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मधुमेह, डायबिटीज, शुगर का इलाज Diabetes in Hindi डायबिटीज लक्षण कारण निदान

Disease Diabetes मधुमेह के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, परहेज और पूर्ण उपचार

मधुमेह Diabetes क्या है? | डायबिटीज क्या है?

परिचय
मधुमेह या डायबिटीज एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसके कारण ब्लड शुगर( High Blood Sugar ) के स्तर में सामान्य से अधिक बढ़ जाता है। रक्त ( Blood) में अत्यधिक ग्लूकोज( Glucose ) बढ़ने से कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं और अगर ब्लड ग्लूकोज ( Blood Glucose ) जिसको ब्लड शुगर भी कहा जाता है अत्यधिक बढ़ रहा हो इसे मधुमेह या डायबिटीज कहा जाता है। हमारे शरीर के लिए ब्लड शुगर ही ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होता है तथा यह उस भोजन से बनता है जिसका हम सभी सेवन करते हैं। हमारे शरीर में इंसुलिन नाम का एक हार्मोन ( Insulin Harmon ) होता है जो कि ग्लूकोज Glucose को कोशिकाओं तक पहुंचने में सहायता करता है जिससे कि शारीरिक कार्य के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान की जा सके।

मधुमेह के लक्षण और संकेत क्या हैं? | मधुमेह के प्रमुख लक्षण Symptoms Of Diabetes

मधुमेह के शुरुआती लक्षण और संकेत इस प्रकार से हैं—
भूख और प्यास में अत्यधिक वृद्धि।
बार-बार पेशाब आना तथा मुंह सूखना प्यास की अनुभूति होना।
वजन में लगातार कमी होना और हमेशा थकान का अनुभव होना।
सिरदर्द और मानसिक रूप से चिड़चिड़ापन रहना।
धीमे-धीमे घाव ठिक अधिक समय लगना या कभी ठीक न होना और आंखों से धुंधला दिखाई देना।
रेटिनोपैथी : आंखों में अंधेरा छा जाना और तंत्रिका कोशिकाओं की क्षति एवं स्ट्रोक।
बार बार मतली आना और त्वचा में संक्रमण Skin Disease जैसे त्वचा का काला पड़ना कम हो जाता है जिसे एकैंथोसिस नाइग्रीकन्स Acanthosis Nigricans कहा जाता है।
सांसों की गंध जो कि मीठा, फ्रूटी, अथवा एसीटोन जैसी गंध का होना।
बार बार हाथों और पैरों में झुनझुनी तथा सुन्नता का आभास होना।
रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन ( Retrograde Ejaculation ) तथा कम टेस्टोस्टेरोन बनना (कम-टी)
सेक्स ड्राइव में लगातार कमी होना (कामेच्छा में कमी) और कई प्रकार के यौन रोगों तथा निष्क्रिय जीवन शैली जैसे कि व्यायाम की कमी तथा शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहना एवं पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन होना।
हाई ब्लडबप्रेशर तथा हाई कोलेस्ट्रॉल High Blood Pressure And High Cholesterol
धूम्रपान तथा अत्यधिक शराब का सेवन।
नींद में कमी एवं हृदय रोग।
तंत्रिका तंतुओं में क्षति एवं न्यूरोपैथी (तंत्रिका दर्द) तथा किडनी की बीमारियां।
पेरिफेरल वैस्कुलर रोग Peripheral Vascular Disease तथा खमीर संक्रमण।

मधुमेह के कारण क्या हैं? Diabetes Causes

मधुमेह कई प्रकार के होते हैं जैसे— टाइप 1 तथा टाइप 2 गर्भावधि ( Gestation Period ) एवं पूर्व-मधुमेह ( Pre-diabetes ) जब भी कोई व्यक्ति मधुमेह की बीमारी से ग्रसित हो जाता है तो शरीर में इंसुलिन का निर्माण रुक जाता है और इस प्रकार ग्लूकोज Glucose शरीर की कोशिकाओं तक पहुंच पाने में असमर्थ हो जाता है। इस तरह से यह अतिरिक्त Glucose ब्लड में जमा होने लगता है। यही बढ़ा हुआ ब्लड शुगर का स्तर या Blood Sugar Level आंखों की क्षति तथा किडनी की क्षति और हृदय रोगों जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है इस तरह अगर इस का समुचित उपचार न किया जाए तो मधुमेह एक गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। हालांकि मधुमेह का कोई स्थायी उपचार भी नहीं है फिर भी इसे संयम और सही खानपान से कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

मधुमेह कितने प्रकार के होते हैं? How Many Types Of Diabetes

मधुमेह या शुगर की बीमारी वास्तव में रोगों का एक समूह है जिसके कारण शरीर के लिए पर्याप्त इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पाता है। या फिर शरीर में निर्माण हो रहे इंसुलिन का सही से उपयोग नहीं कर पाता है। या इनमें से दोनों प्रकार की समस्याओं का संयोजन का दिखा सकता है। अगर इन दोनों में से से कोई भी एक कारण होता है तो शरीर ब्लड से शुगर को कोशिकाओं तक ले जाने में सक्षम नहीं होता है। यह हाई ब्लड शुगर High Blood Sugar के स्तर की तरफ संकेत करता है।

मधुमेह तीन प्रकार होते हैं: Three Types Of Diabetes

Type 1 Diabetes : टाइप 1 डायबिटीज या मधुमेह टाइप 1

अगर किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली में किसी कारण से अग्न्याशय में इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाओं ( Beta Cells) पर हमल होता है और वह नष्ट हो जाता है तो इंसुलिन का निर्माण बन्द हो जाता है और इसके कारण हाई ब्लड शुगर की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। कभी कभी कुछ लोगों में यह जीन के कारण आनुवंशिक रूप से भी हो सकता है।

टाइप 2 डायबिटीज - Type 2 Diabetes

इस प्रकार का मधुमेह भी इंसुलिन ही के कारण उत्पन्न होता है। इंसुलिन विशेष रूप से प्रतिरोध के कारण उत्पन्न होता है। यह आनुवांशिकी भी होता है और जीवन शैली के कारण से भी हो सकता है। जैसे अत्यधिक वजन का बढ़ना अथवा मोटापे की वजह से भी मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। पेट में भारी वजन की वजह से कोशिकाएं ब्लड शुगर पर इंसुलिन के असर के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी हो जाती है और यह समस्या उत्पन्न करती है।

गर्भावस्थाजन्य मधुमेह Gestational Diabetes

जेस्टेशनल डायबिटीज या गर्भावस्थाजन्य मधुमेह यह समस्या मुख्य रूप से गर्भावस्था के समय हार्मोनल परिवर्तन है। नाल हार्मोन का निर्माण करता है तथा यह हार्मोन कोशिकाओं को इंसुलिन के असर के लिए संवेदनशीलता को कम कर सकता है। यह गर्भावस्था के समय हाई ब्लड शुगर की वजह बन सकती है। समुचित आहार विहार के द्वारा इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।

डायबिटीज का निदान कैसे करें? Diabetes Treatment

कई प्रकार के टेस्ट हैं जो मधुमेह के उपचार में डॉक्टर की सहायता करते हैं:
Diabetes Test Name

टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के लिए जांच Diabetes Test

रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट Random Blood Sugar Test

इस प्रकार की जांच में रोगी व्यक्ति से अलग-अलग समय पर ब्लड सैंपल प्राप्त किया जाता है। एक बार जब अंतिम बार भोजन करते हैं, तो डिकिलिटर (मिलीग्राम / डीएल) प्रति लीटर अथवा उच्चतर 200 मिलीग्राम तक का एक रैंडम हाई शुगर लेवल मधुमेह की जांच का सुझाव देता है।

फास्टिंग ब्लड शुगर का टेस्ट Fasting Blood Sugar Test

इस टेस्ट में खाने से पहले और खाने के बाद रोगी के ग्लूकोज के स्तरों की जांच की जाती है। अगर ग्लूकोज का स्तर सामान्य से 100 मिलीग्राम / डीएल से कम है। और बार-बार अलग-अलग जांच के बाद भी 126 मिलीग्राम / डीएल अथवा अधिकतम उपवास ब्लड शुगर का लेवल मधुमेह होने की पुष्टि करता है।

ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (A1C) टेस्ट

इस टेस्ट को यह जानने के लिए किया जाता है कि टेस्ट से 2 से 3 महीने पहले रोगी व्यक्ति का औसत ब्लड शुगर लेवल क्या था। इस ब्लड शुगर सैंपल को भोजन से पहले या बाद में भी लिया जा सकता है।

जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए टेस्ट Gestational Diabetes Test

अगर कोई रोगी गर्भकालीन मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज) के औसत खतरे में होता है तो उसके दूसरी तिमाही के समय गर्भावधि मधुमेह परिक्षण हेतु एक स्क्रीनिंग टेस्ट कराना होता है। यह अधिकांशतः गर्भावस्था के 24 से 28 सप्ताह के मध्य में होता है।

टाइप 1 डायबिटीज के लिए उपचार Type 1 Diabetes Treatment

टाइप 1 डायबिटीज के उपचार में इंसुलिन इंजेक्शन अथवा इंसुलिन पंप का उपयोग किया जाता है और लगातार ब्लड शुगर के स्तर का परिक्षण और कार्बोहाइड्रेट की गिनती भी साथ में होती है। इस प्रकार के मधुमेह को कभी समाप्त नहीं किया जा सकता है क्योंकि अभी तक इस प्रकार कोई सफल उपचार ढूंढा नहीं गया है। वास्तव में यह प्रतिरक्षा प्रणाली ( Immune System ) की समस्या के कारण उत्पन्न होता है। इंसुलिन की कमी को दूर करने के हेतु इंसुलिन की खुराक इंजेक्शन द्वारा ली जाती है।

टाइप 2 डायबिटीज के लिए उपचार Type 2 Diabetes Treatment

टाइप 2 डायबिटीज के उपचार के लिए विशेष रूप से जीवनशैली में कुछ विशेष परिवर्तन आवश्यक है। रोगी व्यक्ति के ब्लड शुगर की जांच भी होती रहनी चाहिए। डायबिटीज की दवाओं के साथ इंसुलिन अथवा दोनों एक साथ भी चल सकती है। इस मधुमेह को उचित चिकित्सा एवं औषधि के प्रयोग से नियंत्रित किया जा सकता है। टाइप -II डायबिटीज तथा जेस्टेशनल डायबिटीज को दवा और उचित आहार-विहार और व्यायाम से बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। ग्लुमेट्ज ( Glumetz ) ग्लाइसिफेज ( Glyciphage ) फोर्टमेट ( formate ) रियोमेट (Roomate) जैसी दवाओं का उपयोग भी Type-2 मधुमेह के चिकित्सा में किया जाता है। एरोबिक व्यायाम ( Aerobic Exercise ) जैसे साइकिल चलाना, दौड़ना, और तेज़ गति से चलना मधुमेह को रोकने में अत्यधिक सहायक है। ये सारे व्यायाम प्रति सप्ताह कम से कम 3 घंटे किया जाना चाहिए। अपना वजन हमेशा कम करें तथा अपने आहार में स्वस्थ आहार सम्मिलित करें।

गर्भावधि मधुमेह के लिए उपचार Treatment For Gestational Diabetes

अपने होने वाले बच्चे को स्वस्थ रखने तथ प्रसव के समय उत्पन्न होने वाली समस्याओं से बचने के लिए अपना ब्लड शुगर लेवल को सदैव नियंत्रित करना अतिआवश्यक हो जाता है।

मधुमेह की दवा Diabetes Medicine

इसमें आमतौर पर मेटफॉर्मिन (ग्लूकोफेज, ग्लूमेटा ) जैसी दवाओं का इस्तेमाल होता है। इस प्रकार की दवाइयां टाइप 2 डायबिटीज के लिए दी जाती हैं। बैरिएट्रिक सर्जरी में भी रोगि के लिए यह दिया है। Pre-diabetes के उपचार के लिए भी दवाएँ ली जाती हैं।

मधुमेह दवा के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? What are the side effects of diabetes medication?

टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्तियों को कई डॉक्टर उसके मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए दवाओं का एक संयोजन Combination देते हैं। Combination चिकित्सा के साथ लो ब्लड शुगर वाले व्यक्तियों के लिए खतरा बढ़ जाता है। यह दवाएं कुछ दुष्प्रभाव Side effects पैदा करती हैं जो इस प्रकार हैं—
सल्फोनीलुरिया Sulfonylurea के कारण हाइपोग्लाइसीमिया Hypoglycemia (लो ब्लड शुगर), स्किन रैश या खुजली ( Skin Rash Or Itching ) धूप की संवेदनशीलता ( Sun sensitivity ) पेट खराब होना और वजन बढ़ना (upset stomach and weight gain ) जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
मेगालिटिनिड्स हाइपोग्लाइसीमिया ( Meglitinides Hypoglycemia ) तथा वजन बढ़ने की वजह हो सकती है।
बिगुआनाइड ( Biguanide ) लेने वाले व्यक्तियों को लैक्टिक एसिडोसिस ( Lactic Acidosis ) विकसित कर सकते हैं। दुर्लभ परंतु गंभीर दुष्प्रभाव Side Effects
अल्फा-ग्लूकोसिडेज़ इनहिबिटर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ( Alpha-Glucosidase Inhibitors Gastrointestinal ) समस्याओं का कारण भी हो सकते हैं।
DPP-4 अवरोधक सिटैग्लिप्टिन (जानुविया) Sitagliptin (Januvia) गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं, गले में खराश, ऊपरी श्वसन संक्रमण एवं सरदर्द का कारण हो सकता है।
प्रमलंटीडे Pramlantidae (इंसुलिन के साथ) जठरांत्र संबंधी समस्याएं (मतली, उल्टी, पेट में दर्द, एनोरेक्सिया) वजन घटाने, सरदर्द, थकान, चक्कर आना, खांसी, गले में खराश तथा इंजेक्शन लगाने पर त्वचा की प्रतिक्रिया Reaction हो सकता है।
मधुमेह कारण लक्षण और उपचार Diabetes treatment.webp

मधुमेह के लिए घरेलू उपचार क्या हैं? What Are The Home Remedies For Diabetes?

मधुमेह को नियंत्रित करने हेतु कुछ विशेष घरेलू उपचार इस प्रकार हैं—

करेला से करें मधुमेह का उपचार Treat Diabetes With Bitter Gourd

ब्लड शुगर Blood Sugar Level के स्तर को कम करने के लिए करेला महत्वपूर्ण है इसमें चारैटिन और मोमोर्डिसिन Charatin and Momordicin पाया जाता है जो मधुमेह को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मधुमेह का उपचार मेथी से Treatment Of Diabetes With Fenugreek

मेथी Fenugreek मधुमेह को नियंत्रित करने तथा ग्लूकोज स्तर में सुधार Blood Sugar Level को कम करने तथा ग्लूकोज पर निर्भर इंसुलिन के स्राव को बढ़ाने में मदद करता है।

आम के पत्ते से मधुमेह का इलाज Treatment Of Diabetes With Mango Leaves

आम के ताजे पत्तों Mango Leaves को एक गिलास पानी में डालकर उबालें फिर इसे रात भर ठंडा होने के लिए छोड़ दें और प्रातः काल खाली पेट इसका पानी का सेवन करें।

आंवला से मधुमेह का उपचार Treatment Of Diabetes With Amla

 आंवला से मधुमेह का उपचार बेहद पुरानी पद्धति है। आंवला में विटामिन सी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है और अग्न्याशय Pancreas को अधिकतम एंजाइमों के उत्पादन करने में सहायता करता है जिससे कि ब्लड शुगर का स्तर संतुलित हो सके।

ड्रमस्टिक या मोरिंगा के पत्ते से मधुमेह का उपचार Treatment Of Diabetes With Drumstick Or Moringa Leaves

ड्रमस्टिक या मोरिंगा ओलीफ़ेरा की पत्तियों को ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने और किसी की ऊर्जा को बढ़ाने की आंतरिक क्षमता के लिए जाना जाता है।

मधुमेह रोगी का आहार, क्या खाएं Diabetes Patient Diet Chart In Hindi | Diabetes Diet | Diet For Diabetes

खीरा, ककडी, हरी सब्जियाँ, टमाटर, नींबू प्याज, लहसुन, और हल्के मिर्च मसालों का सेवन किया जा सकता है। चावल, आलू, और फलों का सेवन भी कर सकते हैं। चना, ज्वार, और गेहूं के आटे की रोटी अत्यधिक लाभकारी है। सरसों का तेल दूसरे तेलों जैसे मूंगफली, सोयाबीन, सूर्यमुखी के साथ उपयोग में लेना चाहिए भोजन लेने का समय जहां तक हो सके निश्चित होना चाहिए। कभी भी लंबे समय के लिए भूखे नही रहना चाहिये।
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