कोरोना वाइरस पर शायरी | कोरोना का दर्द कविता
कोरोना और ज़िंदगी कविता
कोरोना का पुनः आगमन
क्यों चैन से जीने
नहीं दे रहे तुम
'कोरोना तुम फिर आ गए'?
सारे त्यौहार देखे तुमने
यूं कहें बर्बाद किया
हम दिन भी मना लिया तुमने
अब तो जाओ अपनी दुनिया
जिंदगी जीना मुहाल किया तुमने
नाते रिश्तेदारों को भी छुड़ाया तुमने
शर्म ना आई तुझको
कोरोना तू फिर आ गया?
इस बार तो परिवार के साथ
ताकतवर हो फिर से आया तू
क्या बिगड़ा हमने तेरा
तबाह कर रखा है तूने
क्यों चैन से जीने
नहीं दे रहे तुम
'कोरोना तुम फिर आ गए'?
सारे त्यौहार देखे तुमने
यूं कहें बर्बाद किया
हम दिन भी मना लिया तुमने
अब तो जाओ अपनी दुनिया
जिंदगी जीना मुहाल किया तुमने
नाते रिश्तेदारों को भी छुड़ाया तुमने
शर्म ना आई तुझको
कोरोना तू फिर आ गया?
इस बार तो परिवार के साथ
ताकतवर हो फिर से आया तू
क्या बिगड़ा हमने तेरा
तबाह कर रखा है तूने
Corona Shayari | Covid-19
बच्चों का कैरियर दांव पर लगा
ऑनलाइन पढ़ाई से भला क्या हो रहा,
नौकरियां गई कितनों की
रोजी रोटी के पड़ गए लाले
पर ए निर्मम कोरोना
सुन ले तो हमारी बात
हमने मास्क डिस्टेंसिंग हाथ धोना
और काढा, कुछ भी छोड़ा नहीं
तुझ पर तो हम विजय पा ही लेंगे
देख लेना तू तुझको हम मार भगाएंगे।
धन्यवाद
अंशु तिवारी पटना
ऑनलाइन पढ़ाई से भला क्या हो रहा,
नौकरियां गई कितनों की
रोजी रोटी के पड़ गए लाले
पर ए निर्मम कोरोना
सुन ले तो हमारी बात
हमने मास्क डिस्टेंसिंग हाथ धोना
और काढा, कुछ भी छोड़ा नहीं
तुझ पर तो हम विजय पा ही लेंगे
देख लेना तू तुझको हम मार भगाएंगे।
धन्यवाद
अंशु तिवारी पटना
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