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पिता दिवस पर कविता पिता दिवस पर शायरी Fathers Day Shayari

पिता एक उम्मीद होते हैं हम सबके लिए: पिता का दर्द पर कविता

पिता एक उम्मीद
(कविता)
(पितृ दिवस पर मेरी ओर से आप सभी साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर सारी बधाईयां आदरणीय/आदरणीया श्री)

पिता एक उम्मीद होते हैं हम सबके लिए,
इसी उम्मीद के सहारे, आगे बढ़ते इंसान।
जबतक होता है सर पर, पिता का साया,
कहीं कोई नहीं पहुंचा सकता है नुकसान।
मां के आंसू तो सभी को दिखाई पड़ते हैं,
पिता की ओर, कब किसका गया ध्यान?
पिता एक उम्मीद होते…

पिता हमको हमेशा आगे बढ़ना सिखाते हैं,
पिता हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाते हैं।
पिता सबको गिरकर संभालना सिखाते हैं,
अंधेरे से भी हमें आगे की राह दिखाते हैं।
ये सब मिलते हैं हमें, उनके गुस्से से ही,
उनकी सिसकियों को कब मिला सम्मान?
पिता एक उम्मीद होते…

पिता ही ले जाते हैं सबसे पहले पाठशाला,
वे हमारे लिए खोजते हैं अंधेरे में उजाला।
उम्मीद की एक किरण बनकर साथ रहते,
बेईमान मौसम, कितना भी रहे मतवाला?
हमारे चेहरे में वे अपना चेहरा देखा करते,
अश्क खुद पीते, हमें दिया करते मुस्कान।
पिता एक उम्मीद होते…

जब इंसान कभी कठिनाइयों से गुजरते हैं,
वे हमारे लिए, अंदर अंदर घुटते रहते हैं।
कभी दिन रात, दीपक की तरह जलते हैं,
दर्द छिपाने हेतु, चेहरे के भाव बदलते हैं।
किसने जानी आजतक पिता की विवशता?
पिता दिलाते हैं हमें, जग में नई पहचान।
पिता एक उम्मीद होते…

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

पिता दिवस पर समर्पित एक कविता - पिताजी के लिए स्टेटस

पिता
पिता से बड़ा कोई नहीं
जब होते वे साथ हैं।
मेले के छुक-छुक रेल भी
और खिलौने हाथ है।
लेते हैं टिकट सर्कस के
और बिठाते पास हैं।
खेल निराले करतब गजब
जो बतलाते खास है।
बोले अब देखो प्यार से
वही-वहीं जो चाट है।
दिये सबको एक-एक कर
बच्चे पूरे आठ हैं।
बेटा-बेटा तब बोलकर
अभी चलते मौत कुआँ।
अजब-अजब गजब करतब से
लगी जिन्दगी तब धुआँ।
पाते सुख हैं सानिध्य से
सफल अपने जीवन है।
मेरे सुख-दुख उनके उपर
जुआ जैसा तन-मन है।
जब उन्हें जरुरत दुलार के
हम अपने में लीन हैं।
खाते-पीते!तब छोड़ के
इक कौने में क्षीण हैं।
आती है तनिक याद नहीं
हाँ पहुँचाकर चोट भी।
चलते कुण्ठित ज्वारे तभी
नहीं तनिक अब खोट भी।
धन्यवाद।
प्रभाकर सिंह
नवगछिया, भागलपुर
बिहार

पिता के लिए अनमोल वचन - फादर शायरी इन हिंदी

कविता
पिता
आओ हमसब मिलकर करें,
अपने पिता का सम्मान,
करें उनकी इज्जत,आदर,
दें सदा जग में उन्हें मान।

पिता घर के साक्षात ईश्वर हैं,
बच्चों के हैं ये अरमान,
इनसे सुखमय हम सबका जीवन,
इनसे सदा अपना कल्याण।

पिता से घर में अनुशासन,
पिता से घर में सुशासन,
पिता से घर की मान मर्यादा,
पिता से है घर की शान।

पिता से रहता घर गुलजार,
पिता से घर में खुशियाँ अपार,
पिता से घर की एकता,
पिता से हम बनते महान।
अरविन्द अकेला

पिता पर शायरी - पापा के लिए स्टेटस Father's Day Shayari In Hindi

"पिता को समर्पित रचना"
"मेरे पिता-मेरे ईश्वर"
साथ पिता का स्वर्ग सरीखा
होठों पर मुस्कान,
पिता हमारे जान हो भैया
पिता हमारे जान-2

हर गम हंसकर सह जाते
किसी हाल में रह जाते
बच्चों की ख़ातिर हरदम
बाधाओं से लड़ जाते।
उनके जैसा मित्र नहीं है
वे तो हैं वरदान।
पिता हमारे जान हो भैया
पिता हमारे जान-2

हैं किस्मत वाले वो सारे
जिन्हें प्यार से पिता संवारे
ऊपर-ऊपर हैं कठोर वो
अंदर-अंदर सबकुछ वारे।
परिवार के सौर मंडल में
वे जैसे दिनमान।
पिता हमारे जान हो भैया
पिता हमारे जान-2

आसमान सा उनका कद है
उनसे बढ़कर कोई न पद है
उनकी खुशबू से मन हर्षित
उनके चाहत की ना हद है।
उनके रहते कोई न चिंता
ना कोई व्यवधान।
पिता हमारे जान हो भैया
पिता हमारे जान-2
प्रीतम कुमार झा
महुआ, वैशाली, बिहार

पितृ दिवस विशेष रचना - Father's Day Special Poetry Hindi

पिता है ब्रह्मा,पिता महेश,पिता विष्णु सरीखा पालनहार है।
जीवन में मिले समस्त गुरूजनो में ,पिता का द्वितीय गुरू जस का व्यवहार है।।

पिता का द्वितीय गुरू जस का व्यवहार है,क्योकि प्रथम गुरू है माता।
जिस जीवन में पिता का साया नही,उस जीवन को बिन छतरी जस जीवन नही सुहाता।।

खूँटातोङ,यह रिश्ता है इहलोक से परलोक तक का,
इसी कारण ऐसा जुङ पाता है अटूट व विश्वसनीय नाता।
धन्य धन्य वही होती है औलादे,जो सच्चे दिल से ही ऐसे रिश्ते को है निभाता।।
कवि:आर बी सिंह 'खूँटातोङ'
कल्याण/मुंबई

शीर्षक: पिता हमारी उम्मीद - Fathers Day Shayari
विधा: कविता

शीर्षक: पिता हमारी उम्मीद
सिख सदा देते पिता ध्यान
हमारा रखें
आओ कुछ पिता पर आज लिखे
पिता अच्छे बहुत उनसे कुछ सीखें
करते हमसे सदा वे बहुत प्यार
छोटे बड़े देते रहते उनको सम्मान
रखना सदा उनका तुम सब मान
बढ़े बुढ़ों की सीख सुन लेना मान
ज्ञान से मिल जाती सोने की खान
आओ बात राज की आज बतायें
पिता चाहते साहब तुझको बनायें
माँ देती आंचल की शीतल छाँव
पिता का हाथ रहे सर पर हरपल हर ठाँव
कहते सोच समझ कर बढ़ना हर पाँव
पिता मेहनत कर दरमाहा घर हैं लाता
घर का खर्च सारा चला कुछ बचा पाता
पढ़ाई पूरी होने पर अच्छी सेवा लगवाता
विवाह कर घर बसवा खुश वे हो जाता
पिता बेटा बेटी का नि:स्वार्थ पवित्र नाता
पुष्पा निर्मल
बेतिया, पश्चिम चंपारण, बिहार-२०-०६-२१
मौलिक और रचना

पिता और बेटी पर कविता: हर जन्म मिले पापा का छांव

हर जन्म मिले पापा का छांव
जब -जब जन्म लूं इस लोक में
पापा का छांव मिले मुझे
अंगुली पकड़ मैंने चलना सिखा
हर घड़ी साथ मिलता रहा
हर जन्म उनकी बगिया के सुंदर पुष्प खिलूं,
देवता तुल्य पापा की चरण वंदन करूं।
जब-जब जन्म लूं इस लोक में
पापा का छांव मिले मुझे।
जग की रीत न जानू,
प्रीत न जानू
पापा का आशीष लें दुनिया जीतने चंलूं,
आगे ही आगे चलूं,
कभी न पीछे मुड़ू।
जब-जब जन्म लूं इस लोक में
पापा का छांव मिले मुझे।
उनकी साया में पली -बढी
उनके दिखाए रास्ते पर चल मुकाम गढ़ी
जमाने की हर मुसीबत
समक्ष उनके राई समान
तभी तो हर कोई
करें उनका सम्मान।
जब-जब जन्म लूं इस लोक में
पापा का छांव मिले मुझे।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार
स्वरचित एवं अप्रकाशित

पिता एक उम्मीद विधा- चौपाई - Fathers Day Shayari In Hindi

विधा- चौपाई
पिता एक उम्मीद हमारी।
हरते गम बच्चों की सारी।।
इच्छाओं को करते पूरे।
सपने बुनते सदा अधूरे।।

बनकर रहते सदा सहारे।
हरें कष्ट सब, जीवन तारे।
कांधे लिए बोझ चलते वो
अपनों खातिर मत सोते वो।।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार
स्वरचित एवं अप्रकाशित

पापा के लिए स्टेटस मैथिली कविता - Father's Day Shayari In Mathili

पापा
सबसे नीक दुनियाक भेट
छथि हमर पापा
सबसे पगि जीवनक खुशी
छथि हमर पापा
वसुधैव कुटुंबकम् सीख
सीखावैत सदिखन
चुपचाप सब सहि दुख
अग्रसर करैत छथिन
कादो बीच भेंटक फूल
छथि हमर पापा
सबसे नीक व्यक्त्वि
छथि हमर पापा
रहैत छथि दूर
जगत प्रपंच स
लै छथि मजा भरपूर
इष्ट भजन स
सबहक दुखहर्ता
छथि हमर पापा
अन्हारक इजोत
छथि हमर पापा
सुखक घलि सबहक
भरैत रहैत छथि
आंखिक नोर सबहक
पोछैत रहैत छथि
सबहक आदर्श
छथि हमर पापा
सबसे नीक कृतित्व
छथि हमर पापा।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार

कविता - पिता चरण वंदन - Happy Fathers Day Shayari

पिता दिवस ही नहीं हर रोज याद पिता को करता हूँ।
संग आज नहीं यादे उनकी भूल न जाऊं इसीसे डरता हूँ।

किया जितना पिता ने कोई और कर नहीं सकता कभी।
जीवन ज्ञान तन मन बिना पिता कहीं मिल सकता नहीं।
कर्जा पितृ ऋण का भरू कैसे मै सोच इसी मे रहता हूँ।

माता का श्रृंगार पिता परिवार का आधार पिता ही है।
दिखाया संसार, दिया प्यार करता उपकार पिता ही है।
दिया जो मार्ग करूं पुरुषार्थ मै राह उसी पर चलता हूँ।

पिता न होते मै भी न होता मात पिता का दुलार नहीं।
पिता ही ईश्वर मित्र वहीं बिना उसके मिले किनार नहीं।
करे कृपा पिता स्वर्गलोक से चरणों सिर बल गिरता हूँ।
श्याम कुंवर भारती
बोकारो झारखण्ड

छत की तरह आशियाना देने वाले प्यारे पापा Shayari On Father In Hindi

पापा
छत की तरह आशियाना देने वाले
दवा की जैसे कड़वे बात करने वाले
ऊपर से कठोर दिल रखते हैं परंतु
परेशानी आने पर मोम की तरह पिघलने वाले
हम हाँ वो पापा है सारे दुख को हरने वाले।।

परिवार को सही राह दिखाने वाले
अपनी औलादो को संस्कार से सींचने वाले
अपने दर्द को आंखों में रखते हैं
हमेशा खुशियां बिखरने वाले
हाँ वो पापा है सारे दुख को हरने वाले।।

निस्वार्थ भाव से प्रेम करने वाले
हमारी शान को बनाए रखने वाले
हम से अनर्गल कर बात सुनने पर भी चुप रहते हमेशा हर बला से बचाने वाले
हाँ वो पापा है सारे दुख हरने वाले।।

दुनिया के सारे खिलौने दिलाने वाले
हमारी खुशियां को अपनी खुशियां मानने वाले
हमेशा सभी से प्रेम करना सिखाते
हमेशा सत्य की राह दिखाने वाले
हाँ वो पापा है सारे दुख को हरने वाले।।

बेटियों की अच्छे जीवन की कामना करने वाले
बेटों के लिए अच्छे मकान बनाने वाले
घर के आंगन सुन होने पर भी चुप रहते
कठिन परिस्थितियों का सामना करने वाले
हाँ वो पापा है सारे दुख को हरने वाले।
वन्दना कूमारी

पिता क्या है? पिता के महत्व पर कविता - What is Father? Poem On Father's Day Hindi

जीवन की अभिकल्पना है पिता,
जीवन की सम्बल, शक्ति है पिता,
जीवन की सृष्टि मे निर्माण की अभिव्यक्ति है पिता,
जीवन के हर पलों की यादाश्त है पिता !

जीवन मे अँगुली पकड़े बच्चे का सहारा है पिता,
जीवन मे कभी कुछ खट्टा कभी खारा है पिता,
जीवन की पालना, सहारा है पिता,
जीवन की पोषण, रक्षा है पिता !

जीवन मे रोटी है, कपड़ा है, मकान है पिता,
जीवन मे परिवार का अनुशासन है पिता,
जीवन मे धौंस से चलना वाला प्रेम का प्रशासन है पिता,
जीवन मे छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है पिता !

जीवन मे अप्रदर्शित - अनंत प्यार है पिता,
जीवन मे बच्चों का इंतज़ार है पिता,
जीवन मे बच्चों के ढेर सारे सपने है पिता,
जीवन मे बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं पिता !

जीवन मे परिवार में राग-अनुराग है पिता,
जीवन मे माँ की बिंदी और सुहाग है पिता,
जीवन मे परमात्मा है पिता,
जीवन मे गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है पिता !

जीवन मे एक जीवन को जीवन का दान है पिता,
जीवन मे दुनिया दिखाने का एहसान है पिता,
जीवन मे सभी कठिनाइयों को निकालने का सहारा है पिता,
जीवन मे गले का हार है पिता !

जीवन मे सभी दुखों को हरने वाले है पिता,
जीवन के दर्दों की दवा है पिता,
जीवन मे दिन की सूर्य और रात की रोशनी है पिता,
जीवन मे पिता नहीं तो बचपन अनाथ है !

जीवन मे जीवन की ज्योति है पिता,
जीवन मे पिता से बड़ा कोई अपना नही,
पिता है तो जीवन कृतार्थ है,
पिता एक पेड़ की छावं होते है !

पिता जीवन की नाव होते है,
पिता जीवन की मतझार होते है,
पिता बिन जीवन है अधूरा,
खाली - खाली, सुना - सुना !
रुपेश कुमार
चैनपुर, सीवान, बिहार
मो0 - 9934963293
ईमेल - rupeshkumar01991@gmail.com

पितृ दिवस के अवसर पर कविता Poem On Father's Day

पिता
पुत्र प्राप्ति से ले गरिमा तक,
हर सुख के आधार होते पिता।
पुत्र जीवन के सुख की खातिर,
हर सुख अरमान खोते हैं पिता।।
पिता का वर्णन तो असीम है,
पुत्र हेतु अपमानों का घूँट पीता।
पुत्र के उज्ज्वल भविष्य हेतु,
अपना जीवन दुखमय है जीता।।
तन समर्पित मन भी समर्पित,
निज धन भी समर्पित करते हैं।
भविष्य में पुत्र करेगा क्या,
इससे वे कभी नहीं डरते हैं।।
पुत्र का हर्ष पिता का हर्ष,
पुत्र हेतु ही जीते और मरते हैं।
पुत्र की एक उदासी देखते,
तन मन न्योछावर वे करते हैं।।
निकल आते हैं उनके कलेजे,
जब बच्चे उनके जरा रोते हैं।
पुत्र मोह के कारण ही पिता,
उनके हर अवगुण भी धोते हैं।।
जीवन के हर एक मोड़ पर,
मिल जाते हैं उनके पिता।
गुण अवगुण हैं बहुत सताते,
जब सजाते हैं उनकी चिता।।
दुःख सुख की हर घड़ियों में,
पिता की याद बहुत आती है।
रो पड़ता है यह हृदय जब,
उनकी याद बहुत सताती है।।
पिता ही होते हैं प्रथम गुरु,
बोलना चलना हमें सिखाते हैं।
होते पुत्र जब कुछ और बड़े,
रामायण और गीता पढ़ाते हैं।।
होते हैं जब कुछ और बड़े,
मित्रता सुहानी बहुत लगती है।
मात पिता के चिंता छोड़,
मित्रता बहुत पुरानी लगती है।।
देर होती है जब आने में,
पिता को चिंता सताती है।
निकल पड़ते हैं तब खोज में,
माँ पड़ोस में पूछने लग जाती है।।
चित्त को मिलता शांति नहीं,
चिंता रूपी चीता पर रहते सवार।
जीवन सदा चिंता में ही बीतता,
अंत यम रूपी चीता का शिकार।।
चित्त चीता चिंता छोड़े नहीं,
जब तक सज न जाती चिता।
चिंता में ही वे जीवन हैं खोते,
बस यादें बन रहे जाते पिता।।
अरुण दिव्यांश
छपरा, सारण
बिहार।

पिता एक उम्मीद, पिता दिवस पर कविता

हार गयी जब
जीवन से अपने
तब किसी ने फिर
हौसला दे दिल मे
मेरे उम्मीद जगाई
मैं हूं ना संग बेटी सुन
जैसे अंधकार मे एक
रोशनी सी नज़र आई
सच उस रोशनी मे थी
एक उम्मीद लिये परछाई
देखा गौर से तो हाथ बड़ा
के खड़े थे संग मेरे पिता
यही सोच फिर मुस्काई
पिता एक उम्मीद मेरी
देख उन्हें अंधियारे से खुद
को रोशनी मे मैं पाई...

जब-जब टूटने लगती
तब एक बार फिर कानों
मे गूंजती अदृश्य आवाज़
चली आई...महसूस करती
उस आवाज़ को जिसमे
सिर्फ़ हौसला अफजाई पाई।।
वो आवाज़ है मेरे पिता की
जिनपे गर्व से कलम लिख
मैं आज चलाई।।२।।

वीना आडवाणी"तन्वी"
नागपुर, महाराष्ट्र
पिता दिवस

पिता एक उम्मीद भरी मिठास, पापा के लिए शायरी Fathers Day Shayari

कविता
पिता एक उम्मीद
पिता एक उम्मीद भरी मिठास,
हर समय जरूरत पड़ती है।
अनुशासन की अखंड ज्योति वो,
जीवन जीना सिखलाती है।।

पिता एक उम्मीद से भरा रथ,
संस्कार की अनुपम माला है।
जीवन यापन भाग्य विधाता,
इसलिए ईश्वर रखवाला है।।

पिता एक उम्मीद का खजाना,
कुबेर भंडार बन जाता है।
अपनत्व की आन-बान-शान,
जीवन भर प्यार लुटाता है।।

पिता एक उम्मीद संस्कृतियों की,
वट वृक्ष जैसी पावन छाया।
मनभावन मजबूत हौसला,
वो ही जाने उसकी माया।।

समझदारी की पाठशाला,
सरलतम राह दिखलाती है।
पिता उम्मीद अपनेपन की,
सत्यता का पाठ पढ़ाती है।।
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)

पिता दिवस पर विशेष कविता Poem On Father's Day Hindi पिता के लिए शायरी

मेरे पापा
पापा कोई शब्द नहीं,
पापा तो मेरी दुनिया हैं।
पापा की गुरुर होती है बेटियाँ
और मेरा गुरूर मेरे पापा हैं।
मैं पापा की मन्नत हूँ
पापा मेरे जन्नत हैं।
मैं पापा की ख़्वाहिश हूँ
और पापा मेरे अरमान हैं,
न जाने, पापा के मुझपे
कितने एहसान हैं।
मैं पापा की मान हूँ,
पापा मेरे भगवान हैं.......
चंद पंक्तियाँ मेरे पापा के लिए
कुछ अलग अंदाज में....
देखा है पापा को संघर्षों से लड़ते हुए
देखा है हमारी ख्वाहिशों को पूरा करते हुए,
देखा है उन्हें खुद की दुनिया समेटते हुए
और हमें नये सांचे में ढालते हुए,
देखा है खुद के दिन गरीबी में काटते हुए
और देखा है हमें अमीरों की तरह पालते हुए,
देखा है उनकी कदमों को लरखराते हुए
और हमें हर मोड़ पर चलना सिखाते हुए,
देखा है उनको खुद की आँसूओं को छिपाते हुए
और देखा है, हम भाई -बहनों के चेहरे पर
भर - भर के मुस्कान लाते हुए।
स्वरचित रचना
प्रियंका साव
पश्चिम बंगाल

सुनकर बहुत दर्द होता है! – पिता का दर्द शायरी Happy Father's Day Wishes In Hindi

माँ के नौ महीने गर्भ की बात सभी करते हैं,
पिता उम्र भर ढोये इसका जिक्र भी नहीं करते हैं।
ये सुनकर बहुत दर्द होता है।

ज़माने के खिलौने से घर सजाता हूँ,
एक थप्पड़ लगाने पे ज़ालिम पिता बन जाता हूँ।
ये सुनकर बहुत दर्द होता है।

माँ और पत्नी के बीच फँसाते हैं,
कभी ममा बॉय तो कभी बीवी का ग़ुलाम बताते हैं।
ये सुनकर बहुत दर्द होता है।

लहू अपना बहाकर, ज़िम्मेदारियों का बोझ उठाता हूँ,
फिर भी एक कमी पे, नकारा बन जाता हूँ।
ये सुनकर बहुत दर्द होता है।

सभी का ख़्याल रख, सारे ग़म दिल में छुपाता हूँ,
फिर एक दिन हार्ट अटैक से मर जाता हूँ।
ये सुनकर बहुत दर्द होता है कि


नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़
Nilofar Farooqui Tauseef
Fb, IG-writernilofar

मेरा फादर्स डे Happy Father's day Poem In Hindi

मेरा फादर्स डे
सब कुछ वैसा ही तो है,
बस तुम्हीं नहीं हो।
आ जाओ जल्दी से,
तुम जहां कहीं हो।

फादर्स डे है आज़,
आपको आना ही होगा।
केक काटना होगा,
उसको खाना भी होगा।
तरसो मेरे आंसू पर मेरे,
निर्दई नहीं हो।
आ जाओ जल्दी से,
अब तुम जहां कहीं हो।।

नहीं कल्पना कर सकता मैं,
बिना तुम्हारे जीने की।
तुम बिन अच्छा खाने पीने,
अच्छा नहीं पहनने की।
इच्छाओं का अन्त हो गया,
बस देह बची है।
आ जाओ जल्दी से,
तुम जहां कहीं हो।

जल है,थल है, सुबह शाम है,
रोज वही हलचल है।
प्रतिदिन सूरज सुबह निकल कर,
जाता अस्ताचल है।
चहचहा रहे हैं पंछी,
देखो देख रहे हो।
आ जाओ जल्दी से,
तुम जहां कहीं हो।

चार दिवारी के अंदर
हो गया अकेला।
देख रहा हूं जीवन के,
आगे का मेला।
तुम ही हो जिम्मेदार,
ब्यथा यह देख रहे हो।
आ जाओ जल्दी से
तुम जहां कहीं हो।

सब कुछ वैसा ही तो है,
बस तुम्हीं नहीं हो।
आ जाओ जल्दी से,
अब तुम जहां कहीं हो।।
ओमप्रकाश

हैप्पी फादर्स डे - 'अनुज अनहद' 20 जून, 2022

जब अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं।
बच्चे बाप से भी बड़े हो जाते हैं।।

अंगुली पकड़ जिसकी चलना था सीखा,
बात बात पर उनको अंगुली दिखाते हैं।
जब अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं।
बच्चे बाप से भी बड़े हो जाते हैं।।

जिसने उनकी ख्वाहिशों पर ज़िंदगी कुर्बान कर दी,
उनकी ज़रूरतों को फिजूलखर्ची बताते हैं।
जब अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं।
बच्चे बाप से भी बड़े हो जाते हैं।।

उनकी बीमारी में न सोया जो रात भर,
अब उनकी बीमारियों को बहाना बताते हैं।
जब अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं।
बच्चे बाप से भी बड़े हो जाते हैं।।

खुद भूखा रह कर भी मन का खिलाया जो,
दो रोटी उनको देने से भी कतराते हैं।
जब अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं ।
बच्चे बाप से भी बड़े हो जाते हैं।।

बाप तो फिर भी बाप ही होते हैं,
एक 'हैप्पी फादर्स डे' से ही खुश हो जाते हैं।
जब अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं।
बच्चे बाप से भी बड़े हो जाते हैं।।

पिता प्यार का उपवन है, फादर्स डे शायरी इन हिंदी

पिता प्यार का उपवन है,
फल-छाँव का इक वन है
जिसके कंधे पर युग चलता,
तिल तिल करके है जो गलता
जिम्मेवारी की बोझ में पलता
बिना थके जो हरदम चलता
आँधी तुफाँ से नहीं डरता
ग़म में ठंढ़ी आहें भरता
अरमानों की बली चढ़ाकर,
सबके हित में सदा ही लड़ता
अपना फर्ज निभाता है वो
हाड़ मांस का इक तन है
पिता प्यार का उपवन है।।
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू
Fathers Day Shayari Pita Diwas Par Kavita Shayari

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