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करम-व-कर्मा पूजा के बाद विश्व-कर्मा-पूजा मुबारक हो Vishwakarma Puja

क्या विश्वकर्मा पूजा और करम पूजा एक हैं या दोनों अलग-अलग - विश्वकर्मा पूजा और करम पूजा में क्या अंतर है

नोट :- हमारे सारे पाठकों को " करम-व-कर्मा पूजा " के बाद " विश्व-कर्मा-पूजा " मुबारक हो!
सब को हमारी तरफ़ से विशेष बधाइयाँ और शुभकामनाएं!!
कल " करम-व-कर्मा-पूजा " के प्यार-व-इश्क के काग़ज़ पे दिल की क़लम से " विश्व-कर्मा-पूजा " की मुबारकबाद वक़्त से पहले " मौलवी प्रेम-नाथ कुमार बिस्मिल, और " मियाँ अता-उल-लाह ख़ाँ सादिक़ " ने नेहायत/ निहायत सुर्अत या जल्द-बाज़ी में आप लोगों को दे डाली!?.
ख़ास कर " मियाँ अता-उल-लाह ख़ाँ सादिक़ को ये ग़लत़-फ़ह़्मी हुई ,कि/के, वह " करम-व-कर्मा-पूजा " ही को " विश्व-कर्मा-पूजा " समझ बैठे!?۔उन्होंने मेरे " करम-व-कर्मा-पूजा" वाले लेख में " विश्व-कर्मा-पूजा " शब्दों का इज़ाफ़ा/ अज़ाफ़ा कर दिया!?۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔बह्र-ए-कैफ़!۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔अब " विश्व-कर्मा-पूजा " पर मैं कुछ तहरीर कर रहा हूँ۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
" आश्विन-माह/ महीना " के " कृष्ण-पक्ष " की " चतुर्दशक " को " विश्व-कर्मा - पूजा " की जाती है!
उसी दिन " ॠषि -व-भगवान विश्वकर्मा जी " का जन्म हुआ था!
" विश्व-कर्मा-पूजा " के दिन ( हर बरस 17 सितम्बर को ) ॠषि-व-भगवान विश्वकर्मा जी के साथ ही सारे कल-कारख़ानों और फ़ैक्ट्रियों में तमाम औज़ारों की पूजा की जाती है!
पौराणिक-कथा के अनुसार," सृष्टि " को सँवारने की ज़िम्मेदारी, भगवान ब्रह्मा जी ने " ॠषि-व-भगवान विश्वकर्मा जी " को सौंपी!
भगवान ब्रह्मा जी को अपने वंशज और ऋषि-व-भगवान विश्वकर्मा जी की कला पर पूर्ण विश्वास था! जब भगवान ब्रह्मा जी ने " सृष्टि " का निर्माण किया तो वह एक विशालकाय अंडे के आकार की थी! उस अंडे ही से " सृष्टि " की " उत्पत्ति " हुई!
उसके बाद भगवान ब्रह्मा जी ने " सृष्टि " को " शेष-नाग " की " जीभ " पर रख दिया! लेकिन " शेष-नाग " के हिलने से " सृष्टि " को " हानि/ नुक़सान " होता था!
उस बात से परेशान हो कर " भगवान ब्रह्मा जी " ने " ऋषि-व-भगवान विश्वकर्मा जी " से उस समस्या का समाधान या कोई उपाय दरयाफ़्त करने की चेष्ठा करने का अनुरोध किया!
भगवान विश्वकर्मा ने " मेरू-परबत/ पर्वत " को " जल " / " समुद्र " में रख -रखा-रखवा कर " सृष्टि " को " स्थिर " कर दिया!
भगवान विश्वकर्मा जी की" निर्माण-क्षमता " और " शिल्प-कला" से भगवान ब्रह्मा जी" बहुत प्रभावित हुए!
उसी वक़्त से ऋषि-व-भगवान विश्वकर्मा जी को दुनिया का पहला " इन्जीनियर-व-वास्तुकार " माना जाता है!
दुनिया की बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी दुकानों में भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा बड़े आदर, प्रेम, और श्रद्धा से की जाती है!
महान्तम ऋषि-व-भगवान विश्वकर्मा जी की जय!
क्या विश्वकर्मा पूजा और करम पूजा एक हैं या दोनों अलग-अलग - विश्वकर्मा पूजा और करम पूजा में क्या अंतर है

लेखक :- डॉक्टर इन्सान प्रेमनगरी,द्वारा,डॉक्टर रामदासप्रेमी राजकुमार जानी दिलीपकुमार कपूर,डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल,डॉक्टर हेड्मास्टर/ प्रिन्सिपल अब्दुल-जब्बार ग़नी हजीँ ग़ालिबी बिल्डिंग, निकट नूरी मस्जिद ,आनन्द भवन रोड,राऊरकेला-769001,ओडीशा,इन्डिया

विश्व-कर्मा-पूजा पर मुख़्तलिफ़ वज़्न-व-बह्र में चन्द अश्आर

" विश्व-कर्मा-पूजा "
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विश्व-कर्मा पूजा करते हैं हम!
उन ही पर श्रद्धा रखते हैं हम!!
सारे औज़ारों को पूजते हैं हम!
दिल से औतारों को पूजते हैं हम!!
नव-ब-नव शै की ईजाद करते हैं हम!
यारो!, सब लोगों को शाद करते हैं हम!!
फूल,फल,मिष्ठी,शम्शाद,देते हैं हम!
दोस्तो!,सब को प्रसाद देते हैं हम!!
" विश्व-कर्मा-पूजा " कर रहे हैं हम!
" हुस्न-ए-भगवन " ही पर मर मिटे हैं हम!!
कवि :- डॉक्टर " इन्सान " प्रेम-नगरी,
द्वारा,डॉक्टर राम-दास प्रेमी राजकुमार जानी दिलीपकुमार कपूर,डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मन्ज़िल,डॉक्टर ख़दीजा नरसिंग ट्रेनिंग होम ,राँची-हिल साईड,इमामबाड़ा रोड,राँची-834001,झारखण्ड,इन्डिया

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