसरा चरण…………
अपने भक्तों की परीक्षा, अवश्य लेती है छठ महारानी,
विचलित नहीं होना है राह से, और होना नहीं है अधीर।
खरना की खीर से पूरा वातावरण, महक उठता घर का,
छठी मैया की माला जपते, भोगी, योगी और फकीर।
छठ पूजा का दूसरा चरण………….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : छठ पूजा में कैलाशपति

“आज का दिन शिव का दिन सोमवार है,
शंभू को प्रणाम, भक्तों को नमस्कार है।“
हे त्रिभुवन नाथ कैलाशपति शिव शंकर,
नदी किनारे छठ पूजा मनाने आ जाना!
बड़े प्रसन्न होंगे दिनकर सूर्य नारायण,
चमकता त्रिशूल अपना तुम लहरा जाना!
हे त्रिभुवन नाथ…………..
भूलना नहीं लाना अपना नंदी महाराज,
छोड़ देना एक दिन कैलाश पर्वत राज।
तीनों लोक के स्वामी तुम शिव शंकर,
डम डम डमरू बजाते दर्शन दे जाना।
हे त्रिभुवन नाथ…………
अपनी जटा से, बहा देना गंगा जल,
तेरे आने से नदी हो जाएगी निर्मल।
मान सम्मान बढ़ जाएगा भक्तों का,
संसार में शक्ति अपनी दिखा जाना।
हे त्रिभुवन नाथ………….
जी जान भक्त करेंगे स्वागत तुम्हारा,
तुम अकेले हो प्रभु त्रिलोक का सहारा।
भांग धतूर की, कोई कमी नहीं होगी,
केला के पात की प्रतिष्ठा बढ़ा जाना।
हे त्रिभुवन नाथ………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

छठी मैया के भक्ति गीत : छठ पूजा में बजरंगबली

दिन शुभ अलबेला मंगलवार है,
खुला बजरंगबली का दरबार है।
हनुमान जी को कोटिशः नमन,
भक्तों को दिल से नमस्कार है।
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को महापर्व छठ (खरना) के पावन अवसर पर ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।"
छठ पूजा की धूम मची है गली गली,
कमला घाट पधारना, मेरे बजरंगबली।
श्रीराम की ससुराल है मिथिला नगरी,
तुम्हें देखकर प्रसन्न होगी कली कली।
छठ पूजा की धूम…………
तुम केसरी नंदन, तुम हो पवन कुमार,
भक्त के संग कर लेना, सूर्य नमस्कार।
तुझे देखकर, ठंडा जल गर्म हो जाएगा,
अधर्म के घर में मच जाएगी खलबली।
छठ पूजा की धूम…………
मिथिलावासी करते हैं हृदय से सम्मान,
छठ पूजा में रखेंगे आपका पूरा ध्यान।
खाजा ठकुआ का प्रसाद मिलेगा मीठा,
पका पका केला, साथ मिश्री की डली।
छठ पूजा की धूम…………
प्रसाद ग्रहण का चले जाना जनकपुर,
जयनगर से जनकपुर लगता नहीं दूर।
भगवान राम को बड़ी प्रसन्नता होगी,
हर सुबह सुहानी और हर शाम भली।
छठ पूजा की धूम…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

छठी मईया के भक्ति गीत : छठ पूजा में कृष्णा

“छठ पूजा निमंत्रण भेज रहे हम,
भूलना नहीं आना कृष्ण भगवान।
बुधवार का दिन है बहुत अलबेला,
देना हमारी विनती पर भी ध्यान।"
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को परम पावन छठ महापर्व के शुभ अवसर पर ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाईयां।"
कृष्णा, होली दीपावली हर साल मनाते हो,
इस साल तुम छठ पूजा मनाने आ जाना!
मिथिला धाम में दिल से स्वागत है तेरा,
श्रीराम की ससुराल में मुरली बजा जाना!
कृष्णा, होली दीपावली…………
साथ में लाना अपनी राधा रानी को भी,
कमला घाट एक सुंदर रास रचा जाना!
बहुत प्रसन्न होंगे दिनकर दानी हमारे,
अधर्म को, सुदर्शन चक्र से डरा जाना!
कृष्णा, होली दीपावली………..
देख लेना, सूर्य नारायण की अराधना,
तुम भी करोगे सजे घाट की सराहना।
माखन मिश्री तो तुम, खाते रहते हो,
ठकुआ, केला से हृदय को जुड़ा जाना!
कृष्णा, होली दीपावली………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

छठ पूजा में सूर्यदेव को निमंत्रण : भक्ति गीत: सूर्य भगवान आना

(छठ पूजा में सूर्यदेव को निमंत्रण)
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को पावन महापर्व छठ पूजा के शुभ अवसर पर ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।"
स्वर्ण रथ पर सवार सूर्य भगवान आना,
छठ पूजा में, सारी दुनिया को चमकाना!
बड़ी आशा से, महिलाएं व्रत रख रही हैं,
नदी घाटों पर, बादलों में न छुप जाना।
स्वर्ण रथ पर सवार…………
तेरी किरणों से हमें, नई ऊर्जा मिलती है,
प्रातः धूप में है, विटामिन डी का खजाना।
तेरी किरणें सारे जग को, नींद से जगाती,
तुम ही जानते हो, काले अंधेरे को भगाना।
स्वर्ण रथ पर सवार…………
हम सब तेरे परम भक्त हैं, तेरा है सहारा,
अपनी सुंदर दमक से, संसार को सजाना।
ऋषि मुनि जगह जगह, जपते तेरी माला,
हम तेरी संतान हैं, सब पर दया दिखाना।
स्वर्ण रथ पर सवार…………..
तेरे सहारे ही छठ मैया की पूजा होती है,
समय पर आकर, चमक अपनी दिखाना।
तेरी कृपा बिन जग जीवन लगता अधूरा,
घाटों पे आज कल मौसम रखना सुहाना।
स्वर्ण रथ पर सवार…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

छठी मैया का सहारा : प्रात:कालीन अर्घ्य पूजा गीत

(प्रात:कालीन अर्घ्य पूजा गीत)
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को पावन महापर्व छठ के शुभ अवसर पर ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।"
हे छठी मैया सभी को, तेरा सहारा है,
इंतजार में सजा, नदी का किनारा है।
चमक रहे ऊपर से, बाबा दीना नाथ,
गीत सुना रही, बहती निर्मल धारा है।
हे छठी मैया…………..
गंगा यमुना तट पर, लगता बड़ा मेला,
छठ पूजा में, कोई नहीं लगता अकेला।
आध्यात्मिक झांकियां, देखते बनती हैं,
दिनकर दानी को, हर भक्त प्यारा है।
हे छठी मैया…………
सारे त्योहार से ज्यादा, होती है तैयारी,
तब आती है, छठी मैया पूजा की बारी।
अर्घ देने वह जरूर जाएगा, नदी घाट,
जिसको छठी मैया ने, आज पुकारा है।
हे छठी मैया…………..
घना कोहरा छाया लगता, वायुमंडल में,
धुंध में छुपा हुआ, सारा उजियारा है।
कितनी प्रतीक्षा कराएंगे दिनकर दानी?
दाव पर लगा, आज भाग्य हमारा है।
हे छठी मैया…………..
माता बहनें प्रतीक्षा कर रही हैं तुम्हारी,
बड़ा ही सुंदर नदी घाट का नजारा है।
हे सूर्य भगवान, तुम हो बहुत दयावान,
तेरे चरणों में नतमस्तक जग सारा है।
हे छठी मैया……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर(मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : छठ पूजा में दुर्गा महारानी

“या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।”
छठ मैया की आ रही है शाम सुहानी,
आप भी पधारिए, देवी दुर्गा महारानी।
आपके स्वागत में तैयार है माता गंगा,
पद प्रक्षालन को गीत सुना रहा पानी।
छठ मैया की आ रही……….

नदियों के घाटों पर लगेगा भक्ति मेला,
फल फूल में दूर से दिखेगा पीला केला।
माता रानी, छठ मैया से मिलन कर लो,
कमला घाट आकर लिख दो नई कहानी।
छठ मैया की आ रही………..

अपने नौ रूपों में से किसी रूप में आओ,
भक्तों की पुकार को बिल्कुल न ठुकराओ।
सूरज की लाली होती है मैया बड़ी निराली,
छोड़ जाओ घाट पर अपनी सुंदर निशानी।
छठ मैया की आ रही…………

दिनकर देव आते हैं स्वर्ण रथ पर सवार,
सारी सृष्टि में करते हैं नव ऊर्जा संचार।
बहते पानी में भक्त लोग घंटों खड़े रहते, 
सबकी मुराद पूरी करती है छठ महारानी,
छठ मैया की आ रही………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

जीवन में लगा रहता है, पर्व त्योहारों का आना जाना

पर्व त्योहारों का आना जाना
(कविता)
जीवन में लगा रहता है, पर्व त्योहारों का आना जाना,
एक जाता है और दूसरा आता है, लेकर नया तराना।
मन का बाग हरा भरा हो जाता है दोस्तों,
हर्ष आनंद से,
दूर से देखता रह जाता, जलने वाला यह बेदर्द जमाना।
जीवन में लगा रहता………
जीवन में अगर पर्व त्योहार न हो कोई, तो बुरा लगता है,
पर्व त्यौहारों से मजबूत होता है, समाज का ताना बाना।
राम के घर श्याम जाता है, और श्याम के घर मोहन,
खाली होने के बजाय, भरता जाता है उमंग का खजाना।
जीवन में लगा रहता………….
आत्मा को अवसर मिलता है, परमात्मा से मिलने का,
उभर कर सामने नहीं आ पाता है, कोई भी दर्द पुराना।
मन का मैल सारा साफ हो जाता है, अंदर से इंसान का,
अपना सा दिखने लगता है, इस दुनिया में हर बेगाना।
जीवन में लगा रहता………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

छठ पूजा पर कविता : छठ सा नहीं देखा कोई पर्व-त्योहार

छठ सा नहीं देखा कोई पर्व-त्योहार
यूँ तो हमने कई पर्व,कई त्योहार देखे,
पर छठ सा नहीं देखा कोई पर्व-त्योहार,
इसमें आस्था, प्रेम, विश्वास दिखता,
झलकता इसमें असीम भक्ति व प्यार।

जन-जन का इसमें सहयोग मिलता,
हर जाति-धर्म से जुड़ता घर-परिवार,
करते हैं प्रेम-भक्ति से छठ मैया की पूजा,
रखते हैं सभी जन-जन से सरोकार।

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य सभी देते,
सुबह कर जोड़ विदा सब लेते,
भक्तिभाव से जो छठ पर्व करते,
छठी मैया देती उन्हें खुशियाँ बेशुमार।

इस पर्व में नदी की महिमा बड़ी निराली,
हर घाट हैं शोभा बढ़ानेवाली,
लगता दृश्य कितना अनुपम,मनोहर,
मिलती इस पर्व से खुशियाँ अपार।

बड़ा पावन यह छठ पर्व -त्योहार,
इसमें बहती प्रेम-भक्ति की बयार,
सदा ख्याल रखती छठ मैया भक्तों की
रखती वह सबका सुखी संसार।
अरविन्द अकेला

सूर्यषष्ठी व्रत का शुभारंभ महा सूर्यषष्ठी व्रत का प्रथम दिवस ' नहा खा '

आज दिनांक 28 अक्तूबर 2022 दिवस शुक्रवार से महा सूर्यषष्ठी व्रत का शुभारंभ है। आज महा सूर्यषष्ठी व्रत का प्रथम दिवस ' नहा खा ' है। आज समस्त माताओं, बहनों एवं बंधुओं को नहा खा की हार्दिक शुभकामनाएँ। प्रयास है नहा खा के शुभ अवसर पर छठि मईया का भोजपुरी गीत --------
चलऽ सखि गंगा दरशनवाँ,
चलऽ गंगा जी नहाय--2
गंगा मईया होखिहें सहईया,
तन मन पावन होई जाए---2
करऽ आज परब में परवेशिया,
गंगा माई पार घाट लगाए---2 
गंगा नहाई करऽ ना भोजनवा,
छठि माई रहिहें सहाई---2
लौकी सब्जी रोटी बा भोजनवा,
तन मन पावन बनाई -----2
छठि माई के पानव ई बरतिया,
छठि माई किरपा बरसाई--2
पावन महान भारी कष्ट बरतिया,
छठि माई पार लगाईं ---2
अरुण दिव्यांश करे करजोड़िया,
माई मोर भक्ति अपनाईं -----2
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।


छठि माई के व्रत के पहिलका दिन ' खरना ' बा

आज छठि माई के व्रत के पहिलका दिन ' खरना ' बा। छठि माई सबके पूजन स्वीकार करीं आ सबके मनोकामना पूरा करीं। 
छठि माई के करजोड़ी हृदयतल से सादर प्रणाम बा आ हर माई, बहिन आ भाई लोग के छठि माई के ' खरना ' दिवस के हार्दिक शुभकामना बा। आज ' खरना ' दिवस पर एगो रचना के प्रयास बा ----------
आजु छठि माई अईली भवनवा,
घर घर बनेला भोजनवा नु हो।
भक्त भक्तिन करेले पूजनवा,
त छठि माई के खरनवा नु हो।।
रोटी खीर माई के चढ़ाई,
खुश होखीं हे छठि माई नु हो।
माई हो लीहीं ना आपन पूजनवा,
जिया मोर हरषाई नु हो।।
सुन लीहीं मोर बा विनतिया,
पूरा करीं मोर अरमानवा नु हो।
माई हो करीं हम रउरी वरतिया,
रउए में लागल बा परनवा नु हो।।
छठी माई के ब्रत बा महानवा,
जानेला ई जहानवा नु हो।
माई हो दीहीं ना सबके सुबुद्धिया,
खुश करीं सबके मनवा नू हो।।
केरवा के पात पर पूजनवा,
खीर रोटी के भोजनवा नू हो।
गऊ माता के बाटे दूधवा त,
धरती माई के बा अन्नवा नू हो।।
सुनीं माई हमरो अरजिया,
पूरा करीं हमरो मरजिया नू हो।
माई हमहूँ करीं करजोड़िया,
माई हरीं मोर दरदिया नू हो।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )
बिहार।


छठी मईया का भोजपुरी गीत

आज समस्त माताओं, बहनों एवं बंधुओं को रविषष्ठी व्रत का हार्दिक शुभकामनाएँ। छठी माँ आप सब को चिरंजीवी सहर्षमय स्वास्थ्य और सुख सदा प्रदान करें। आज छठी मईया का अस्ताचल अर्घ्य प्रदान का दिवस है। इसी संदर्भ में एक भोजपुरी गीत का प्रयास एवं आशीर्वाद की कामना --------
लीहीं ना सूरूजदेव अरघिया,
अस्ताचल के बेरिया नू हो।
लगवले बानी गंगा जी में ठढ़िया,
सुनीं मोर अरजिया नू हो।।
रूकीं रूकीं रउआ सूरूजदेव,
होत बा अबेरिया नू हो।
कब से लागल बाटे अशिया,
मत करिं देरिया नू हो।।
अरघ लेले ठाढ़ बाड़ी सीमा देई,
घेरत बा बदहवसिया नू हो।
आदित्यमल किरपा बरसाईं,
दिहीं मोर अशिषिया नू हो।।
सुनीं सुनीं हे छठि माई,
रउओ सुनीं गंगा माई नू हो।
अरुण दिव्यांश कहे रचनाई,
सब देव किरपा बरसाई नू हो।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा, बिहार।

भोजपुरी छठ गीत 1 –जय हो सुरुजदेव

उगते सुरुजदेव दुनिया भोर होई जाला।
दूर दुख होला सगरो शोर होई जाला।
जय हो सुरूज़ देव, जय हो सुरूज़ देव।

जगवा मे केहु नईखे साक्षात एको देवता।
आ गईली छठ तोहके देई हम नेवता।
उगेला त मन अब बिभोर होई जाला।
उगते सुरुजदेव दुनिया भोर होई जाला।
जय हो सुरूज़ देव जय हो सुरूज़ देव।

जिनगी मे बसल हमरो घोर अन्हीअरवा।
उगा हो सुरुजदेव करा उजिअरवा।
तोहरे दया से दुख केवनों ओर होई जाला।
उगते सुरुजदेव दुनिया भोर होई जाला।
जय हो सुरूज़ देव जय हो सुरूज़ देव।

हम हई नादान भगवान तोहके मानिला।
देई हम अरघ गुणगान तोहरो करीला।
चरण पखारी सिर मोर होई जाला।
उगते सुरुजदेव दुनिया भोर होई जाला।
जय हो सुरूज़ देव जय हो सुरूज़ देव।

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि, लेखक, गीतकार समाजसेवी,
995550928
email- shymakunvarbharti@gmail.com

छठी मैया के गीत | भोजपुरी छठ गीत - माई हम मनाइब न हो

भोर भिनसरवा घाट हम जाइब न हो।
छठी माई हम मनाइब न हो।
छठी मईया दीहा तू आशीष,
जीयते बरत हम उठाइब न हो।
छठी माई हम मनाइब न हो।

उगा हो सुरुजदेव करा न अब देरिया।
फेरी दा हो दीनानाथ हमपर नजरिया।
तोहके अरघ हम चढ़ाइब न हो।
हाथ जोरी गित हम गाइब न हो।
छठी माई हम मनाइब न हो।

करी दा अंजोर नाथ हमरो संसार।
होला सगरो तोहरो जय जय कार।
उगबा न जबले घरे हम जाइब न हो।
निर्मल नदिया हम नहाइब न हो।
छठी माई हम मनाइब न हो।

नारीयल केरा फल सुपवा मे साजल।
उखिया के बहँगी संगे ढ़ोल तासा बाजल।
छठी माई बेटी हम कहाइब न हो।
गाई गीतिया माई हम सुनाइब न हो।
छठी माई हम मनाइब न हो।
कवि, लेखक, गीतकार, समाजसेवी,

छठ पूजा गीत छठ माई के गीत | भोजपुरी छठ गीत : सइयाँ दउरा लेके छठी घाट चला धीरे धीरे

सइयाँ दउरा लेके छठी घाट चला धीरे धीरे।
डूबते सुरुजमल अरघिया चढाइब तीरे तीरे।

खुश होइहे छठी मईया किरीपा खूब करीहे।
पूरा करीहे मनसा हमरो अँचरा भरी दिहे।
सुपवा सजवली संगवा हमरे चला भिरे भिरे।
सइयाँ दउरा लेके छठी घाट चला धीरे धीरे।

नदिया किनरवा घाट आज मेला खूब लागी।
धूप दिया नारियर केरा लेला तनी आगी।
छठी मईया मनाइब बहाई नैना नीरे निरे।
सइयाँ दउरा लेके छठी घाट चला धीरे धीरे।

गोदीया बलकवा दिहे घरवा अन धनवा।
ब्र्म्हा मानस पुत्री मईया लागल मोर मनवा।
बड़ा रे कठिन छठ बरतिया करा धीरे धीरे।
सइयाँ दउरा लेके छठी घाट चला धीरे धीरे।
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी

भोजपुरी देवी गीत : माई आरती उतारा ना

लड़का- माई आरती उतारा ना भोगवा लगावा ना।
अंसुवन धरवा चरना पखारा ना।
लड़की – माई के महिमा गाई अब सबको सुनाना है।
लगाई माई मे मनवा देवी आज मनाना है।
लड़का – फल फुलवा थलिया सजाके
माई चरनीया सिरवा झुका के।
लड़की – मांग टीकवा गले हरवा माई को सजाऊँगी।
लाली चुनरिया अंगूठी अंगुरिया पहनाउंगी।
चरना मे गिरल माई हमके गरवा लगाना है।
लगाई माई मे मनवा देवी आज मनाना है।
लड़का- अइले संतोष माई शरनिया छोड़ गरुर के।
दिहा आशीष अबकी बेटा अपने जरूर से।
लड़की – सोने के दियवा कपूरवा आरती उतारूंगी।
हाथवा जोड़ी सिरवा नवाई माई मनाउंगी।
लड़का- अबोध बलकवा भारती गोदवा उठाना है।
लगाई माई मे मनवा देवी आज मनाना है।
श्याम कुँवर भारती, राजभर
कवि, लेखक, गीतकार, समाजसेवी
मोब /वाहत्सप्प्स - 995550928

छठ का गीत : आज आवा हमरे घरवा ये छठी मईया

भोजपूरी छठ गीत - ये छठी मइया।
आज आवा हमरे घरवा ये छठी मईया।
हम कईली तोर बरतवा ये छठी मईया।
सूप दौरा केरा नारियर धुपवा सजवली।
बांसवा बहंगिया उखिया डहंगिया मंगवली।
फेरी दा तनी तू नजरवा ये छठी मईया।
हम हई नादान माई कठिन बा बरतिया।
भूल चूक माफ़ करिहा ईहे बा बिनतिया।
पूरा करा मंसा तोहरे असरवा ये छठी मईया।
हथवा मे पईसा ना कौड़ी करी का उपईया।
अवतू ये छठी मइया होतू तनी हमरो सहइया।
बनी जा आज हमरो सहरवा ये छठी मइया।
श्याम कुंवर भारती (राजभर )

छठ गाना, छठी गीत Bhojpuri Chhath Geet : आरे रामा आएल छठी के वरतिया

आरे रामा आएल छठी के वरतिया,
की छठी घाट जाएब हे हरी।
दीनानाथ अईहें दुअरिया
की फूलबा चढ़ाएब हे हरी।।

बांसे केर सूपवा बांसे केर डलवा,
ठेकुआ खजुरी पान फ़ल फूलवा।

आरे रामा पाकल केरा के घऊरिया,
भोगवा लगाएब हे हरी।
आरे रामा आएल छठी के वरतिया,
की छठी घाट जाएब हे हरी।।

सांझ भईल देव डूबलन पक्षिम दिशऽ।
भोर विहाने फेरु अईहें पुरुब दिशऽ।।

आरे रामा पुलकित गांव नगरिया,
धनी संग जाएब हे हरी।
आरे रामा आएल छठी के वरतिया,
की छठी घाट जाएब हे हरी
उदय शंकर चौधरी नादान
कोलहंटा पटोरी दरभंगा
९९३४७७५००९

छठ का गीत : सूपा दउरी के सजल बजरिया

सूपा दउरी के सजल बजरिया।
चार दिन के आइल ई परबिया।।

अरग सूरज के १० के संझिया,
११ के भोरवा देहल हो जाई।
८ के शुरू होई, ९ के खरना बा भाई।।

दियन के परब बितल,
छठ के तइयारी करल जाई।
सोमवार के नहाय खाय,
मंगल के बरत खरना कइल जाई।।

बुध के संझिया अरग,
गुरु के भोरे फेरों सब जाई।
मेला लागी घाटन पर,
अबकी बहुते मजा बा भाई।।

सूरज सउंसे दुनिया के अंजोर रखेलन।
चंदा तारन के उहे दिखवेलन।।

दिन रात उनका से होला।
बाड़न ऊ आग के गोला।।

पूजा कर बिद्धा, बुद्धि, ताकत, तेज होखेला।
उनकर किरिपा से मुकती मन ई पावेला।।

सत रज तम छठी माई के बस में रहेला।
बरत करे ओकर धरम के जोर बड़ेला।।

आव, चलके घाट कइल जाव साफ सफाई।
दू साल बाद अबकी मास्क लगा के जाईं।।
डॉ. कवि कुमार निर्मल "बेतियावी"
पंश्चिम चंपारण, बिहार

छठ गीत Chhath Puja Geet In Mathili : छठी मैया होइयो सहाय

छठी मैया (मैथिली गीत)
कर जोरि मिनती करैत छी, छठी मैया होइयो सहाय।
अहिंक चरण माथा टेकैत छी,छठी मैया होइयो सहाय।।
पवनैतिन करैत अछि गुहार,सिन्दूर के रखियो लाज
नारियल लेने कोढिया अछि ठाड़,काया दियौ करै लेल काज
कर जोरि मिनती........।
अहींक चरण माथा...........।।
आँचर पसार बाँझिन कानैथ, भरि कोरा दियो ललना
भीख माँगि निर्धन पावनि करैथ,भरि दियौ अन्नधन अंगना
करि जोरि मिनती............. ।
अहींक चरण माथा..........।।
अन्हरा भटकैत अछि दुनिया मे, ज्योत द रखियौ हाथ शीश
जगमग घाट सजबैत छथि बालक, दियौ विद्या के आशीष
कर जोरि मिनती करैत छी,छठी मैया होइयो सहाय।
अहींक चरण माथा टेकैत छी,छठी मैया होइयो सहाय।।
रीतु प्रज्ञा
करजापट्टी, दरभंगा, बिहार

छठ माई के गीत : सुनै छी दीनानाथ बड्ड दयालु गे बहिना

सुनै छी दीनानाथ बड्ड दयालु गे बहिना।
चमचम चमकैत छथिन अंगना गे बहिना।।

करबैन छठि घाटे पूजनवा, हेतै पूरा आस
करबैन कर जोरि अरजवा, हेतै सबतरि उजास

सुनै छी दीनानाथ बड्ड दयालु गे बहिना
चमचम चमकैत छथिन अंगना गे बहिना

घाटे नटुआ नचेबै, हेतै मंगल ही मंगल
दाई-माई संग गीत गेबै, हेतै चहल -पहल

सुनै छी दीनानाथ बड्ड दयालु गे बहिना
चमचम चमकैत छथिन अंगना गे बहिना

लाले सूप अर्ध्य चढेबै, हेतै दूर विपदा
दूध धार अर्घ देबै, हेतै घरे-घरे संपदा

सुनै छी दीनानाथ बड्ड दयालु गे बहिना।
चमचम चमकैत छथिन अंगना गे बहिना।।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार
स्वरचित एवं अप्रकाशित

छठ गीत सुपरहिट : छठी माई अइली साँझ भइल बा

छठी माई अइली साँझ भइल बा।
डूबत सूरज खतिरा अंखवा लागल बा।
नहा खाइला पहिले अर्ग देवे के बा।
अबही बाटे जरिका उजार हो।
घटवा पर मरद मेहराउअन के भीड़ लागल बा।
मन में उठल हुल्लास हो।।
डॉ. कवि कुमार निर्मल
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छठ के गाना Chhath Puja Geet : काच्चे ही बांस के बहंगिया

काच्चे ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए.........२
होए ना बलम जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाए.........२
कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए.........२
बाट जे पूछे ना बटोहिया,
बहंगी केकरा के जाय.........२
तू तो आंध्र होवे रे बटोहिया,
बहंगी छठ मैया के जाए.........२
वह रे जे बाड़ी छठी मैया,
बहंगी उनका के जाए.........२
कांच ही बांस के बहंगिया
बहंगी लचकत जाए.........२
होए ना देवर जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाई.........२
वह रे जो बाड़ी छठी मैया
बहंगी उनका के जाए........२
बाटे जे पूछे ना बटोहिया
बहंगी केकरा के जाय........२
तू तो आन्हर होय रे  बटोहिया
बहंगी छठ मैया के जाए.........२
वह रे जय भइली छठी मैया,
बहंगी उनका के जाए........२

छठ गीत लिरिक्स : उगहे सूरज देव भेल भिनसरवा

उगहे सूरज देव भेल भिनसरवा
अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो
बड़की पुकारे देव दुनु कर जोरवा
अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो। ।१
बाझिन पुकारें देव दुनु कर जोरवा
अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो
अन्हरा पुकारे देव दुनु कर जोरवा
अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो। । २
निर्धन पुकारे देव दुनु कर जोरवा
अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो
कोढ़िया पुकारे देव दुनु कर जोरवा
अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो। । ३
लंगड़ा पुकारे देव दुनु कर जोरवा
अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो
उगह हे सूरज देव भेल भिनसरवा
अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो। ।४

छठ के गीत : सोना सट कुनिया हो दीनानाथ

सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार
सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार

आन दिन उगइछ हो दीनानाथ
आहे भोर भिनसार, आहे भोर भिनसार

आजू के दिनवा हो दीनानाथ
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर

बाट में भेटिए गेल गे अबला
एकटा अन्हरा पुरुष, एकटा अन्हरा पुरुष

अंखिया दियेते गे अबला
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर

बाट में भेटिए गेल गे अबला
एकटा बाझिनिया, एकटा बाझिनिया

बालक दियत गेल गे अबला
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर। ।

छठ का गाना : नारियलवा जे फरेला घउड़ से

नारियलवा जे फरेला घउड़ से
ओह पर सुगा मेड़राए…. २
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली जुठियाय…. २
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए…. २
ऊ जे केरवा जे फरेला घउड़ से
ओह पर सुगा मेड़राए…. २
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली जुठियाय…. २

ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए…. २

अमरुदवा जे फरेला घउड़ से
ओह पर सुगा मेड़राए…. २
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली जुठियाय…. २

ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए…. २

ऊ जे सेववा जे फरेला घउड़ से
ओह पर सुगा मेड़राए
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली जुठियाय…. २

ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए…. २

सभे फलवा जे फरेलन घउड़ से
ओह पर सुगा मेड़राए
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली जुठियाय…. २

ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए…. २

ऊ जे सुगनी जे रोवेली वियोग से
आदित होई ना सहाय
आदित होई ना सहाय
आदित होई ना सहाय
देव होई ना सहाय
आदित होई ना सहाय
देव होई ना सहाय

नारियर जे फरेला घउड़ से
ओह पर सुगा मेड़राए
ओह पर सुगा मेड़राए
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली जुठियाय
सुगा दिहली जुठियाय

छठ गीत सुपरहिट : पहिले पहिले हम कईनी छठ गीत

पहिले पहिले हम कईनी
छठी मईया व्रत तोहार
छठी मईया व्रत तोहार १
करिह क्षमा छठी मईया
भूल चुक गली हमार
भूल चुक गली हमार २
गोदी के बलकवा के दिह
छठी मईया ममता दुलार
छठी मईया ममता दुलार ३
पिया के सनेहिया बनहिय
मईया दिह सुख सार
मईया दिह सुख सार ४
नारियर केरवा घोउदवा
साजल नदिया किनार
साजल नदिया किनार ५
सुनिह अरज छठी मईया
बढ़े कुल परिवार
बढ़े कुल परिवार ६
घाट सजावाली मनोहर
मईया तोर भगति आपार
मईया तोर भगति आपार ७
लिहिएं अरगिया हे मईया
दिहीं आशीष हजार
दिहीं आशीष हजार ८
पहिले पहिले हम कईनी
छठी मईया व्रत तोहार
छठी मईया व्रत तोहार। । ९
करिह क्षमा छठी मैया
भूल चुक गली हमार
भूल चुक गली हमार
भूल चुक गली हमार

छठ पूजा गीत छठ माई के गीत | Chhath Puja Geet Lyrics

छठी मैया के ऊँची रे अररीया,
ओह पर चढलो ना जाए।
छठी मैया के ऊँची रे अररीया,
ओह पर चढलो ना जाए।
लिहीना कवन देव कुदरीया,
घटिया दाहिना बनाय,
लिहीना कवन बाबू कुदरीया,
घटिया दाहिना बनाय,
पेहनी ना कवन देव पियरीया,
चली अरघ दियाय।
पेहनी ना कवन बाबू पियरीया,
चली अरघ दियाय।

छठ गीत 2021 : केलवा के पात पर उगे लन सुरुजमल

केलवा के पात पर उगे लन सुरुजमल झांके ... झुके।
केलवा के पात पर उगे लन सुरुजमल झांके ... झुके।
के करेलू छठ बरतिया से झांके ... झुके।
के करेलू छठ बरतिया से झांके ... झुके।
हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया के केकरा लागी,
हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया के केकरा लागी।
के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी।
के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी।
हमरो जे बेटवा तोहन अइसन बेटावा से उनके लागी।
हमरो जे बेटवा तोहन अइसन बेटावा से उनके लागी।
से करेली छठ बरतिया से उनके लागी।
से करेली छठ बरतिया से उनके लागी।
अमरूदिया के पात पर उगे लन सुरुजमल झाके ... झुके।
अमरूदिया के पात पर उगे लन सुरुजमल झाके ... झुके।
के करेलू छठ बरतिया से झाके ... झुके।
के करेलू छठ बरतिया से झाके ... झुके।
हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया के केकरा लागी।
हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया के केकरा लागी।
के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी।
के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी।
हमरो जे स्वामी तोहन अइसन स्वामी से उनके लागी।
हमरो जे स्वामी तोहन अइसन स्वामी से उनके लागी।
से करेली छठ बरतिया के उनके लागी।
से करेली छठ बरतिया के उनके लागी।
नारियर के पात पर उगे लन सुरुजमल झाके ... झुके।
नारियर के पात पर उगे लन सुरुजमल झाके ... झुके।
के करेली छठ बरतिया से झांके ... झुके।
के करेली छठ बरतिया से झांके ... झुके।
हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया से केकरा लागी।
हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया से केकरा लागी।
के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी।
के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी।
हमरो जे बेटी तोहन बेटिया से उनके लागी।
हमरो जे बेटी तोहन बेटिया से उनके लागी।
से करेली छठ बरतिया से उनके लागी।
से करेली छठ बरतिया से उनके लागी।

छठी मैया के गीत : आठ ही के काठ के कोठरिया

आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ, रूपे छा.... ने लागल केवाड़।
आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ, रूपे छा.... ने लागल केवाड़।
ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ बांझी केवडूवा धइले ठाड़।
ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ बांझी केवडूवा धइले ठाड़।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ, कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ, कौन संकट पडल तोहार।
पुत्र संकट पडल, मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।
पुत्र संकट पडल, मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ, कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ, कौन संकट पडल तोहार।
नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ, कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ, कौन संकट पडल तोहार।
काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ,ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ,ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
बांझीनी के पुत्र जब, दिहले दीनानाथ खेलत-कुदत घर जात।
बांझीनी के पुत्र जब, दिहले दीनानाथ खेलत-कुदत घर जात।
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायावा हसत बोलत घर जात।
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायावा हसत बोलत घर जात।

छठ गीत शारदा सिन्हा : भोरवे में नदिया नहाईला आदित मनाईला हो

भोरवे में नदिया नहाईला आदित मनाईला हो
बाबा फूलवा अक्षतवा चढ़ाईला सब गुण गाईला हो
बाबा फूलवा अक्षतवा चढ़ाईला सब गुण गाईला हो १
अस धरवाईब सईया अन्हरिया से बोझिल हो
बाबा अँगने में मांगीला अंजोर ई मथवा नवाईला हो
बाबा अँगने में मांगीला अंजोर ई मथवा नवाईला हो २
गजमोती चउका पुराईला अंचरा बिछाईला हो
बाबा अँगने में फूलवा तs लागेला फलवा न खाईला हो
बाबा अँगने में फूलवा तs लागेला फलवा न खाईला हो ३
ताना देके कहेले गोतीनिया ई बाँझ बा बहिनिया नु हो
बाबा सुनी सुनी बोलिया गोतीनिया मो लोरवा बहाईला हो
बाबा सुनी सुनी बोलिया गोतीनिया मो लोरवा बहाईला हो ४
चुप रहु धीर करूँ दुखिया ना सुन रही कोखिया नु हो
बस आजु के नव ये महिनावा होरिला मुस्काईला हो
बस आजु के नव ये महिनावा होरिला मुस्काईला हो ५
बाबा फूलवा अक्षतवा चढ़ाईला सब गुण गाईला हो
बाबा फूलवा अक्षतवा चढ़ाईला सब गुण गाईला हो ६
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