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भोजपुरी होली शायरी | होली की शायरी भोजपुरी में | भोजपुरी होली गीत

भोजपुरी होली शायरी | होली की शायरी भोजपुरी में | भोजपुरी होली गीत

भोजपुरी होली : करे ले ठिठोली रे कान्हा

करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के।
रंगवा नहवावे रे सखिया गगरिया मे भरी के।

बड़ा रे ई बाउर लागे जमुना के पनिया हो।
मीठी फुसलाई कहे आवा राधा रनीया हो।
मारी पिचकारी ये सखिया अँचरा के धरी के।
करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के।

केतनों लुकाई रे बनवा खोजी हमे ले ले हो।
झटके से आई कान्हा अंकवारी भरी ले ले हो।
डूबी मरी जाई रे सखिया जमुना मे डूबी के।
करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के।

काहे लगवला कान्हा राधा संग पिरितीया हो।
रुकमनी के धई हथवा कईला काहे घतीया हो।
उठाई लेता हमके बिधना जईती हम मरी के।
करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के।

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड, मोब 9955509286

भोजपुरी होली : करे ले ठिठोली रे कान्हा

भोजपुरी पौराणिक होली गीत - रंग तोहसे न लगइबे

बहिया छोड़ाई भाग जइबे,
कान्हा रंग तोहसे न लगईबे।

श्याम सुंदर बड़ा छलिया है तू।
ढूँढे राधा घूमे गाँव गलिया है तू।
अबीर गुलाल न लगईबे।
कान्हा रंग तोहसे न लगईबे।

कदम की डलिया काहे चढ़ी जाला।
मारी कंकरिया गगरिया फोड़ी जाला।
यमुना किनारे नाही घुमरी परइबे।
कान्हा रंग तोहसे न लगईबे।

लुकाई काहे मारेला पिचकारी।
भिंग जाला चोली लहंगा हमारी।
चुपके से बंसीया चोरईबे।
कान्हा रंग तोहसे न लगईबे।

गोपियन के संग होली खेले ला।
बांसुरी बजाई होली तू गावेला।
यसोदा माई जाई सब बतइबे।
कान्हा रंग तोहसे न लगईबे।

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
मोब।/व्हात्सप्प्स -9955509286

भोजपुरी होली मुक्तक - श्याम रंगरसिया Bhojpuri Holi Shayari

बिना रंगवा के श्याम रंग काहे रंगला रंगरसिया।
हर संसिया मे श्याम काहे समईला मनबसिया।
गोरी तोरी राधिका के खूब गोर बा बदनवा ।
गुलाल नंदलाल गोरे गाल लगवला मोहे सखिया।
श्याम कुंवर भारती


जोगीरा होली गीत

जोगिरा
केवन देश मे जनम लिए घनश्याम।
केवन देश मे जनम लिए राम भगवान।
जोगिरा सारा रा रा रा रा।
गोकुला मे जनम लिए घनश्याम।
अयोध्या नगरी जनम लिए राम भगवान।
जोगिरा सारा रा रा रा रा।

केवन देश के नेता गरजे करे ऐलान।
थर थर काँपे दुशमन बचावे आपण जान।
जोगिरा सारा रा रा रा रा।
भारत देश के नेता गरजे करे ऐलान।
पड़ोसी देश के दुश्मन बचावे आपन जान।
जोगिरा सारा रा रा रा रा।

केवन देश के झण्डा फहरे ऊंचा आसमान।
केतना रंग मे रंगल देशवा करे गुमान।
जोगिरा सारा रा रा रा रा।
हिन्द देश के झण्डा फहरे ऊंचा आसमान।
तीन रंग मे रंगल तिरंगा देशवा करे गुमान।
जोगिरा सारा रा रा रा रा।

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
गीतकार /कवि /लेखक
ढोरी ,बोकारो ,झारखंड
मोब -9955509286


भोजपुरी होली गीत लिरिक्स - खेलब नाहीं होली ये ननदी

जबले चुकईहे नाही बदला
हमरे सइया ये ननदी।
तबले खेलब नाही होरी,
येही ठइया ये ननदी।

हमके गुमान सइया देशवा के जवान।
जबले खेलिहे नाहीं खुनवा के होरी,तोहरो भइया ये ननदी।
तबले खेलब नाही होरी यही ठइयां ये ननदी।

बनाइके बन्दुकिया के रंग पिचकारी।
मारी दुशमनवा निकाली चितकारी
आतंकियन के जबले उखड़िहे,
नाही बहिया ये ननदी।
तबले खेलब नाही होरी येही ठइयां ये ननदी।

बाड़े गबरू जवान ननदो मोर सइया।
देशवा के खातिर देले जान तोर भइया।
लागी गइल देशवा हमरो नेहिया ये ननदी।
तबले खेलब नाही होरी येही ठइया ये ननदी।
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
मोब -9955509286


भोजपुरी होली गीत – कारी केसिया के झार

बहे लागल फागुनी बयार।
मह मह महके अमवा मोजरवा।
छन छन छनके महुआ के कोचवा।
अईले नाही सईया तोहार।
गोरिया कारी केसिया के झार।
पियर सरसो फुला गईली।
हरियर मटर गदराई गईली।
झीनी झीनी बहे पुरवा बयार।
गोरिया कारी केसिया के झार।
बैरी पवनवा दरदिया बढ़ावे बदनवा।
महुआ के कोचवा चुएला मदनवा।
सजनी चले अचरा के उड़ाय।
गोरिया कारी केसिया के झार।
फुलवा फुला गईले भवरा लोभाई गईले।
चढ़ते फगुनवा सजनवा कोहाई गईले।
सजनी करेली सोरहो सिंगार।
गोरिया कारी केसिया के झार।
बहे लागल फागुनी बयार।

श्याम कुँवर भारती राजभर
कवि, लेखक, गीतकार, समाजसेवी,
मोब /वाहत्सप्प्स -9955509286


भोजपुरी होली गीत : सड़िया ले अइह

सड़िया ले अइह लाल लाल।
ये सइया आ गईले फगुनवा।
होलिया मे रंगब तोहरो गाल।
ये सइया आ गईले फगुनवा।

सड़िया के संगवा लाल चुनार ले अइह।
औरी ले अइह चूड़िया लाल लाल।
ये सइया आ गईले फगुनवा।

गुलाल ले अइहा सईया अबीरवो ले अइह।
रंगवा ले अइह लाल लाल।
ये सइया आ गईले फगुनवा।
कंगना ले अइह सईया कनबलिया ले अइह।
टिकुली ले अइह लाल लाल।
ये सइया आ गईले फगुनवा।
सड़िया ले अइह लाल लाल।
ये सइया आ गईले फगुनवा।

श्याम कुँवर भारती, राजभर
कवि, लेखक, गीतकार,‌ समाजसेवी,
मोब /वाहत्सप्प्स -9955509286


भोजपुरी होली – गाये मोदी जी जोगिरा

गाये मोदी जी जोगिरा भारत मोदी जी।
चोरवा लूटेरवा बन गइले फकीरा मोदी जी। 
गाये मोदी जी जोगिरा।

लूट पाट घुस घास सब बंद हो गईले।
भ्र्स्टाचार अत्याचार अब चंद हो गईले।
खींच दिहले प्रशासन लकीरा मोदी जी।

गाये मोदी जी जोगिरा।

गुंडा बदमसवन के अब पता नईखे चलत।
केतनों लगावे ज़ोर उनकर दाल नईखे गलत।
बिरोधियन बजावे झाल मंजीरा मोदी जी।
गाये मोदी जी जोगिरा।

कासी बनारस प्रयागराज चमकाई खूब दीहले।
दिल्ली देवरिया अहमदाबाद बढाई खूब दीहले।
कूँची दीहले फनवा पाकिसतनवा जस सपेरा मोदी जी।
गाये मोदी जी जोगिरा।

पहिला रंगवा सोनिया जी के लगावे।
दीदी ममता रमता योगी जी के लगावे।
बहन माया अखिलेश भिंगावे शरीरा मोदी जी।
गाये मोदी जी जोगिरा।

लेई पिचकारी इमरान पाकिसतनवा भगावे।
मारी पिचकारी रंगवा नाम हिंदुस्तानवा सुनावे।
घुसी घरवा उंकर तंबुआ उखाड़ा मोदी जी।

गाये मोदी जी जोगिरा।
देशवा के खातिर खूब योजना चलवले।
जवानन किसानन खूब भोजना करवले।
देखि लोभाए लोगवा देशवा नजारा मोदी जी।
गाये मोदी जी जोगिरा।

अमेरिका जापान रूस चीन आवे गुललवा लगावे।
अफगान ईरान नेपाल भूटान आए रसगुलवा खाये।
होलिया मे खिलावे सबके पुआ पूड़ी खिरा मोदी जी।
गाये मोदी जी जोगिरा।

देशवा के नेता मिली सब फगुआ गावेले।
राहुल प्रियंका सबका रंगवा देशवा लगावेले।
नितीश हेमंत झूमे खाई भांग धतूरा मोदी जी।
गाये मोदी जी जोगिरा।

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
मोब।/व्हात्सप्प्स -9955509286


होली खेले महादेव देवलोक में रंगवा उड़ावे
होली गीत

होली की शुभकामनाएं
खेलेले महादेव होली, संग में भूत बैताल -२
संग में भूत बैताल, संग में भूत बैताल
खेलेले महादेव होली संग में भूत बैताल ।।
बिछिया त खेलेले संपवा से होली
संपवा से होली हो संपवा से होली
करेला भूत चुरइल से ठिठोली
चुरइल से ठिठोली चुरइल से ठिठोली
उड़े भष्मी के उह्नवा के गुलाल
खेलेले महादेव होली, संग में भूत बैताल ।।
भंगिया पिसाला पिशाचावा के हाथे
पिशाचावा के हाथे पिशाचावा के हाथे
हाडा बीरह्नि नाचे परेतवा के साथे
परेतवा के साथे परेतवा के साथे
डाकिनीया बाजावेले झाल
खेलेले महादेव होली, संग में भूत बैताल ।।
शैलेन्द्र सरगम
असहनी छपरा, सारण बिहार


लोकगीत होली फगुआ

नटवर नवलकिसोरी, खेलत मंगल होरी।।

कान्हा के संग बाल गोपाला,
राधा संग में छोरी, खेलत मंगल••••••।।

मोहन के तन बसन पीतंबर,
धवल चूनर ब्रजगोरी, खेलत मंगल•••••।।

माधो कर सुबरन पिचुकारी,
तर पर गात चभोरी, खेलत मंगल•••••।।

लाल भई बृखभानुकुमारी,
मलत कपोल में रोरी, खेलत मंगल•••••।।

बल्लभ मिलि हूरदंग मचावत,
अबीर उड़ावत खोरी, खेलत मंगल•••••।।
अमरेन्द्र कुमार सिंह
आरा भोजपुर बिहार


जोगीरा सारा रारा होली भोजपुरी

जोगीरा सारा रा रा रा।।
गाँव गाँव में होली आइल, गली गली में फाग।
ढ़ोल झाल मृदंग पीटाता, जाग जोगीरा जाग।।
जोगीरा सारा रा रा रा।।

फगुआ आइल मन बउराइल, बुढ़वा फाने बाड़।
ऊँच्च नीच के भान भइल ना, टूटल उनुकर डाँड़।।
जोगीरा सारा रा रा रा रा।।

समधी गइलनि होली खेले, समधनजी के साथ।
बात करे में कुरता फाटल, हाथ धरे में माथ।।
जोगीरा सारा रा रा रा।।

पहुना गइलन अबकी होली, साली के ससुसार।
साढ़ू के बेवहार देखि के बनि गइलनि सियार।।
जोगीरा सारा रा रा रा।।

भइया गइलन फगुआ खेले, सरहजजी के पास।
छत ऊपर से भउजी देखली लागल उनुकर क्लास।।
जोगीरा सारा रा रा रा ।।
अमरेन्द्र
आरा


होली पर जोगीरा छंद

विषय - होली
पानी भरकर फुग्गे मारे, बच्चे करे धमाल।
फाग रंग में लिपटे सारे, मुख सबके हैं लाल।।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।

पिचकारी बंदूक चलावे, मलते रंग गुलाल।
बचने का मत ढूँढ़ ठिकाना, चले नहीं कुछ चाल।।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।

घेर सभी भाभी को रंगे, देखो हुआ कमाल।
डरकर दूर खड़े हैं भैया, नहीं बने अब ढाल।।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।

झूम-झूम कर पप्पू नाचे, डालो रंग अबीर।
सिर से पाँव तलक है गीला, पूरा आज शरीर।।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।

ढोल बजा कर नाचे सारे, गाते मीठे गीत।
कोई भी पहचान न पाए, कहाँ खड़ा है मीत।।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।

प्रेम रंग में डूबे सारे, आयी देख बहार।
उड़ा रंग जो आज धरा से, भरे दिलों में प्यार।।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।

नीला पीला रंग रँगीला, चमन खिलें हैं फूल।
ये गुलाल जो महके आखिर, खता गए सब भूल।।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।

दुश्मन खूनी होली खेले, लड़ते वीर जवान।
सरहद की जो रक्षा करते, उनको मिलता मान।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।

जले होलिका संग बुराई, सत्य सदा हो जीत।
दूर करें मतभेद तभी तो, बढ़े दिलों में प्रीत।।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।

फागुन के महिने में आये, होली का त्योहार।
भाँग मिली ठंडाई पीते, जमकर राजकुमार।।
जोगीरा .. सारा रारा रा ....जोगीरा सारा रारा रा।।
राजकुमार छापड़िया

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जोगीरा


【१】
जो खुद की करे बढ़ाई, समझो भण्टाधार।
कविराज की कविताई, सात समुन्दर पार।।
जोगीरा सा रा रा रा! जोगीरा सा रा रा!! 
【२】
बुरा न मानो होली है, खुशियों का आधार।
तान तमंचे की भी बजती, रंगों का त्योहार।।
जोगीरा सा रा रा रा! जोगीरा सा रा रा रा!!
【३】
कविता की यह बोली है, कवि का यही विचार।
बबिता की यह खोली में, पवि हुआ लाचार।।
जोगीरा सा रा रा रा! जोगीरा सा रा रा रा!!
 【४】 
महिला की कृपादृष्टि से ही, मिले बेड टी आज।
उनकी ही कृपा से भैया, सिर पर सुख के ताज।।
जोगीरा सा रा रा रा! जोगीरा सा रा रा रा!!
【५】
चारो घाम इसी के चरणों, तनिक लगा दो रंग।
होली में अबीर के संग तुम, आज चढ़ा लो भंग।।
जोगीरा सा रा रा रा! जोगीरा सा रा रा रा!!
【६】
मोदी व्याध्रासन में बैठकर, खोले निति के रंग।
एक एक कर सब नियम बनाए, कैसा उनका ढ़ंग।।
जोगीरा सा रा रा रा! जोगीरा सा रा रा रा!!
【७】
सोनिया सर्किट में झाड़ू लगा, हिंदुवाद को लाय।
तीन तलाक भी बंद कराकर, सबका प्यार पाय।।
जोगीरा सा रा रा रा! जोगीरा सा रा रा रा!!
【८】
निर्मल शीर्षासन में व्यस्त, हिन्दुत्व की लुकार लगाय।
भार्या फूँक फूँक कर चुल्हा, बहु व्यंजन आज पकाय।।
जोगीरा सा रा रा रा! जोगीरा सा रा रा रा!!
निर्मल__
 
डाॅ. कवि कुमार निर्मल बेतिया, बिहार (हिन्दुस्तान)
अध्यक्ष- सनातन धर्म परिषद
पश्चिम चंपारण (बिहार)


एक होली गीत

--------------
हमऽ पहिरब ना एकहू पुरान,ऐ
सईयाँ फागुन के महिनवा
हम पहिरब ना एकहू .....२
चाहे होई कतनो रुपिया जिआन, ऐ
सईयाँ फागुन के महिनवा
हम पहिरब ना एकहू..... २
हम पहिरब ना एकहू पुरान, ऐ सईयाँ फागुन के महिनवा
होरी हो, होरी हो, होरी हो,हो
हम पहिरब ना एकहू.... ३

भयीले विआह तबसे पहिरली फेट फेट के
पईसा बचवली केतना मोबाईल वाला नेट के
कईली नाही कबहूँ गुमान हो
आहो कईली नाही कबहूँ गुमान।
ऐ सईयाँ फागुन के महीनवा, हम पहिरब नाही एकहू पुरान ऐ सईयां फागुन के महीनवा..
हम पहिरब नाही एकहू.....
होरी हो, होरी हो, होरी हा हा
हम पहिरब ना एकहू ......३
जा ना खूँटातोड़ जी दस बीस नया सड़िया खरीद के लावऽ
आपन राखल जमा पूँजी तनिका बैंकवा से खलिआऽ
ना तऽ खियाई देहब होली रोज फीका पकवान हो,
ना तऽ खियाई देहब होली रोज फीका पकवान।
ऐ सईयां फागुन के महीनवा,
हम पहिरब ना एकहू पुरान ऐ, सईयाँ फागुन के महिनवा
ऐ, सईयाँ फागुन .........२


गीतकार :कवि खूँटातोड़ जी व्यास, होली सम्राट,मानस मंडल अध्यक्ष -कल्याण (पूर्व)/मुंबई९८९२० ४४५९३


एक होली फाग गीत (हास्य)

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अबही ले पड़ताटे खूबे ठंडा,
होलिया में रंग कईसे डारब हो
ऐ फतिंगना के चाचा तोहरो कुरूतवा कईसे फारब हो
ऐ फतिंगना के..... २


जानेलऽ कि केतना हम हो ली खेलिले झकझोर के
कवनो मरऊऽत ना करिला केहूके निहोरा करजोर के
जमल बा मईली गरदन पर जवन बढिया से ओके झारब हो
ऐ फतिंगना के चाचा.... २

गोबर माटी त फेंकल शुरू कर दिहिला बसंत पंचमी के बाद से 
मौका मिलला पर पोतबो करिला खरी आ करूआ तेल के गाद से
भुन भुन तनिको भुनभुनईब त तीन पुसुत के तारब हो
ऐ फतिंगना के चाचा.... २

हमरे होलीं के हुड़दंग देख के आवेलन ना, पंजरा कबहूँ खूँटातोड़ हो
एके बेरा त छपलें रहीं उनका के दौड़ा दौड़ा के खेतानी ले करके बरजोर हो
फेरू कबो सामने दिख जयीहें त केहूनी केहूनीये सें चांड़ब हो
ऐ फतिंगना के चाचा ...२

अबहीलें खूब पड़ताटे ठंडा, होलिया में रंग कईसे डारब हो
ऐ फतिंगना के चाचा तोहरो कुरूतवा कयीसे फारब हो..
ऐ फतिंगना के चाचा.... २

गीतकार -कवि खूँटातोड़


भोजपुरी होली गीत : फागुन में हो फागुन में हो फागुन में

फागुन में हो फागुन में हो फागुन में,
अबकी छोड़ब ना भऊजी फागुन में
अबकी छोड़ब ना..... २

बड़ा दिन से लालसा बा घूमी तोहरा संग हो
ललका पियरका मिला दरकच के लगायी तोहके रंग हो
कहबू त सुसुम पानी में रंगवा हम घोरब! ऐही फागुन में...
अबकी छोड़ब!! ना भऊजो ऐही फागुन में
अबकी छोड़ब ना.....२

आयील बारू जब से हमरा घरे खूब करेलू तेला बेला
भैया के फूलगोभी परोसेलू
आ हमरा के करेला
चाहे तूहु केतनो सता ल,
तोहसे मुँहवा नाही फेरब!
ऐही फागुन में
अबकी छोड़ब !! ना हो भऊजी फागुन मे
अबकी छोड़ब.....२

खूबे पोत पोत के रंग लगाऊब, तोहरा सेव जयीसन गाल पर।
चाहे केहु कुछूओ कहे कहत रहो, ना फिकिर करब भैया के ख्याल पर।।
सीधे तरीका से मानी जयीह, ना खूँटातोड़ दसो नोह जोरब!
ऐही फागुन में..
अबकी छोड़ब ना भऊजो फागुन में..
अबकी छोड़ब ना...
फागुन में हो, फागुन में हो फागुन में
अबकी छोड़ब ना...
अबकी छोड़ब ना...
गीतकार : आर बी सिंह खूँटातोड़, कल्याण /मुंबई


भोजपुरी फागुन होली शायरी होली गीत लिरिक्स

सजना बसेलन अति दूर हो कि अबकी फगुनवा में ना अयीहन सजना
ना अयीहन सजना कि ना अयीहन सजना
सजना बसेलन अति.... २

लाॅकडाऊन के कारण उनकर काम बाटे मंदा
चऊपट बा बिजनेस उनकर उनकर बंद बाटे धंधा
बाड़न ऊहो बड़ा मजबूर! हो कि ना अयीहन सजना..
सजना बसेलन बड़ी दूर! हो 
कि ना अयीहन सजना... २

बार बार समझावत रहली, जनी जा बहरवा
जातही उनका पीड़ित हो गयील सऊँसे शहरवा
टूटी गयील उनकर सब मान गरूर! हो कि ना अयीहन सजना...
सजना बसेलन बड़ा दूर!! हो कि ना अयीहन सजना.. २

देहिया सनसनावे मुअना इ फागुन के बयरिया
कसहूँ उनके घरे बुला द
ऐ गौरा पार्वती मयरिया
भोलेनाथ के चढाईब भांग धतूर! हो कि ना अयीहन सजना....
सजना बसेलन बड़ी दूर!! हो
कि ना अयीहन सजना....२

खूँटातोड़ बाबा तनिका मारीं ना उनका के मिस्डकाॅल हो
अंगना दुअरा शोभत नयीखे काटताटे बेडरुम किचेन हाॅल हो
अबऽ गांवही रह के सीखस खेती करके सहूर ! हो कि ना अयीहन सजना..
सजना बसेलन अति दूर!! हो कि ना अयीहन सजना ..
सजना बसेलन अति दूर! हो कि अबकी फगुनवा में ना अयीहन सजना....
सजना बसेलन.... २

गीतकार :कवि खूँटातोड़


खूँटातोड़ रचित एक और होली बेलवरिया गीत

कुछ माह अऊरी धर लो धीरज सखी
कुछ माह अऊरी धर लो धीरज ...
कुछ माह...... २
सजना तोहार अईहें अऊरी तीन चार महिने बादे
फिरू दूर हो जाई तोहरो गिला शिकवा तथा वादे
अयीहें उ बंगलूरू से भाया हुबली मीरज ! सखी
कुछ माह अऊरी धर लो धीरज!!
कुछ माह अऊरी...... २

लईहें उ नया नया कपड़ा अऊरी महंगा खिलौना
सजाई ल सेजरिया अऊरी तोसक तकिया बिछौना
फूलवा बिछाई ल ओहपर जूही चमेली व नीरज! सखी
कुछ माह अऊरी धर ल धीरज
कुछ माह अऊरी......२

बाबा खूँटातोड़ के सत्य होला कहल बतिया
बितल अब दिन तोहार सूत जिन फेरत फेरत करवटिया
देखऽ होली में मदमस्त बा मथुरा, गोकुल व बीरज ! सखी,
कुछ दिन अऊरी धर ल धीरज!!
हो कुछ दिना अऊरी धर ल धीरज!! सखी
कुछ दिना अऊरी धर ल धीरज... ३

गीतकार :कवि खूँटातोड़
छपरा/बिहार
सं-क्र:९८९२० ४४५९३


खूँटातोड़ का एक श्रृगांरिक होली गीत

उठऽ भयीलें भिनुसार, भोरहीं से बोलेले चुहचुहिया
उठऽ भयीले भिनुसार भोरहीं से बोलेलें चुहचुहिया

उठऽ भयीले भिनुसार उठऽ भयीलें भिनुसार,
भोरहीं से बोलेले..... २
उठऽ भयीले......३

चेहरा पर छिटाईल आपऽन केसिया सवांरऽ
हाथवा में झाड़ू लेई अंगना दुअरा बहारऽ
जागऽ गयील बा सारा संसार हो
आरे जाग गयील बा सारा संसार!
उठऽ भयीलें भिनुसार!!
भोरहीं से बोलेलें चुहचुहिया,
उठऽ भयीलें..... २

जल्दी नहाई तनिका देवता पितर के गोहराईलऽ
हो सके त ऐ धनिया धूपऽ अगरबत्तिया दिखाईलऽ
बयीठी जा मंदिर में आसनमार हो!
आरे बयीठी जा मंदिर में आसनमार!
उठऽ भयीलें भिनुसार!!
भोरहीं से बोलेले चुहचुहिया,
उठऽ भयीलें......२

होतऽ दुपहरिया तनिका बनाई द चोखा चटनी दाल भात हो
बिना भोजन कयीलें हमसे तनिको होई ना खुराफात हो
होतऽ संझा कर लिहऽ ना सिंगार हो!
आरे होतऽ संझा कर लिहऽ ना सिंगार!
उठऽ भयीलें भिनुसार!!
भोरहीं से बोलेले चुहचुहिया,
उठऽ भयीलें..... २

जानेंलू कि अखिंयन में जब जब डालेलू कजरा
तबे तबे खूँटातोड़ जी जायेलन तोहरो पंजरा
जेहमें जुलुमी मचावे तिरछी धार हो!
आरे, जेहमें जुलुमी मचावे तिरछी धार!
उठऽ भयीलें भिनुसार!!
भोरहीं से बोलेलें चुहचुहिया,
उठऽ भयीलें भिनुसार!!
भोरहीं से बोलेलें चुहचुहिया,
उठऽ भयीलें.....२
उठऽ भयीलें.....३

गीतकार :कवि खूँटातोड़
होली सम्राट,मुंबई/कल्याण
मो- क्र : 98920 44593

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जोगिरा सा रा रा,जोगिरा सा रा रा

जोगिरा सा रा रा,जोगिरा सा रा रा, जोगिरा सा रा रा, रा रा..वाह भाई वाह! वाह खेलाङी वाह.. रा रा..जोगिरा सा रा रा.... ३
कहवां से ढोलक मंगईब आ कहां से हरमुनिया रे भाई कहवाँ से हरमुनिया।
वाह भाई वाह,वाह खेलाङी वाह....३ जोगिरा सा रा रा.. 
जोगिरा सा रा रा.. रा रा... २
आ कहवां से दुल्हा मंगईबऽ,
आ कहां से बबुनिया।। बोलऽ रे भाई हई ,रे हई रे,, बोलऽ भाई होली है, बोलऽरे भाई होली है..... २

आरे छपरा से ढोलक मंगयीबऽ ,कैमूरऽ से हरमुनिया रे भाई कैमूर से हरमुनिया...जोगिरा सा रा
रा,जोगिरा ....२
आ चतरा से हम दुल्हा मंगयीबऽ ,रमकोला से दुल्हनिया! जोगिरा सा रा रा..
जोगिरा सा रा रा...३
वाह भाई वाह,वाह खेलाङी वाह ..२,होली है भाई होली है..२

सदा आनंद रहे यही द्वारे मोहन खेले होरी हो
एक ओर खेले कुँअर कन्हैया
दूजे ओर गोपियां छोरी हो
श्री रघुनाथ वृन्दावन आके जब चाहे तब खेले होली हो
बोले द्वारिकानाथ लाला सह श्री राम चंद्र जी की जय ...२
गीतकार :कवि खूँटातोड़
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