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बे इंतिहा नवाज़िशों वाले ऐ मेरे रब– रब की रहमत दुआ शायरी Dua Shayari

दुआ शायरी हिंदी में लिखी हुई | सलामती की शायरी

ऐ मेरे रब
बे इंतिहा नवाज़िशों वाले ऐ मेरे रब
मुझ को भी भीक रह्म की देदे ऐ मेरे रब

ग़रक़ाबे-क़ुलज़मे-बला किस को सदाएँ दे
तेरे अलावा कौन उछाले ऐ मेरे रब

रब की रहमत शायरी | सलामती की दुआ शायरी

अपने करम की मुझ पे तू मुश्फ़िक़ निगाहें कर
जीने के अब हैं पड़ गए लाले ऐ मेरे रब

ये कुलफ़तो-अलम से भरी ज़िंदगी बता
मुझ सा नहीफ़ कैसे गुज़ारे ऐ मेरे रब

उन के तुफ़ैल टाल दे ये दौरे-मुश्किलात
मैं ने किए हैं तुझ को जो सजदे ऐ मेरे रब

फ़रमा दे रहमतों का अब इन से मुआमला
अब औजे-ग़म पे हैं तेरे बन्दे ऐ मेरे रब

तासीर जिस ने आग की फूलों में बदली थी
तू आज भी वही तो ख़ुदा है ऐ मेरे रब

तेरा करम वही है तेरी ज़ात है वही
मेरे अमल ही हो गए खोटे ऐ मेरे

ज़की तारिक़ बाराबंकवी
सआदतगंज,बाराबंकी,यू पी

रब की रहमत दुआ शायरी फोटो डाउनलोड - Dua Shayari Photo Hd Download

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