इंतजार के लम्हे शायरी | प्यार में इंतज़ार शायरी Intezaar Shayari
गीत : फिर भी तेरा इंतजार करेंगे
बहुत सताते हैं इंतजार के लम्हें,
हम फिर भी तेरा इंतजार करेंगे।
कयामत भी कहीं आ जाए यहां,
हम फिर भी तेरा इंतजार करेंगे।
बहुत सताते हैं…….
भूलना नहीं तुम कोई वादा अपना,
पीछे नहीं हटना, दिखाकर सपना।
मौसम भी बेशक बेईमान हो जाए,
हम फिर भी, तेरा इंतजार करेंगे।
बहुत सताते हैं………..
चाहे यहां सुबह से शाम हो जाए,
चाहे यहां डरावनी रात आ जाए।
चाहे झिलमिल सितारे डूब जाए,
हम फिर भी तेरा इंतजार करेंगे।
बहुत सताते हैं……….
बिताए नहीं बीतती रहती घड़ियां,
बहती आंखों से मोती की लड़ियां।
चाहे बने ये जमाना, दुश्मन मेरा,
हम फिर भी तेरा इंतजार करेंगे।
बहुत सताते हैं………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
इंतज़ार शायरी Intezaar Shayari Hindi Shayari On Intezaar
मैं इंतजार कर लूंगा-2होठों पे न जबतक हाँ आये
ये जान रहे या कि जाये।
मैं राह तकूंगा अनवरत,
दिल बेकरार कर लूंगा।
मैं इंतजार कर लूंगा-2
इंतज़ार शायरी 4 लाइन
माना कि दुख ने घेरा है,अब चारों ओर अंधेरा है।
नियति मेरी संघर्षरत,
सब पर विचार कर लूंगा।
मैं इंतजार कर लूंगा-2
बन दृढ़ प्रतिज्ञ पाने चला,
बिछड़े हुए को लाने चला।
अब हो गया हूँ मैं कर्मरत,
बाधा को पार कर लूंगा।
मैं इंतजार कर लूंगा-2
गर चाह में मेरी होगी आग,
आयेगी तू दौड़ी भाग-भाग।
सबकुछ लुटाके ये लिया है व्रत,
तुझको स्वीकार कर लूंगा।
मैं इंतजार कर लूंगा-2
Intezaar Shayari In Hindi
इस प्रीत ने मुझे सिखाया है,समदर्शी मुझे बनाया है।
मुझको लगी है तेरी ही लत,
सम्यक् व्यवहार कर लूंगा।
मैं इंतजार कर लूंगा-2
प्रीतम कुमार झा
महुआ, वैशाली, बिहार
मेरा इंतज़ार कर लेना तुम– इंतज़ार शायरी Intezaar Shayari
आने में जरा देर लगेगी।मेरा इंतज़ार कर लेना तुम।
ख्वाब दिलों में सैर करेगी।
इसे स्वीकार कर लेना तुम।
माँ-पापा की खैर लगेगी।
रक्षित दिवार कर लेना तुम।
फिर तो सातों फेर लगेगी।
आंखे चार कर लेना तुम।
प्यार की मुठभेड़ लगेगी।
जीभर प्यार कर लेना तुम।
ये नियत जो टेर लगेगी।
खुब सुधार कर लेना तुम।
गृहस्थी की पेड़ लगेगी।
सोच-विचार कर लेना तुम
फिर बच्चे की ढ़ेर लगेगी।
कोई रोजगार कर लेना तुम
मस्ती पे जब मेड़ लगेगी।
भजन तैयार कर लेना तुम।
बुढ़ापा की जो घेर लगेगी।
याद दातार कर लेना तुम।
मझधारों की तैर लगेगी।
वो नैया पार कर लेना तुम।
जब मुक्ति की बेर लगेगी
सफल उद्धार कर लेना तुम।
पूनम यादव
वैशाली से
Intezar Shayari | Shayari On Intezar Romantic इंतजार पर शायरी
गज़ल
हैं झुकी-झुकी पलकें तुम्हारे इंतजार में।
आ भी जाओ मिलो जरा सा बाजार में।
आतुर है ये बाहें तेरे ही साथ पाने को
तेरे मुस्कान लाते है रौनक बहार में।
ये छोड़ो भी रूठने मनाने की उम्मीदे
चले आओ न बैठो कभी इनकार में।
तरस रहे है तुम्हारी ही झलक खातिर
ढूँढती है ये नैना तुम्हे चलती कतार में।
इन आँखो से इश्क के मोती बरसते है
भींग जाओ आकर जरा सा बौछार में।
पनाहें मांगती है बाहें तुम्हारे आगोश में
मेरा दिल डुब गया बस तेरे ही प्यार में।
पूनम यादव
वैशाली बिहार से
इंतजार में तेरे पल-पल खत्म हो रही है जिंदगी, इन्तज़ार शायरी Intezar Shayari
इंतजार में तेरे
(मुक्तछंद काव्य रचना)
चांद तारों से खिला वो आसमां,
रात भी ये देखों कैसी हुई सुहानी है।
आंखों में भर लो हमें भी ज़रा,
प्रीत ये हमारी बिन तेरे हुई विरानी है।
भुली नहीं जाती वो बातें तुम्हारी,
नैनों से छलकता देखो ये समंदर है।
डुबी है जिंदगी उसी समंदर में,
टूटी उम्मीदों में भी तस्वीर तुम्हारी है।
राही अकेला मैं, मंजिल का नहीं कोई पता,
लड़खड़ाते कदमों के साथ वो परछाई है।
ढूंढती निगाहों में लिए तस्वीर तेरी,
सीनें में जलती यादों की रुसवाई है।
बदला है मौसम, बदली है रूत सुहानी,
बागों में भी देखो आयी बहार है।
इंतजार में तेरे पल-पल खत्म हो रही है जिंदगी,
आ भी जाओ, ये सांसें भी अब टूट रही है।
चांद तारों से खिला वो आसमां,
रात भी ये देखों कैसी हुई सुहानी है।
आंखों में भर लो हमें भी ज़रा,
शायद यही जिंदगी की आखरी रात होने वाली है।
प्रा.गायकवाड विलास
मिलिंद क.महा.लातूर
9730661640
महाराष्ट्र
प्रेम कविता शायरी इंतज़ार शायरी Intezaar Shayari
गीत ह्रदय के
तूं हीं अधर का गीत है,
सांसों पे गुनगुनाऊंगा।
तूं हीं साज भी,संगीत भी-2,
तुझको हीं गाये जाऊंगा।
तूं हीं अधर.....!!!
सूरज की है तूं लालिमा
चंदा की जैसे चांदनी।
अंधेरे मन में जला दे अब,
तेरे प्यार की तूं रौशनी।
तेरी आस में जिंदा हूँ मैं-2
तूं मिली न तो मर जाऊंगा।
तूं हीं अधर....!!!
खुशबू है जैसे फूलों की
सागर की तूं रवानी है।
मैं घुल गया तेरे इश्क में
धड़कन की तूं कहानी है।
दो जिस्म अब इक जान हैं-2
दुनियां को मैं बतलाऊंगा।
तूं हीं अधर का गीत है..!!!
---प्रीतम कुमार झा
महुआ, वैशाली, बिहार।
मन होने लगा उदास तुम आ भी जाओ न— इंतजार शायरी
गीत
मन होने लगा उदास तुम आ भी जाओ न।
मेरी पल पल बढ़ती प्यास तुम आ भी जाओ न।
अभी तो तुमको देखा नहीं
पर दिल ये बताता है
आज नहीं, कल से भी नहीं
वर्षो का नाता है।
मेरे दिल मे करो प्रवास तुम आ भी जाओ न,,
मेरी पल पल बढ़ती प्यास तुम आ भी जाओ न
हम उम्र की सोच ही से
तुम, हो गए हो मेरे यार
इसीलिए तो ढलती उम्र
में हो गया तुमसे प्यार।
इसीलिए तो तुम भी हो गये हो
अब मेरे दास तुम आ भी जाओ न
मेरी पल पल बढ़ती प्यास तुम आ भी जाओ न।
कदम बढ़ाई हूँ मैं "शबनम"
क्या जग से डरना है
अब तो तेरा हाथ थाम कर
जीवन भर चलना है
चाहे लोग करे जो परिहास तुम आ भी जाओ न
मेरी पल पल बढ़ती प्यास तुम आ भी जाओ न।
"शबनम मरहोत्रा"
( कल्पना के प्रसव से)
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