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मधुमेह के लक्षण कारण और पूर्ण इलाज मधुमेह की रोकथाम Diabetes

Symptoms, Causes And Complete Treatment Of Diabetes

Symptoms, causes and complete treatment of diabetes

डायबिटीज की पहचान क्या है? मधुमेह के कारण क्या है?

सभी को नमस्कार
पूर्ण जानकारी को कविता में पिरोना कुछ पोइंट को काट रहा था इसलिए हर पोइंट को बताते हुए यह आलेख

मधुमेह डायबिटीज क्या है? What is diabetes?

मधुमेह ( डायबिटीज) शक्कर इस बीमारी के नाम से कोई भी अछूता नही है तथा इसे सोम रोग का दर्जा दिया गया है पहले ये बीमारी 40-50 वर्ष के बाद पायी जाती थी परंतु अब आधुनिक जीवनशैली, भौतिकवादी युग के अधिकतर मरीज 20-30 साल में ही ग्रसित होते जा रहे है मधुमेह का चिंताजनक रूप यह हैं कि इसे नियंत्रण नही किया जाए तो 10-15 सालो में शरीर के अंग निष्क्रिय होने लगते है अतः इस रोग से मरीज को स्वयं ही लड़ना होगा और बचाव करना होगा।

आइये जाने डायबिटीज है क्या ? पूर्व मधुमेह के लक्षण ?

हमारे शरीर मे स्थित पेनक्रियाज़ नामक ग्रन्थि इंसुलिन हॉर्मोन्स बनाती है , भोजन के पाचन में जो ग्लूकोज़ बनता है उसे पचाने में इन्सुलिन हॉर्मोन सहायक होता है। मेटाबोलिज्म की यह प्रक्रिया सतत चलती रहती हैं यदि पैंक्रियास ग्रंथि अपना हॉर्मोन बनाना बन्द कर दे या कम कर दे तब शक्कर की मात्रा रक्त में बढ़ने लगती है और बढ़ी हुई शक्कर पेशाब के जरिये बाहर निकलने लगती है इस तरह के पौषिक तत्वों की कमी निरन्तर होते चली जाती है और व्यक्ति खाने के बाद भी निरन्तर कमजोर, शिथिल व दुबला दिखाई देने लगता है।

डायबिटीज के प्रकार Types of diabetes :

1. जुवेनाइल डायबिटीज (बच्चों में पाई जाने वाली)
2.आई.डी.डी. एम (I.D.DM इंसुलिन पर निर्भर)
3. एन. आई.डी.डी. एम (N.I.D.DMइंसुलिन लेना जरूरी नही)

डायबिटीज के कारण Due to diabetes, causes :

मणिपुर की दुर्बलता ही इसका कारण है।
1. वंशानुगत
2. वायरल बुखार(पैंक्रियास से संबंधित)
3. मोटापा
4. मानसिक तनाव
5. शारीरिक श्रम न करना
6. अतः स्त्रावित ग्रन्थि(पैंक्रियास ग्रन्थि की खराबी)
7.मल का गुठली-गुठली हो जाना।
8.अधिक शुक्र क्षय भी कारण है।
9.यकृत की दुर्बलता
10.रोग प्रतिरोधक क्षमता का धटना

रोग के लक्षण Symptoms of disease :

शर्करा को तरल रखने हेतु जल की आवश्यकता होती है इसलिए
1. अत्यधिक प्यास लगना।
2. बार बार पेशाब लगना।
3. जल्दी थकान महसूस करना।
4. हाथ पैर सुन्न होना, झुन-झुनी आना।
5. चश्मे का नंबर बदलना या कम दिखाई पड़ना
6. शरीर मे खुजली होना और नपुंसकता।
7.जीवनी शक्ति क्रमशः कम होने लगती है

परीक्षण कैसे हो ? How to test?

एक सामान्य व्यक्ति के भूखे पेट में शक्कर की मात्रा 70 -110mg/ml ब्लड तथा 140mg/ml ब्लड खाने के बाद होनी चाहिए ।

आपको क्या करना चाहिए ? What you should do ?

प्रत्येक व्यक्ति को 30 साल के बाद साल में दो बार शुगर टेस्ट करवाना चाहिए तथा लक्षण पाए जाने पर विलंब नहीं करना चाहिए।

आपको क्या नहीं करना है What you don't have to do :

दिन भर असमय ना खाकर डॉक्टर के बताए गये कैलोरी का ध्यान रखते हुए भोजन करना चाहिए।
धूम्रपान तंबाकू, पान मसाला व मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
असंयम प्रभृति भी इस रोग के कारण होते है

डायबिटीस में होने वाली परेशानियां Problems due to diabetes :

* बेहोशी अधिक या कम शक्कर होने से।
* असमय गुर्दे का खराब होना।
* बार बार इंफेक्शन होना
* हाथों व पैरों का सुन्न होना
* हार्ट अटैक व पैरालिसिस लकवा आदि।

मरीज़ को ध्यान रखने योग्य बातेंं Things to keep in mind for the patient :

* सामान्य लक्षण न लगे तो डॉक्टर से संपर्क करें। * घर क बाहर जाते समय डायबिटीस पहचान पत्र व अपना परिचय पत्र भी रखें जिससे आपके घर का पता तथा टेलीफोन नंबर,  डॉक्टर का पता, टेलीफोन नंबर तथा आपातकालीन दवाइयों और उसके नाम भी रखें ताकि आप का इलाज फौरन हो सके।

डायबिटीस में मरीज़ का संतुलित भोजन Diabetes patient balanced diet :

☘सुबह(6:30am)
1गिलास गर्म पानी मे 1 चमच्च नींबू का रस,1चुटकी काली मिर्च,1चुटकी दालचीनी,1चुटकी काला नमक का पाउडर डालकर ले।
डिटॉक्सीफिकेशन के लिए महीने में 1 बार 5 दिन हरी धनिया पानी भी ले सकते है।
☘ब्रेकफास्ट-(9:30am)-
इनमें से कोई भी एक चीज़ ले-1कटोरी पोहा/1कटोरी स्प्राउट्स/3-4इडली/1कटोरी ओट्स/1रवा इडली/5-6 रवा ढोकला/1मूंग दाल चीला/1बेसन चीला/पनीर भुर्जी/1आटे की ब्रेड/1गिलास दूध/1कप हर्बल चाय
(माँसाहार वर्जित है)
☘2घंटे बाद(11:00am)-
सलाद/सूप/छांछ
☘लंच(1:00pm)-
1गिलास गर्म पानी के साथ मेथी दाना ले इसके पाँच मिनट बाद 1 कटोरी सलाद खाये, 2 चपाती या मल्टीग्रेन आटे की रोटी, 1कटोरी सब्जी, 1 कटोरी दाल या दही और फिर भी भूख हो तो छाछ ले।
☘3घंटे बाद(3:00-4:00pm)-
इनमे से कोई एक चीज़
 ले हर्बल चाय/चाय- कॉफी बिना शक्कर की/फ्लेक्स/चना/नारियल पानी/मुरमुरे/भाड़ के भुजे हुए चने/ कोई फल(50-100gm, मीठे फल ज्यादा न खाये)
☘डिनर(7:00pm)
1कटोरी ब्राउन राइस, सब्जी,1 चपाती, 1 कटोरी सूप,सलाद।
☘रात (10:00-11:00pm)-
इनमे से कुछ एक ले एक कप दूध/4-6 बादाम/2-3 अखरोट।
☘नोट-
बेकरी ,जंक फूड, मीठा,तला खाना न खाए। कोल्ड ड्रिंक्स,फ्रूट जूस,आइस क्रीम, मैदा,नमक कम खाये।अगर भूख लगे तो कम कैलोरी का खाना खाएं।
🍏आधा घंटा रोज़ पैदल चले या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करे । हर समय एक सी डाइट सही नही होती तो बार बार डायटीशियन से प्लान करे।

औषधीय उपचार Medicinal treatment :

सबसे पहले व्यायाम तथा संतुलित भोजन से बीमारी पर काबू पाए, फिर भी बीमारी ठीक ना हो तो डॉ के परामर्श से मुँह से लेने वाली गोलियां ले। यदि व्यायाम, संतुलित भोजन व दवाइयों से भी बीमारी ठीक न हो तो डॉक्टर के द्वारा डोज़ निर्धारित करके इंसुलिन इंजेक्शन लगवाये।

💥चिकित्सा- प्रातः- उत्क्षेप मुद्रा, मंडूकासन, आग्नेय प्राणायाम, आग्नेयी मुद्रा,अग्निसारमुद्रा,उड्डयन ,कर्मासन,गौमुखासन।
संध्या बेला-अग्निसार,योगमुद्रा,दीर्घप्रणाम,
भुजंगासन,भस्त्रिका।
निषेध- अमिष भोजन, प्रोटीन युक्त भोजन, आलू,कोण।
बढ़ी हुई अवस्था में तीन दिन नीबू नमक संग उपवास संग जूस ले सकते है
*औषधि-*
 5 ग्राम  नारियल + 10 मूँगफली का शरबत सुबह खाली पेट
दही +केला
अमरूद के पत्र का पाउडर रात्रि में दो चम्मच1ग्लास पानी में डाल कर सुबह पी लें  खाली पेट
5ग्राम गूलर का रस मधु के साथ
1 चम्मच जामून की गुठली का पाउडर मधु संग
अंकुरित मेथी या आधा चम्मच रात्रि भिंगोया मेथी और 4 काबली बदाम।1चम्मच आँवला पाउडर खाली पेट
*नोट* अगर शूगर का लेबल बहुत  बढ़ा हुआ हो ती वैसी अवस्था में निर्जला रहना स्वास्थ्य के लिए हितकर है अगर निरजला मुश्किल हो तो नींबू पानी या फल या जूस पर ही रहें दूसरे दिन उदर स्नान जरूर करें।( चीनी के मरीज की मल गाँठ का रूप ले लेती है जिसे तोड़कर बाहर निकालना जरूरी हैं)
*उदर स्नान*- इससे हम 7 दिन में एक बार करना है इसमें चार गिलास पानी गर्म करेंगे एक शीशे के ग्लास में सेंधा नमक डालेंगे दो नींबू निचोड़ देंगे और और उसके ऊपर से गर्म किए हुए चार ग्राम ग्लास पानी को डाल देंगे फिर इस पानी को हम एक-एक ग्लास करके पी लेना है पीने के बाद प्रेशर लगेगा उसके बाद शौच के लिए जाना है चार -पांच बार जाने के बाद जब सफेद पानी निकलने लगेगा तब पका हुआ पीला केला 3-4 खा लेना इससे पेट बँध जाएगा और शरीर में एनर्जी आ जाएगी और हमारे पेट से पूरी तरह से गंदगी निकल जाएगी ,पेट साफ हो जाएगा।
यह विधि हमारे शरीर के अम्ल को धीरे धीरे खत्म करता जाता है। हम रोग मुक्त होने लगते है।
व्यंजना आनंद (मिथ्या)
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