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प्यार में बिछड़ना शायरी - मिलके बिछड़ना शायरी - जुदाई शायरी

प्यार में बिछड़ना शायरी | अलगाव जुदाई शायरी Sad Love Shayari

बिछड़ने का तुम से इरादा नहीं है।
मगर ज़िन्दगी का भरोसा नहीं है।
मेरे ग़म की उसको ख़बर मिल चुकी है,
मगर आयेगा वो ये आशा नहीं है।
Bicharne Ka Tumse Irada Nahin Hai
Magar Zindagi Ka Bharosa Nahin Hai
Mere Gam Ki Usko khabar Mil Chuki Hai
Magar Aaega Voh Yah Bharosa Nahin Hai

छोड़कर जाने वाली शायरी | अलगाव जुदाई शायरी Sad Love Shayari

लोग कहते हैं किसी बिछड़ने से ज़िन्दगी अधूरी नहीं होती,
पूरी दुनिया मिल जाने से भी उस एक की कमी पूरी नहीं होती!
Log kahate Hain Kisi Ek ke Bicharne Se Zindagi Adhuri Nahin Hoti
Magar Puri Duniya Mil Jaane Se Bhi Us Ek Ki Kami Puri Nahin Hoti

जुदाई शायरी | तन्हाई जुदाई शायरी Tanhai Judaai Shayari

दुनिया की भीड़ में भी तन्हाई मिलती है,
यादों में तेरी ग़म की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करता हूं तुझको पाने की,
मुझको उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है।
Duniya Ki Bheed Mein Bhi Tanhai Milati Hai
Yadon Mein Teri Gham Ki Parchhayi Milati Hai
Jitni Bhi Dua Karta Hoon Tujhko Pane Ki
Mujhko Utni Hi Judaai Milati Hai

प्यार में बिछड़ना जुदाई शायरी Judai Shayari

प्यार से देखो तोह आबाद हम हैं
नफ़रत से देखो तोह बर्बाद हम हैं
तुम जुदा हुए तो जुदा ज़िंदगी हुई
ग़मो की कैद है कैसे कहें आज़ाद हम हैं
Pyar Se Dekho To Abad Ham Hain
Nafrat Se Dekho To Barbad Ham Hain
Tum Juda Hue To Judaa Jindagi Hui
Gamo Ki Qaid Hai Kaise Kahen Azad Ham Hain

प्रेमिका से बिछड़ने की शायरी | अलगाव जुदाई शायरी

जिस दिल में बसा था प्यार तेरा उस दिल को तुमने तोड़ दिया,
ना प्यार निभाया तुमने कभी किस हाल में तन्हा छोड़ दिया!
Jis Dil Mein Basa Tha Pyar Tera Us Dil Ko Tumne Tod Diya
Na Pyar Nibhaya Tumne Kabhi Kis HAL Mein Mujhko Chhod Diya

Pyaar Mein Bichhadna Shayari, Milke Bichhadna Judai Shayari

ग़ज़ल
बिछड़ने का तुम से इरादा नहीं है।
मगर ज़िन्दगी का भरोसा नहीं है।

मेरे ग़म की उसको ख़बर मिल चुकी है,
मगर आयेगा वो ये आशा नहीं है।

तुम्हारे ही गाता है, यह गीत हर पल
कहूँ कैसे दिल यह तुम्हारा नहीं है।

गले इस से रो - रो के मिलते हैं दरिया,
समुन्दर मियाँ यूँ ही खारा नहीं है।

यक़ीं मुझको यूँ भी नहीं अपने दिल पर,
कभी मेरा कहना ये माना नही है।

मुह़ब्बत के पैकर हैं, हम सादा दिल हैं!
ज़माना अभी हमको समझा नहीं है।

कहाँ रात होगी, कहाँ दिन कटेगा,
मुसाफ़िर हैं कोई ठिकाना नहीं है।

वो बनता है जितना फ़राज़ उससे कह दो।
वो अच्छा है पर इतना अच्छा नहीं है।

सरफ़राज़ हुसैन "फ़राज़" मुरादाबाद

मिलके बिछड़ना शायरी - Bichhadna Shayari - Judai Shayari In Hindi

Pyaar Mein Bichhadna Shayari Photo Milake Bichhadna Judai Shayari Image

Pyaar Mein Bichhadna Shayari Photo Milake Bichhadna Judai Shayari Image

दूर जाने वाली शायरी - दूर हो जाने की शायरी - दोस्त से बिछड़ना शायरी

ग़ज़ल
दूर तुझसे जिस घड़ी जान ए वफ़ा हो जाऊँगा।
ज़िन्दगी के वास्ते अपनी सज़ा हो जाऊँगा।

छोड़कर तेरी गली को मैं बुरा हो जाऊँगा।
सारी दुनिया की नज़र में बे वफा हो जाऊँगा।

मुझको अपने दिल के ग़ोसे में बसाओ तो सही,
दर्दे दिल की देख लेना मैं दवा हो जाऊँगा।

रोकने से पहले मुझको सोच लेना ख़ूबतर,
"रास्ता रोका गया तो क़ाफिला हो जाऊँगा"

आपके होंठों पे आकर सज रहा हूँ दोस्तो,
आपने जिस दिन न गाया बेसुरा हो जाऊँगा।

संग हूँ इक रास्ते का ये हक़ीक़त है मगर,
तुमने गर दिल से तराशा देवता हो जाऊँगा।

जान भी दे दूगाँ अपनी इस चमन के वास्ते,
इश्क़ मे अपने वतन के मैं फ़ना हो जाऊँगा।

आपके बिन कुछ हक़ीक़त ही नहीं मेरी फराज़!
आपने गर छू दिया तो क्या से क्या हो जाऊँगा।

सरफराज़ हुसैन फराज़ पीपलसाना मुरादाबाद यू पी.

उल्फ़त में दग़ा दर्दे जुदाई शायरी - छोड़कर जाने वाली शायरी

ग़ज़ल
उल्फ़त में मुझे ऐसी दग़ा दे गया कोई।
आँखों को बरसने की सज़ा दे गया कोई।

अफ़सोस मुझे हाय ये क्या दे गया कोई।
जाते हुए जीने की दुआ़ दे गया कोई।

ज़ल्फ़ों को ज़रा देर हवाओं में उड़ा कर।
मेहकी हुई ख़ुश्बू से फ़ज़ा दे गया कोई।

जलवे दिखाके अपने हसीं ख़्वाब में मुझको।
रातों को तड़पने की अदा दे गया कोई।

तस्कीन हुई मुझको मिला चैन भी दिल को।
दामन की मुझे अपने हवा दे गया कोई।

गेसू गिरा के दोश पे अपने अभी यारो।
मौसम था बड़ा ख़ुश्क घटा दे गया कोई।

जाते हुए कुछ ऐसा करम कर गया मुझपर।
ख़ुशियों के ख़ज़ाने का पता दे गया कोई।

आँसू मिरी आँखों से रवाँ हो गए फ़राज़।
हँसते हुए जब अपना पता दे गया कोई।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसाना मुरादाबाद यू.पी.

दर्दे मोहब्बत दर्दे जुदाई शायरी - जुदाई का जहर शायरी - बिछड़ना शायरी

ग़ज़ल
चँदा के साथ जैसे सितारे चले गए।
तुम क्या गए के सारे नज़ारे चले गए।

दरिया में ग़म के ख़ुद को उतारे चले गए।
हम ज़ुल्फ़े जानाँ फिर भी संवारे चले गए।

अब वो बहार है न फ़ज़ाएँ हैं ख़ुश गवार।
जब से क़दम यहाँ से तुम्हारे चले गए।

ऐहसास अपने ग़म का न होने दिया कभी।
हम ग़म में भी ख़ुशी से गुज़ारे चले गए।

दरिया दिली तो देखिए लुटने के बावजूद।
रहज़न को अपने फिरभी पुकारे चले गए।

आया तरस न उनको मिरे ह़ाले ज़ार पर।
वो ठोकरें ग़रीब को मारे चले गए।

कैसे फ़राज़ ख़ुश रहें अब इस दयार में।
जो बावफ़ा थे लोग वो सारे चले गए।
सरफ़राज़ हुसैन "फ़राज़" पीपलसाना।

प्यार से दूर जाने की शायरी - जुदाई का गम शायरी - जुदाई शायरी फोटो

ग़ज़ल
आखों मे उनकी दीद के मन्ज़र लिए हुए।
चलता रहा मैं बिगड़ा मुक़द्दर लिए हुए।

दीवाना वार गुज़रा जो उनकी गली से मैं।
लोगों के साथ आए वो पत्थर लिए हुए।

दीवाने अब भी देखिए उनके दयार में।
फिरते हैं फूल हाथ में अकसर लिए हुए।

अम्न ओ अमां के वास्ते हर आदमी से हम।
मिलते रहे ख़ुलूस का दफ़तर लिए हुए।

ह़ाज़िर है सर हमारा ये ख़िदमत में आपकी।
जाते हो दूर किस लिए ख़ंजर लिए हुए।

जाएँ कहाँ ह़ुज़ूर बता दीजिए हमें।
यादों के हम ये आपकी लश्कर लिए हुए।

हिम्मत पे दाद मेरी ज़रा दीजिए सनम।
मक़तल में आ गया हूँ भरा घर लिए हुए।

आओ हमारे पास सुकूँ आएगा फ़राज़।
जाओगे तुम कहाँ दिले मुज़त़र लिए हुए।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसाना मुरादाबाद यू.पी.

बिछड़ना शायरी Bichhadna Shayari

टूटे न कोई औऱ सितारा, आओ दुआ करें,
बिछड़े न कोई हमसे हमारा, आओ दुआ करें।
तूफां है तेज, कश्तियाँ सबकी भँवर में हैं...
सबको मिले किनारा, आओ दुआ करें।
श्रीराम शर्मा

जख्म जुदाई का शायरी Judai Shayari छोड़ कर जाने की शायरी

छोड़ गया तू मुझे अकेले,
कैसे प्रीत निभाऊं मैं।
प्रेम गजल तो लिख डाली हूं,
कैसे गीत सुनाऊं मैं।
घर परिवार सभी तो छोड़ी,
कैसे मन बहलाऊं मैं।
जख्म जुदाई का गहरा अब,
कैसे तुझे बताऊं मैं।
अर्पणा दुबे, अनूपपुर

डस रहा जुदाई का गम है— जुदाई का ग़म शायरी Judai Ka Gham Shayari

ग़ज़ल
मगरमच की तरह डस रहा जुदाई का गम है।
इसिलिए उनकी आँखें दिखाई दे रही नम है।।

उसके लौट आने की लब पे दुआ जारी हुई।
उसको जरूर आना हो इतना दुआ में दम है।।

मोहब्बत मे जुदाई खुदा से लौ लगा देगी।
ईबादत भर दे रूहानी ताकत का हम है।।

ऐसा दिन खुदा किसी चाहतो को ना दिखाये।
माशुका से आशिक की जुदाई हो कोई बम है।।

न लगाना दिल ऐसे मुसिबतों का सामना हो।
दिल लगाना हाथ मे होता क्यो पिते रम है।।

दो दिल मिले तो ऐसी क्यों कसम नही लेते।
एक दुसरे से जुदा न हो लगा लो कही थम है।।

'शहज़ाद' गजल मे दर्द लाते हो तुम कहा से।
अल्फाज़ों की दुकान तुम्हारी चल पड़ी जम है।।

मजीदबेग मुगल 'शहजाद'
हिगणघाट, जि, वर्धा,महाराष्ट्र
8329309229
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