शायर मरते नहीं अपनी शायरी के जरिये अमर होते हैं
नीरज चोपड़ा के बहाने वाहिद अली वाहिद की याद
नीरज के सोना जीतते ही सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा लिखी गयी लाइन " फेंक जहां तक भाला जाए" इस बदनसीब शायर की थी!
वाहिद जी को बदनसीब इसलिए कहा क्योंकि बीते 20 अप्रेल 2021 को इनकी मौत सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि लखनऊ में आपको न तो वक्त पर इलाज मिला और न ही अस्पताल में जगह!
सोचिये एक हरदिल अजीज शानदार शायर को आखिरी वक्त में इलाज नहीं मिला .. मगर शायर मरते नहीं, अपने शायरी के जरिए अमर होते है...
हिंदुस्तान के इस एतिहासिक पल में देश ने आपको खूब याद किया है वाहिद जी.....
वाहिद अली वाहिद की मशहूर ग़ज़ल Wahid Ali Wahid Famous Ghazal In Hindi
"कब तक बोझ संभाला जाए
द्वंद्व कहां तक पाला जाए
दूध छीन बच्चों के मुख से
क्यों नागों को पाला जाए
दोनों ओर लिखा हो भारत
सिक्का वही उछाला जाए
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए
इस बिगड़ैल पड़ोसी को तो
फिर शीशे में ढाला जाए
तेरे मेरे दिल पर ताला
राम करें ये ताला जाए
वाहिद के घर दीप जले तो
मंदिर तलक उजाला जाए
कब तक बोझ संभाला जाए
युद्ध कहां तक टाला जाए
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए"
(साभार- वंदना दवे)
Neeraj Chopra के Tokyo Olympics में Gold Medal जीतने पर नीरज चोपड़ा पर हुई कविता और शायरी की बारिश, प्रस्तुत है कुछ और मजेदार कविता और शायरी।
नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया : कविता
नीरज इतिहास रच दिया
घूमिल कैसे होनें देते
ख़्वाब जो आंखों में पाला था,
हम वंशज है राणा के
हाथों में भाला थामा था
चंद मिंटो में नया इतिहास लिखना था,
जो इतिहास हमनें पढ़ा था।
नीरज इस पार था
भाला उस पार था
बीच मे क़लम हमारी थी
सोने को सोने से लिख दिया था
नीरज तुमनें इतिहास रच दिया
आज़ाद भारत को फ़िर आज़ाद कर दिया
वंशज है हम राणा के फ़िर याद करा दिया।
प्रतिभा जैन
टीकमगढ़ मध्यप्रदेश
वाह,मेरे देश के लाल
वाह,मेरे देश के लाल
वाह, मेरे देश के लाल,
तुने किया अद्भूत कमाल,
दिलाया भारत को गोल्ड मेडल,
ऊंचा किया भारत का भाल।
वाह,मेरे देश के लाल...।
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