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सुबह शाम शायरी Subah Shaam Shayari Morning Evening Poetry In Hindi

सुहानी सुबह पर शायरी | सुहानी शाम पर कविता Subah Shaam Shayari

कविता
सुबह शाम
जन्मभूमि शान हमारी,
इसका सम्मान बढ़ाये।
सुबह शाम श्रमदान कर,
हम अपना फर्ज निभाये।।
मात-पिता ईश्वर रूप,
हमें मान बढ़ाना है।
सुबह शाम लें आशीष,
सेवा धर्म निभाना है।।
जल अमृत,इसे बचाना,
समय रहते समझाना।
सुबह शाम कर प्रार्थना
इसका महत्त्व बतलाना।।
चकाचौंध रूपी आभा,
कुछ काम नहीं आयेगी।
सुबह शाम प्रभु नाम से
यह नैया तर जायेगी।।
भौतिकवादी सत्ता यह,
मतलब की करते बात।
प्रकृति संदेश ही ऐसा
खा जाते हैं वे मात।।
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)

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