चंचल मन पर शायरी - चंचल मन पर कविता Motivational Shayari
मन का मनन
मन तो होता चंचल विह्वल,
जिधर चाहे उधर ही जाय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
मन का मनन हो जिस दिन,
मन होगा पूर्णतः वश में।
भक्तिभाव भी उमड़ पड़ेगा,
बदन के सारे नश नश में।।
मन होगा स्थिर जिस दिन,
अमन उमड़ घुमड़ आए।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
जब तक स्थिर यह मन नहीं,
अ मन से सफलता नहीं।
अमन से ही मिलता चमन,
संभव कभी विफलता नहीं।।
मन से ही अमन चमन है,
मन कहीं फिर न भरमाय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
जब मन में हो अमन चमन,
दुःख दरिद्र सब गमन होगा।
चहल पहल होगा जीवन में,
इन्द्रियों का जब दमन होगा।।
मन का मनन जो किया नहीं,
दुविधा रहे उसे सताय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
मन का जिसने किया मनन,
समझा वही महत्व नमन।
समझा जो महत्व नमन का,
अहंकार हुआ स्वतः दफन।।
भाईचारा समझ में आता,
ईर्ष्या द्वेष सब भाग पराय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
मन तो होता चंचल विह्वल,
जिधर चाहे उधर ही जाय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
मन तो होता चंचल विह्वल,
जिधर चाहे उधर ही जाय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
मन का मनन हो जिस दिन,
मन होगा पूर्णतः वश में।
भक्तिभाव भी उमड़ पड़ेगा,
बदन के सारे नश नश में।।
मन होगा स्थिर जिस दिन,
अमन उमड़ घुमड़ आए।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
जब तक स्थिर यह मन नहीं,
अ मन से सफलता नहीं।
अमन से ही मिलता चमन,
संभव कभी विफलता नहीं।।
मन से ही अमन चमन है,
मन कहीं फिर न भरमाय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
जब मन में हो अमन चमन,
दुःख दरिद्र सब गमन होगा।
चहल पहल होगा जीवन में,
इन्द्रियों का जब दमन होगा।।
मन का मनन जो किया नहीं,
दुविधा रहे उसे सताय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
मन का जिसने किया मनन,
समझा वही महत्व नमन।
समझा जो महत्व नमन का,
अहंकार हुआ स्वतः दफन।।
भाईचारा समझ में आता,
ईर्ष्या द्वेष सब भाग पराय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
मन तो होता चंचल विह्वल,
जिधर चाहे उधर ही जाय।
मन का मन से मनन करो,
जीवन निज सुधर जाय।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
चंचल मन पर शायरी फोटो Motivational Shayari Image
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