भक्ति गीत : फागुन में शनि महाराज
(ॐ शं शनैश्चराय नमः)
फागुन का महीना है, बगिया में बहार है,
पधारो शनि महाराज, आपका इंतजार है।
विनती सुनना और बिलंब न करना प्रभु,
सारे भक्तों की आत्मा की यह पुकार है।
फागुन का महीना है………..
वातावरण साफ है, उड़ती नहीं कहीं धूल,
वन उपवन में खिले हैं, रंग बिरंगे फूल।
लहराते सरसों फूल मन को खुशी देते हैं,
सरसों तेल से ही, होता आपका श्रृंगार है।
फागुन का महीना है………
मधुर स्वर में गीत गाती है कोयल रानी,
छुपकर कहीं पेड़ों में, मैना पढ़ती कहानी।
किसी दुल्हन जैसे सजी संवरी है प्रकृति,
फागुनी वेला पर, आपका क्या विचार हैं?
फागुन का महीना है………
ॐ शं शनैश्चराय नमः, सबकी एक बोल,
आ जाओ, आ जाओ, मौका है अनमोल।
भक्तों में अपनी कृपा बांटकर चले जाना,
सब कहते हैं आपकी महिमा अपरंपार है।
फागुन का महीना है……..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
शनिवार स्पेशल शनि देव भजन - शनि देव के सुपरहिट भजन Lyrics - शनि देव की आरती
भजन : शनि शिंगणापुर जाना है
शनि महाराज के दर्शन करने साथियों,
हमें भी आज शनि शिंगणापुर जाना है।
पूजा अर्चना करनी है शनि भगवान की,
अपने हाथों से प्रभु को, तेल चढ़ाना है।
शनि महाराज के……
भक्ति से खुश करना है, शनि देव को,
शनिवार का दिन हमें, वहीं बिताना है।
बैठना है शनिदेव के श्री चरणों में हमें,
तेल की धार चढ़ाकर, उन्हें मनाना है।
शनि महाराज के……
क्षमा याचना करनी है झुककर प्रभु से,
हर हाल में उनको, तेल से नहलाना है।
शनि महाराज ने हमको बुलाया है वहां,
हमें वहां जाना है, मन में मैंने ठाना है।
शनि महाराज के ……
शिंगणापुर शनि देव की आरती
शनि देव करते हैं, सारे कष्ट हमारे दूर,शनि शिंगणापुर इस बार जाना है जरूर।
अब किसी काम में नहीं लगता है मन,
विनती करनी है, कोरोना को भगाना है।
शनि महाराज के……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
शनिवार विशेष शनि देव के भजन भक्ति गीत : चलो चलते शिंगनापुर Shani Bhagwan Ke Bhajan
(शनिवार विशेष)
शनि महाराज की कृपा मिलती वहां भरपूर
साथियों, आज चलो चलते हम शिंगनापुर।
वहां जाने के लिए, कोई चाहिए नहीं तैयारी,
तेल प्रभु को प्रिय है, कुछ और नहीं मंजूर।
साथियों, आज चलो चलते…………
रात सपना आया है, शनि देव ने बुलाया है,
जिसने किया है कर्म, सबने फल पाया है।
भक्तों को निराश नहीं करते हैं शनि देव,
मन की अभिलाषा, वे पूरी करते हैं जरूर।
साथियों, आज चलो चलते……….
बिन मांगे प्रभु का मिल जाता आशीर्वाद,
हमेशा काम आता है, शनि देव का प्रसाद।
शनि देव कामना और भावना दोनों देखते,
शरण से अपने भक्तों को, करते नहीं दूर।
साथियों, आज चलो चलते………….
बड़े दयालु और बड़े कृपालु लगते शनि देव,
भक्तों की पूजा के आगे, झुकते शनि देव।
सच्चे मन से जो जाए, लौटते नहीं खाली,
भूल से हो जाए तो, माफ कर देते कसूर।
साथियों, आज चलो चलते………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
शनि देव महाराज की आरती | शनि देव शिंगणापुर वाले शनि महाराज का भजन
भजन : शनि देव शिंगणापुर वाले
शनि देव शिंगणापुर वाले, तुम्हें प्रणाम,
सारी दुनिया में देवा है तेरा बहुत नाम।
जिसका कोई भी नहीं सुनता संसार में,
तुम बना देते हो उसके, सारे ही काम।
शनि देव शिंगणापुर……
तेरे लिए सबसे प्यारी वस्तु होती है तेल,
तेल से ही बढ़ता है तेरा, भक्तों से मेल।
बड़ा अच्छा लगता है तुमको तेल स्नान,
खुश होकर दे देते हो, भक्तों को इनाम।
शनि देव शिंगणापुर……
सबको भाता है तेरा शिंगणापुर ठिकाना,
लगा रहता वहां, लोगों का आना जाना।
तेरे दर्शन से, शांति मिलती है मन को,
थके जीवन को प्रभु, मिलता है आराम।
शनि देव शिंगणापुर……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र) जयनगर, मधुबनी बिहार
शनिदेव भजन लिरिक्स भक्ति गीत : नव वर्ष में शनि देव
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को नव वर्ष 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर सारी बधाइयां।"
नव वर्ष में इतनी कृपा करना शनि देव,
भक्तों के जीवन से दूर करना परेशानी।
हम सारे भक्त तेरी आराधना करते प्रभु,
भूलना नहीं, करना अपनों पर मेहरबानी।
नव वर्ष में इतनी…………..
नव वर्ष में तुमको ज्यादा तेल चढ़ाएंगे,
अपने हृदय में तेरी मूरत को बसाएंगे।
पहले से ही कोरोना अकड़ दिखा रहा है,
ओमीक्रोन नरक बना रहा है जिंदगानी।
नव वर्ष में इतनी…………..
हे शनि महाराज, शिंगनापुर तेरा धाम है,
सारी दुनिया में प्रभुजी, तेरा बड़ा नाम है।
नव वर्ष में नई शक्ति दो, भक्तजनों को,
कृपा में कंजूसी नहीं, आपकी रीति पुरानी।
नव वर्ष में इतनी………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भजन : शनि देव की जय जयकार! शनि देव महाराज की आरती हिंदी में
“जय शनि महाराज की जय”
शनि देव से भक्त, बहुत प्यार करते हैं,
इसलिए प्रभु की, जय जयकार करते हैं।
अपने भक्तों को वे निराश नहीं करते हैं,
बदले में वे भक्तों का बेड़ा पार करते हैं।
शनि देव से भक्त……
शिंगणापुर में घरों में, नहीं लगते हैं ताले,
ऐसे सारी दुनिया के शनि देव हैं रखवाले।
शनिदेव के गांव में, नहीं होती कोई चोरी,
लोग आपस में, दिल से सत्कार करते हैं।
शनि देव से भक्त……
अगर शनि देव से हमको बढ़ाना है मेल,
सच्चे हृदय से इनको, चढ़ाना होगा तेल।
उनके सच्चे अनुयायी झूठ नहीं बोलते हैं,
हमेशा सारे लोग, मधुर व्यवहार करते हैं।
शनि देव से भक्त……
बड़ी विचित्र है शनि महाराज की कहानी,
थोड़ी सेवा देख, दूर कर देते हैं परेशानी।
शनिदेव सबको अवसर देते हैं दरबार में,
हर सेवक के कष्ट पर, विचार करते हैं।
शनि महाराज से भक्त……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
भक्ति गीत : शनि देव तेरे दरबार में, शनि देव की आरती लिखित में
भक्ति गीत : शनि देव तेरे दरबार में
शनि देव तेरे दरबार में, बरस रहा प्यार,
सहर्ष भक्त कर रहे, तेरी जय जयकार।
दरबार तेरा महक रहा, सुगंधित फूलों से,
बहती रहती शनि महाराज, तेल की धार।
शनि देव तेरे दरबार में……
हर शनिवार शिंगनापुर में लगता है मेला,
सारे देवों में, प्रभु तेरा रूप बड़ा अलबेला।
जो भजता है तेरा नाम कभी हृदय पूर्वक, तुम भी सुन लेते हो, उसकी झट पुकार।
शनि देव तेरे दरबार में……
अपने सेवकों पर जल्दी कृपा करो प्रभुजी,
कोरोना महामारी ने मचा रखा हाहाकार।
खुशी खो गई है लोगों के जीवन से जैसे,
पूज्य शनि देव, तेरी महिमा है अपरंपार।
शनि देव तेरे दरबार में……
स्वीकार कर लो विनती अपने भक्तों की,
रो रहे हैं घर के घर, परिवार के परिवार।
क्या करें लोग और कहां जाएं इस समय?
छूट गए काम, हाथ से चले गए रोजगार।
शनि देव तेरे दरबार में……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
भक्ति गीत : शनि देव तेरे दरबार में
“फागुन का महीना, बागों में बसंत बहार,
शनि देव आपका स्वागत और इंतजार।“
शनि देव तेरे दरबार में, बरस रहा प्यार,
सहर्ष भक्त कर रहे, तेरी जय जयकार।
दरबार तेरा महक रहा, सुगंधित फूलों से,
बहती रहती शनि महाराज, तेल की धार।
शनि देव तेरे दरबार में……….
हर शनिवार शिंगनापुर में लगता है मेला,
सारे देवों में, प्रभु तेरा रूप बड़ा अलबेला।
जो भजता है तेरा नाम कभी हृदय पूर्वक,
तुम भी सुन लेते हो, उसकी झट पुकार।
शनि देव तेरे दरबार में……….
अपने सेवकों पर जल्दी कृपा करो प्रभुजी,
कोरोना महामारी ने मचाया था हाहाकार।
खुशी खो गई थी लोगों के जीवन से जैसे,
पूज्य शनि देव, तेरी महिमा है अपरंपार।
शनि देव तेरे दरबार में……….
स्वीकार कर लो विनती अपने भक्तों की,
रो रहे थे घर के घर, परिवार के परिवार।
क्या करते लोग, और कहां जाते ऐसे में?
छूट गए काम, हाथ से चले गए रोजगार।
शनि देव तेरे दरबार में……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भक्ति गीत : शनि महाराज की होली
“दिवस आज का, शुभ बसंती शनिवार है,
भक्तों हेतु खुला शनि देव का दरबार है।“
शनि महाराज, तुम होना मत नाराज,
भक्तों के संग होली मनाने आ जाना!
रंग डालूंगा और तुमको तेल चढ़ाऊंगा,
मीठे मीठे मालपुआ भोग लगा जाना!
शनि महाराज……….
बसंत ऋतु का मौसम, खिले हैं फूल,
आना और माफ करना हमारी भूल।
कृपा अपनी बनाए रखना सदा सदा,
एक दरश अपनी तुम दिखला जाना!
शनि महाराज………….
बुरा न मानो घर घर में होती होली है,
आंगन आंगन में सजती जो रंगोली है।
हृदय पूर्वक आपका स्वागत होगा देव,
जगह जगह, झंडा अपना लहरा जाना!
शनि महाराज………….
होली मनाकर तुम चले जाना शिंगनापुर,
छोड़ जाना हमारे लिए कृपा तुम भरपूर!
दे जाना आशीर्वाद अपने सारे सेवक को,
अपनी अराधना का, अलख जगा जाना!
शनि महाराज…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
शनिदेव के भजन लिरिक्स : आओ शनि महाराज
भक्ति गीत : आओ शनि महाराज
“शनि देव के कारण शनिवार हुआ खास,
सारी दुनिया को है इस बात का एहसास।“
शिंगनापुर छोड़कर आओ हे शनि महाराज,
सारे भक्त आपका आज इंतजार करते हैं।
हृदय पूर्वक आपकी आराधना करते प्रभुजी,
भक्ति कहती, बहुत ज्यादा प्यार करते हैं।
शिंगनापुर छोड़कर आओ……….
जिस दिन आता है दिन शनिवार सुहाना,
छलक पड़ता है भक्ति कलश का पैमाना।
शिंगनापुर के दृश्य सबके नयनों में होते,
आपकी शक्ति को सभी स्वीकार करते हैं।
शिंगनापुर छोड़कर आओ……..
आपको सबसे ज्यादा तेल लगता प्यारा,
दिया करते आप अपने भक्तों को सहारा।
मन मंदिर में लोग स्थान देते हैं आपको,
आपकी कृपा से लोग शुभ श्रृंगार करते हैं।
शिंगनापुर छोड़कर आओ………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भक्ति गीत : जब आता है शनिवार
“ॐ श्री शनैश्चराय नमः”
छः दिनों बाद जब आता यह शनिवार,
सज जाता है शनि महाराज का दरबार।
शिंगनापुर में तेल से होती उनकी पूजा,
भक्तों को मिलती उनकी कृपा अपरंपार।
छः दिनों बाद जब………..
शिंगनापुर में घरों में नहीं लगता ताला,
अपने भक्तों का शनि देव है रखवाला।
हनुमान जी उनके साथ होते इस दिन,
सारी दुनिया पर, बरसता उनका प्यार।
छह दिनों बाद जब…………..
सारे जग में फैला है शिंगनापुर का नाम,
शनि महाराज को है कोटि कोटि प्रणाम।
कोई रुकावट नहीं आती उनके रास्ते में,
जो करते हैं शनि देव की जयजयकार।
छः दिनों बाद जब………….
महाराष्ट्र अहमदनगर में है यह स्थान,
जहां पर हैं शनि महाराज विराजमान।
खाली झोली उसकी भर देते हैं झटपट,
शनि देव को जो कोई करता है प्यार।
छः दिनों बाद जब……….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भक्ति गीत : शनि देव आराधना
ॐ शं शनैश्चराय नमः
सारा संसार करता है तुम्हारी आराधना,
हे शनि देव तुम पूर्ण करते हो कामना।
तुम दुःख हरके सुख देते हो भक्तों को,
शुरू से तेरे भक्तों का रहा यह मानना।
सारा संसार करता……..
हे स्वामी, तेरी महिमा है बड़ी निराली,
तेरे चरणों से कोई लौटता नहीं खाली।
सुख चैन से जीवन बीत जाता है सारा,
नहीं करना पड़ता है कष्टों का सामना।
सारा संसार करता………….
तुम प्रसन्न हो जाते हो चढ़ाने से तेल,
एक पुकार से बना देते भक्तों के खेल।
शिंगनापुर मंदिर, सबको को लुभाता है,
सच्चे मन से करते लोग तेरी उपासना।
सारा संसार करता………
हम सब याचक हैं, तुम एक बड़े दाता,
जो दर पे है आता, झोली भरके जाता।
समस्त जग कृतज्ञ है तेरी महिमा का,
तुम समझते हो स्वामी हमारी भावना।
सारा संसार करता………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
Shani Dev Aarti Lyrics शनि देव आरती हिंदी में
शनिवार शनिदेव वंदन
जय जय जय भास्कर नंदन,
आपका का करूँ नित्य वंदन।
जय जय जय बाबा शनिदेव,
जीवन से मिटा दें क्रोध क्रंदन।।
विनती करूँ मैं कर जोड़कर,
मैं अनाथ सनाथ मुझे बना दें।
आपका अभिनंदन आपको वंदन,
भक्तिमय जीवन मेरा बना दें।।
बहाऊँ जगत में मैं काव्य कविता,
सरस सस्वर दे दें मुझे आप गला।
कर सकूँ मैं साहित्य की रचना,
टल जाय जीवन की हर बला।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
शनि देव की आरती - शनिदेव के भजन लिरिक्स Shani Dev Aarti Lyrics Hindi
शनिवार
शनिदेव वंदन
जय हो शनि भगवान,
महिमामंडित अमिट महान।
बल बुद्धि ज्ञान प्रभु,
सबको करो तुम प्रदान।।
मैं मूरख हूँ अज्ञानी,
दूर करो अब मेरा अज्ञान।
कोटि कोटि नमन है तुमको,
मैं तेरा सेवक हूँ नादान।।
शनि वंदन : शनि देव महाराज की आरती
जय जय जय शनि भगवाना,
हरहु नाथ मम विपदा नाना।
त्रस्त आज है दुनिया सारी,
अधम नीच सब बुनते बाना।।
मिटा दो धरा का तिमिर अब,
जन जन को दो ज्ञान प्रकाश।
शीश झुका नमन प्रभु तुमको,
पूर्ण करो प्रभु तन मन की आश।।
अरुण दिव्यांश, 9504503560
शनिवार शनिदेव वंदन शनि देव की आरती लिखित में
शनिवार
शनिदेव वंदन
शं शनि कृपानिधान,
अब भी प्रभु करो कल्याण।
दुःख से मैं तो बहुत पीड़ित,
कष्टों से मुक्ति दे भगवान।।
दुःख से पीड़ित शक्ति से हीन,
संभव नहीं कुछ भी तेरे बिन।
क्षमा करो भूलों को मेरे,
दीन को दिखाओ अच्छे दिन।।
रक्षा करो प्रभु जगत को,
नित्य तेरा हार्दिक अभिनंदन।
हे कर्मों के शुभ फल दाता,
तेरा नित्य है कोटिशः वंदन।।
अरुण दिव्यांश, 9504503560
शनिदेव वंदन Shani Dev Aarti Lyrics Hindi
हे विधाता कर्मफल दाता,
मुझपर कृपा बनी रहे।
सत्कर्मों की शक्ति दे दे,
भक्ति की कृपा घनी रहे।।
मुझको कृपापात्र बनाओ,
चरणों में तेरे शीश झुकाऊँ।
नित्य नमन तेरे चरणों में,
विश्व में मैं नाम कर जाऊँ।।
अरुण दिव्यांश
शनिवार शनिदेव वंदन
हे भगवान शनिदेव महाराज,
करुण विनती सुन लीं आज।
दीं सुबुद्धि आउर सुविचार,
बुलंद रहे भक्ति के आवाज।।
दुनिया में सदा कायम अमन,
सुंदर सुशोभित ई चमन रहे।
सभ्य शिष्ट निष्ठावान रहीं हम,
रउआ चरण में सदा नमन रहे।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
जय बाबा शनिदेव भगवान शनि देव आरती
जय बाबा शनिदेव भगवान,
हम बानी मूरख निपट नादान।
नत मस्तक खड़ा रउआ दुवारे,
ज्ञान मधुर्वचन करीं प्रदान।।
अज्ञानता के सागर से करके दूर,
हर लीं रोग दुःख पीड़ा तम।
सभ्यता शिष्टता निष्ठा भर दीं,
करीं स्वीकार नमन मम।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
शनिवार शनिदेव वंदन
जय भगवान शनिदेव महाराज,
करुण विनती सुनीं रउआ आज।
दीं सुबुद्धि सुविचार आ शक्ति,
बुलंद रहे सदा भक्ति के आवाज।।
विश्व में रहे सदा कायम अमन,
सुंदर सुशोभित यह चमन रहे।
सभ्य शिष्ट निष्ठावान बनीं हम,
रउआ चरण में सदा अमन रहे।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
शनिवार शनिदेव की महिमा शनिदेव वंदन
हे बाबा शनिदेव भगवान,
हम मूरख निपट नादान।
नत मस्तक खड़ा हम द्वारे,
ज्ञान मधुरता करीं प्रदान।।
अज्ञानता हमार दूर कर दीं,
हर लीं रोग दुःख पीड़ा तम।
सभ्यता शिष्टता निष्ठा भर दीं,
करीं स्वीकार प्रभु नमन मम।।
9504503560 अरुण दिव्यांश
शनिवार शनिदेव जी की आरती शनिदेव वंदन
हे ढैया साढे साती के मालिक,
भोलेशंकर द्वारा पद सुभाषित हो।
ध्यान करे जो एकाग्र निष्ठापूर्वक,
उसके उर तुम स्वयं सुवासित हो।।
हे कर्मफल दाता भाग्यविधाता,
समझ में नहीं कुछ मुझे आता है।
चाहता तो हूँ मैं नेककर्म करना,
किंतु पहले ही विवेक मर जाता है।।
तुम हो दयावान करुणा के सागर,
मुझपर प्रभु अब भी दया करो।
नमन वंदन कोटि मेरा निश दिन,
कायाकल्प प्रभु अब नया करो।।
9504503560 अरुण दिव्यांश
शनिवार शनिदेव के भजन शनिदेव वंदन
जय शनिदेव महाराज आज,
सुन ले करुण विनती हमारी।
दया के हो प्रभु तुम महासागर,
पूर्ण मनोकामना दया तुम्हारी।।
दया करो हे नाथ प्रभु कृपाला,
दोनों पर दया करो दीनदयाला।
करो मनोरथ सिद्ध करहु निहाला,
तुम तो हो प्रभु न्याय का आला।।
मैं तो छोटा एक भक्त तुम्हारा,
तेरे चरणों में झुका मेरा माथ।
नमन करता यह दास तुम्हारा,
नेक कार्यों में दे दो तुम साथ।।
9504503560 अरुण दिव्यांश
शनिवार को शनिदेव का भजन
हिंदी उर्दू साहित्य संसार से जुड़े समस्त आदरणीय बंधुओं और आदरणीया माताओं बहनों को मेरा सहृदय सादर सप्रेम सहर्ष प्रणाम । सदैव आपका आशीर्वाद हमें प्राप्त होता रहे और हम हिंदी उर्दू साहित्य संसार की दुनिया में सैर करते रहें तथा हम सब साहित्य के आसमान पर चार चाँद लगाते रहें।
अरुण दिव्यांश - 9504503560
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