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नाग पंचमी पर नाग देवता के भजन आरती भक्ति गीत नागपंचमी पर कविता Nag Panchami Poem In Hindi

Nag Devta Ki Aarti Nag Devta Ke Bhajan नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
नाग पंचमी भक्ति गीत
“आप सभी मित्रों को नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर सारी बधाईयां”
नाग पंचमी का शुभ दिन आया, हे नाग देवता,
मन मंदिर में स्वागत आपका, हे नाग देवता! महादेव के प्यारे आप, बने रहते सदा गले का हार,
त्रिलोकीनाथ किया करते हैं, आपसे बहुत प्यार।
दिलाओ सबको कोरोना से मुक्ति, नाग देवता,
महा कष्ट से उबारो सबको, हे भोले नाग देवता!
नाग पंचमी का शुभ दिन……
मुसीबतों में घिरा हुआ है जग, आती याद तुम्हारी,
तेरी कृपा से दूर संभव, तकलीफें जग की सारी।
सपने में जिसे तुम देते दर्शन, बना जाते काम,
ले रही यह दुनिया देखो, तेरा नाम सुबह शाम।
हमारी भी पूजा आज, कर लो कबूल नाग देवता,
पधारो पधारो मन मंदिर, हे प्यारे नाग देवता।
नाग पंचमी का सुबह दिन……
दूध लावा के साथ आज, हो रहा इंतजार तुम्हारा,
लगा दो, लगा दो नाग बाबा, डूबती नैया किनारा।
निगल जाओ इस कोरोना को, दो सबको सहारा,
फेक दो बाहर दुनिया से, जो डरा रहा है नज़ारा।
कोटि कोटि प्रणाम तुमको, आराध्य नाग देवता,
तुम सबकी सुनते, सुनो हमारी भी नाग देवता।
नाग पंचमी का शुभ दिन………
घर घर आज हो रही है, तुम्हारी ही धूप आरती,
जीवन रथ का बन जाओ, आज तुम देवा सारथी।
मिल जाए एक बार जिसको, बाबा तेरा प्रसाद,
होकर आजाद कष्टों से, दुनिया उसकी आबाद।
मन से सुमिरन कर रहा हूं तेरा, हे नाग देवता,
सुन लो पुकार इस सेबक की, हे नाग देवता!
नाग पंचमी का शुभ दिन………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

नाग पंचमी पर गीत | नागपंचमी पर कविता Nag Panchami Poem in Hindi

नाग पंचमी गीत
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नाग पंचमी का उत्सव आज मनायें।
सावन में शुक्ल पक्ष में हरसाल आये।
नागदेव की पूजा सभी हैं करते आये।
दुध से स्नान करवा प्रसन्न कर पायें।
दूध पिला परम्परा चलाये।
नाग उसे पर पचा न पाये।
दूध पी प्रत्यूर्जता से मर जायें।
सर्पदंश से ऐसा कर रक्षित हो पाये।
काशी के नाग कुँआ पर मेला लग जाये।
अष्टनागों की पूजा आज सब करवायें।
तक्षक गरूड़ की कहानी सब सुनायें।
भयभीत तक्षक काशी गुरुकुल आये।
गुरू कृपा से तक्षक नाग अभय दान पाये।
मवेशियों को सब ताल नदी में नहलाये।
नाग पंचमी का दिन उत्सव मनायें।
सावन में शुक्ल पक्ष में हरसाल आये।।
डॉ. कवि कुमार निर्मल

नाग महात्म | नागों का महत्व नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है

नाग महात्म
असुर देव जब लड़ पड़े
हमें चाहिए अमृत धारा
तब शिव ने निर्णय लिया
सागर मंथन ही हल हमारा।।
देव बोले मंथन मे अमृत संग
समाई है विष की भी धारा
शिव बोले मैं पान करूंगा विष
मुझे है ये संसार बहुत ही प्यारा।।
फिक्र करी तब शिव अर्धांगिनी
नारायण ने पार्वति को फिक्र से उबारा
हरा जब शिव ने विष तब पार्वती ने
कंठ से नीचे ना जाने दिया विष दुबारा।।
शिव संग जिसने विष पिया था
वो नाग ही तो है जिसे गले मे धारा
शिव बोले नागों को वर दे
तेरी पूजा ही मेरी पूजा नाग देव
यही संदेश संसार को दे तारा।।
वीना आडवानी 'तन्वी'
नागपुर, महाराष्ट्र
जय नागदेव

नाग पंचमीः शिव का कंठहार | नाग पंचमी का पर्व पर हिंदी कविता

कई नाम से जाने जाते,
शेषनाग पर विष्णु जी सोते।।
कोबरा सद्गुरू ने मित्र बनाया।
कृष्ण ने कालीय मर्दन किया।।
समुद्र मंथन पर प्रकटित हुए।
पानी को विष बना दिया।।
कंठ में शिव ने विष धारण किया।
नीलकंठ नाम से पूजन हुआ।।
सर्प के दांतों मे रहता झहर।
दंत निकालकर करते वश।।
मानव स्वार्थी खिलवाड़ करते।
प्राणी मात्र को सताते रहते।।
श्रावण पंचमी को पुजा होती।
दूध पिलाकर प्रार्थना होती।।
शिव शंभु के दास बने हो।
अहंकार मन के तुम मिटा दो।।
विषधर से तुम जाने जाते।
लोग तुमसे डरते रहते।।
मानव का संग सब करते।
मन का विष पहचान न पाते।।
स्वरचित रचना
पद्माक्षि शुक्ल

कैसे कैसे हैं साँप: साँपों पर कविता | साँप शायरी Poem On Snake In Hindi

कैसे कैसे हैं साँप।
देख उसे हम जाते काँप।।
कुछ हैं काले कुछ हैं पिले।
सुर्ख धारो वाले नीले।।
जहर का लेके घूमते प्याले।
आड़ा तिरछा हैं इनके चाले।।
पर सीधे साधे हैं मतवाले।
खैर नही हैं तेरा छेड़ने वाले।।

नाग पंचमी की देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं

विशाल कुमार, अ छुआ
नाग हैं पर काग नही।
मानव जैसा घाग नही।।
बच जा सत्ता के सपेरों से।
उनसा विषधर कोई नाग नही।।
विशाल कुमार, अ छुआ

नाग पंचमी पर कविता | नागपंचमी गीत लिरिक्स Nag Panchami Geet Lyrics Hindi

नाग पंचमी
आया नाग पंचमी का त्यौहार
खुशियों का छाया है बौछार
सावन के महीने में भोले
के गले में सर्फो का हार।

चारो तरफ है खुशियाँ छाई
भोले तेरे द्वार मै आई
भर दे झोली तू सबकी
और कर दे तू बेडा पार।

नागों को दूध पिलायेंगे
बिनय दिल से यही करेंगे
जो करेंगा गलत काम
कर दे तू दुष्टों का संहार।
अर्पणा दुबे अनूपपुर

Nag Panchami Image नाग पंचमी फोटो

Nag Devta Ki Aarti Nag Devta Ke Bhajan Nag Panchami Image साँप पर कविता

Nag Devta Ki Aarti Nag Devta Ke Bhajan Nag Panchami साँप पर कविता

मैथिली बिषहरि गीत Maithili Bishara Geet Bishari Geet Lyrics In Hindi

मैथिली बिषहरि गीत Maithili Nag Panchami Geet

पूजा करब हम मोंन स, बिषहरि एलखिन आंगन हमर।
मिनती करब हम करि जोरि क, नीक स बीतत सब पहर।।
आनब सिंदुर लाले-लाले, लिखब बिषहरि
घसब चंदन मगन भ, लिखब बिषहरि
पूजा करब हम मोन स, बिषहरि एलखिन आंगन हमर।
मिनती करब हम कर जोरि क,नीक स बीतता सब पहर।।
पिसब मेंहदी हम झूमि क, लिखब बिषहरि
पिसब पिटार मुसकि क, लिखब बिषहरि
पूजा करब हम मोन स, बिषहरि एलखिन आंगन हमर।
मिनती करब हम करि जोरि क, नीक स बीतता सब पहर।।
पारब काजर हम ध्यान स, लिखब बिषहरि
लोढब डाला सुंदर स, चढायब बिषहरि
पूजा करब हम मोन स, बिषहरि एलखिन आंगन हमर।
मिनती करब हम करि जोरि क, नीक स बीतता सब पहर।।
भुजब लावा जुनि मिलि,चढायब बिषहरि
मंगायब दूध भोरे-भोरे, चढायब बिषहरि
पूजा करब हम मोंन स, बिषहरि एलखिन आंगन हमर।
मिनती करब हम करि जोरि क, नीक स बीतत सब पहर।।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा,बिहार
स्वरचित एवं अप्रकाशित
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