होली के भजन लिरिक्स Holi Song Lyrics Hindi होली भक्ति गीत
भक्ति गीत: चोरी चोरी होरी कैलाश पर
“ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय।“
“आप सभी माननीय मित्रों और साथियों एवं प्यारे बच्चों को रंगोत्सव होली की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।"
चोरी चोरी महादेव खेले होरी कैलाश पर,
हो हो कैलाश पर, हो हो शिव कैलाश पर।
डम डम डम डम डमरू बाजे, बसहा नाचे,
चोरी चोरी महादेव खेले होरी कैलाश पर।
हो हो कैलाश पर……..
मन ही मन मुस्काए प्यारी पार्वती माता,
भंग से उमंग भरे वहां पर जो भी आता।
नारायण! नारायण! देवऋषि नारद पधारे,
चोरी चोरी महादेव खेले होरी कैलाश पर,
हो हो कैलाश पर…………
मस्ती में चूर दिखे सारे शिव के साथी,
पीछे पीछे नाचे गाए देवलोकी बाराती।
सिर से पैर तक भोलेनाथ भस्म रमाए,
चोरी चोरी महादेव खेले होरी कैलाश पर।
हो हो कैलाश पर………..
मौसम मस्ताना लेकर अबकी आई होली,
मिश्री समान मीठी लागे जग की बोली।
रंग बरसे आज शिव शंकर के त्रिशूल से,
चोरी चोरी महादेव खेले होरी कैलाश पर।
हो हो कैलाश पर………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
शिव गुरु के भजन होली वाला | भक्ति गीत : शिव दरबार में रंग गुलाल
भक्ति गीत : शिव दरबार में रंग गुलाल
“ॐ नमः शिवाय”
“होली का मौसम है, दिन सोमवार है,
रंग खेलने को तैयार शिव दरबार है।“
उड़े रंग गुलाल शिव दरबार में,
चले पिचकारी शिव परिवार में।
भस्म लगाना भूल गए महादेव,
खो गए जैसे होली की बहार में।
उड़े रंग गुलाल………
झूमझूम नाच रहे नंदी महाराज,
भूत प्रेत के अपने अपने अंदाज।
कोई किसी में भेद नहीं है आज,
सारे मग्न हैं होली के त्योहार में।
उड़े रंग गुलाल……..
समझ नहीं पा रही पार्वती माता,
शिव सत्य और शिव सबके दाता।
ऐसी होली नहीं मनाता है कोई भी,
आदिकाल से इस सुंदर संसार में।
उड़े रंग गुलाल…………
कम नहीं किसी से गणेश भगवान,
कार्तिकेय जी की है अलग पहचान।
डमरू की धुन पर थिरक रहे सारे,
प्रेम छलक रहा सबके व्यवहार में।
उड़े रंग गुलाल……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
महादेव जी की होली भजन | भक्ति गीत : महादेव की होली
भक्ति गीत : महादेव की होली
“ॐ नमः शिवाय”
भूलना नहीं आप एक विनती, हे भोलेनाथ,
कैलाश को छोड़कर होली मनाने आ जाना!
फागुन महीना है, बह रही है बसंती बयार,
हम भक्तों के साथ, रंग उड़ाने आ जाना!
भूलना नहीं आप एक……….
बागों में झूले लगे हैं, कूक रही कोयलिया,
पता नहीं किस ओर बज रही है पायलिया!
माता पार्वती को भी साथ लाना जरूरी है,
अपने सेवकों पर आशीष लुटाने आ जाना!
भूलना नहीं आप एक………
कहीं मोर का नाच, कहीं पापीहे की तान,
चम्पा चमेली कर रही है सबका सम्मान।
मस्ती में जब खोई हुई लगती है दुनिया,
ऊपर से भोलेनाथ डमरू बजाने आ जाना!
भूलना नहीं आप एक…………
तीनों लोक के स्वामी तुम हो कैलाशपति,
देना हम भक्तों को तुम फिर से सुमति!
हमारे हाथ में रंगों से भरी पिचकारियां हैं,
भस्म लगे तन को रंग डलवाने आ जाना!
भूलना नहीं आप एक……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर मधुबनी बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
होली पर गणेश जी के भजन | भक्ति गीत : श्री गणेश जी की होली
भक्ति गीत : श्री गणेश जी की होली
“ॐ श्री गणेशाय नमः”
फागुन का महीना है, बसंती बयार है,
गजानन जी, होली मनाने आ जाना!
मेवा, मिश्री, मोदक से भरी है थाली,
गौरीसुत तुम भोग लगाने आ जाना!
फागुन का महीना है………….
देखते ही बन रही है बागों की शोभा,
रंग बिरंगे फूल देखने को आना देवा!
अमराइयों में कूक रही है कोयलिया,
मोर के माथे मुकुट सजाने आ जाना!
फागुन का महीना है………..
पागल पपिहा अपने आंसू पी रहा है,
तेरे दर्शन की आशा में जी रहा है।
तेरी महिमा से चलती है ये दुनिया,
होली में रंग गुलाल उड़ाने आ जाना।
फागुन का महीना है………..
सोने जैसे लग रहे हैं आम के मंजर,
एक बार आकर देखो बाग के अंदर।
फूल हंस रहे, कलियां शरमा रही हैं,
जग का जीवन महकाने आ जाना।
फागुन का महीना है……….
तेरे भक्त तुमको डालेंगे रंग गुलाल,
स्वर्ग लौटने का नहीं आएगा ख्याल।
मीठा मीठा मालपुआ खाना यहां तुम,
भक्त मन ज्योति जगाने आ जाना!
फागुन का महीना है………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
गणेश जी की होली भक्ति गीत
गजानन महाराज स्वागत
(होली भक्ति गीत)
“श्री गणेशाय नमः”
सबके हृदय पर तुम करने वाले राज,
स्वागत तेरा है, हे गजानन महाराज!
फागुन महीना, बसंती बयार बह रहा
होली मनाओ चखो पुआ का स्वाद।
सबके हृदय पर……….
रंग और गुलाल खेलो हमारे साथ,
कर दो अपनी महिमा की बरसात।
निराश नहीं करना हम भक्तों को,
इंतजार में है सारा मानव समाज।
सबके हृदय पर………
तेरी कृपा से जग से कोरोना भागा है,
हम भक्तों पर तेरा आशीष जागा है।
भूल चूक सारे माफ कर दो विनायक,
बचा लो आज तुम फागुन की लाज!
सबके हृदय पर………..
हम सेवक कर रहे होली की तैयारी,
तेरे लिए खरीदी एक सुंदर पिचकारी।
भूलना नहीं तुम निमंत्रण भक्तों का,
तेरे सिर सजा प्रथम पूज्य का ताज।
सबके हृदय पर…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
Radha Krishna Holi Bhajan Lyrics in Hindi
भक्ति गीत : कहां खो गए गोपाल
“ॐ श्री वासुदेवाय नमः”
हाय राम, तुम कहां खो गए गोपाल?
कुछ तो बोलो, दुनिया के दीनदयाल!
आज क्यों चुप है गिरिधर, वंशी तेरी?
बोलो मुरलीधर, वृंदावन बिहारी लाल!
हाय राम, तुम…………..
मंदिर मंदिर तुम्हीं को खोज रही है मीरा,
उसकी बोली से जैसे छलक रही है पीड़ा।
नहीं बनी राधा कभी तेरी राहों की बाधा,
लेकिन पूछ रहे सवाल, सारे ग्वाल बाल।
हाय राम……………
छेड़ो तान, उठाओ और बजाओ बांसुरिया,
कब तक सोचते रहोगे, राधा के सांवरिया?
राह निहार रही तुम्हारी, गोकुल की गैया,
ललाट तेरे तिलक, सिर पर घुंघराले बाल।
हाय राम…………..
बीतता जा रहा है मस्त मौसम बसंत का,
क्या सोच रहे हो रंगीन होली के अंत का?
नहीं भूल सकता तुमको कदम की छैयां,
ब्रज में एकबार फिर उड़ाओ रंग गुलाल।
हाय राम………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
श्याम भजन होली गीत लिरिक्स : श्याम खेले होली मधुवन में
श्याम खेले होली मधुवन में (गीत)
(होली भक्ति गीत)
“श्री वासुदेवाय नमः”
मधुवन में, श्याम खेले होली मधुवन में,
वृंदावन में, कृष्णा खेले होली वृंदावन में।
मधुवन में हो हो मधुवन में… ……
गोपीयन से बोले, प्यासे नटखट कन्हैया,
नाचो मेरे संग मिलकर सब तता थैया।
बोली राधा रानी, मैं तो मर गई रे मैया,
बोली गोपीयन सब, हाय दैया रे दईया,
आई रे रंगों की बरखा बहार, जीवन में,
वृंदावन में, कृष्णा खेले होली वृंदावन में।
मधुवन में, श्याम खेले…………….
मुस्काए वंशी बजाए, श्याम वंशी बजैया,
पीछे पीछे ग्वाल बाल, आगे आगे गैया।
महके चमन वन, छुए तन पवन पूर्वैया,
छोड़े न कान्हा, राधारानी छुड़ाए कलैया।
फागुन में, नंदलाल खेले होली फागुन में,
वृंदावन में, कृष्णा खेले होली वृंदावन में।
मधुवन में, श्याम खेले…………..
कहां खोए कन्हैया, खोजे यशोदा मैया,
रंगा मधुवन बना है, जैसे भूल भुलैया।
मधुवन रास रचाए, देखत रास रचैया,
सताए मुरली बजाए रे, मुरली बजैया।
तन मन में, अगन लगाए तन मन में,
वृंदावन में, कृष्णा खेले होली वृंदावन में।
मधुवन में, श्याम खेले…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
श्याम भजन होली गीत : चोरी चोरी श्याम ने
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को रंगोत्सव होली की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।"
चोरी चोरी श्याम ने रंग दिया डाल,
ऊपर से नीचे तक कर दिया लाल।
चोरी पकड़ी तो उसने की बलजोरी,
मार मार पिचकारी किया बुरा हाल।
चोरी चोरी श्याम ने………
श्याम सलोना है बड़ा रंग रसिया,
कभी छेड़े, कभी बजाए वो वंशिया।
चुनरी, चोली की उतर गई मस्ती,
गुलाल से खिल उठे मेरे गोरे गाल।
चोरी चोरी श्याम ने………
बड़ी मुश्किल है उसको समझाना,
ढूंढ लेता श्याम कोई नया बहाना।
पकड़ लेता है जब कोमल कलाई,
बेकार कर देता, कंगन की चाल।
चोरी चोरी श्याम ने……..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
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भक्ति गीत : मोहन खेले होरी यमुना तट : होली पर भजन
“ॐ श्री वासुदेवाय नमः”
“आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को पारंपरिक रंगोत्सव होली की अग्रिम शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।“
मोहन खेले होरी यमुना तट,
यमुना तट हो हो यमुना तट।
घनश्याम खेले होरी यमुना तट,
यमुना तट हो हो यमुना तट।
कन्हैया खेले होरी यमुना तट,
यमुना तट हो हो यमुना तट।
यमुना तट…………
भर भर कान्हा मारे पिचकारी,
क्या करे अब वहां राधा प्यारी?
नटखट कन्हैया अकेली नारी,
देख देख झूमे रे दुनिया सारी।
बोली राधा गोविंद गोपाल से,
बहुत हो गया अब तू दूर हट।
यमुना तट………..
मन ही मन मुस्काए राधा रानी,
पायल छमकाए री प्रेम दिवानी।
ऐसे बरसे रंग, जैसे बरसे पानी,
चहु और दिखे री रुत मस्तानी।
जैसे ध्यान बंटा मुरलीधर का,
भागने लगी राधा रानी झटपट।
यमुना तट………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
होली पर माता रानी के भजन
भक्ति गीत: माता रानी आना होली में
“या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः”
माता रानी, आ रहा है होली का त्योहार,
अभी से विनती हमारी कर लो स्वीकार!
तेरे श्रीचरणों में गुलाल चढ़ाने का मन है,
दर्शन दे देना अपने भक्तों को इस बार।
माता रानी………..
अपने कंधों पर उठाकर तेरी प्यारी डोली,
हम भक्त मानना चाहते इस साल होली।
कृपा अपनी बनाए रखना, भूलना न आना,
तेरे ही बच्चे हम सभी, तेरा ही है संसार।
माता रानी……….
तुम कहलाती हो सारी दुनिया की माता,
सबसे पुराना है भक्तों का तुमसे नाता।
धरती की उदास तस्वीर में रंग भर दो,
कभी नहीं भूलेंगे मैया, तेरा यह उपकार।
माता रानी………..
माता चुनचुनकर होली के गीत सुनाऊंगा,
तुमको पांचों पकवान का प्रसाद चढ़ाऊंगा।
तेरी महिमा लाती है हरियाली, खुशहाली,
पहले से रहेगा तैयार, कलियों का हार।
माता रानी………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
शनिदेव की होली | शनि महाराज की होली
भक्ति गीत : शनि महाराज की होली
“दिवस आज का, शुभ बसंती शनिवार है,
भक्तों हेतु खुला शनि देव का दरबार है।“
शनि महाराज, तुम होना मत नाराज,
भक्तों के संग होली मनाने आ जाना!
रंग डालूंगा और तुमको तेल चढ़ाऊंगा,
मीठे मीठे मालपुआ भोग लगा जाना!
शनि महाराज……….
बसंत ऋतु का मौसम, खिले हैं फूल,
आना और माफ करना हमारी भूल।
कृपा अपनी बनाए रखना सदा सदा,
एक दरश अपनी तुम दिखला जाना!
शनि महाराज………….
बुरा न मानो घर घर में होती होली है,
आंगन आंगन में सजती जो रंगोली है।
हृदय पूर्वक आपका स्वागत होगा देव,
जगह जगह, झंडा अपना लहरा जाना!
शनि महाराज………….
होली मनाकर तुम चले जाना शिंगनापुर,
छोड़ जाना हमारे लिए कृपा तुम भरपूर!
दे जाना आशीर्वाद अपने सारे सेवक को,
अपनी अराधना का, अलख जगा जाना!
शनि महाराज…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भक्ति गीत : शनि महाराज खेले होली
ॐ शं शनैश्चराय नमः
शनि महाराज खेले होली शिंगनापुर में,
शिंगनापुर में, हो हो शिंगनापुर में।
शिंगनापुर में,
शनि महाराज खेले होली शिंगनापुर में।
शनि दरबार में गुलाबी रंग चले पिचकारी,
हवा में गुलाल उड़े, नाचे गए सारे दरबारी।
शनि महाराज खेले……….
झीर झीर बहे हो रामा वहां, बयार बसंती,
रस टपकाए ऊपर से अंगूर लता रसवन्ती।
शनि महाराज खेले…………
शनि महाराज के दरबार लगा होली मेला,
गुरु गुड़ हो गया है आज और चीनी चेला।
शनि महाराज खेले …………
सुहाना मस्ताना गुलाबी सा मौसम आया,
रंग अबीर का जैसे ऊपर से बादल छाया।
शनि महाराज खेले………….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
हनुमान जी की होली गीत : होरी खेले हनुमान
भक्ति गीत : होली में हनुमान जी
“जय जय श्री राम”
“होली में मिथिला धाम बरसे रंग गुलाल,
सीताजी का मायका रामजी की ससुराल।“
केसरी नंदन बजरंगबली हनुमान जी,
मिथिला में होली मनाने आ जाना!
प्रभु श्री राम जी की ससुराल है ये,
अपना एक दरस दिखाने आ जाना!
केसरी नंदन…………….
बड़ी प्यारी लगती है गदा तुम्हारी,
सीता मैया के मायका की है बारी।
रंग गुलाल संग तेरा स्वागत होगा,
बजरंगी मालपुआ खाने आ जाना!
केसरी नंदन………….
निहार लेना अच्छे से मिथिला धाम,
मिथिलावासी करते हैं तुमको प्रणाम।
कमला बलान में नहाना मनोहारी है,
सिया रामजी का भजन सुना जाना!
केसरी नंदन…………..
फूल और फलों से भरे हैं बाग बगीचे,
लोग करते यहां अतिथि के आगे पीछे।
पहना देंगे तुमको यहां पर धोती कुर्ता,
संग मधुर यादें मिथिला की ले जाना!
केसरी नंदन………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
होली पर भक्ति गीत : हनुमान खेले होरी लंका में
“जय जय श्री राम, जय जय श्री राम”
“आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को पारंपरिक रंगोत्सव होली की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।
हनुमान खेले होरी लंका में,
लंका में, हो हो लंका में!
सीता मैया का पता लगाया,
घूम घूमकर लंका जलाया।
अशोक वन को बिखराया,
विभीषण को मित्र बनाया।
हनुमान खेले होरी लंका में,
लंका में, हो………..
राम भक्तों को भी बचाया,
भारी सभा में रूप दिखाया।
श्री राम का संदेश पहुंचाया,
क्षमा याचना का पथ सुझाया।
रावण को बहुत समझाया,
उपेक्षा का परिणाम बताया।
हनुमान खेले होरी लंका में,
लंका में, हो………
अपनी पूंछ से आसन बनाया,
आसन पर स्वयं को बिठाया।
नसमझों को जी भर सताया,
शत्रुओं को वहां खूब रुलाया।
राजमहल को खंडहर बनाया,
लंकापति को है नाच नचाया।
हनुमान खेले होरी लंका में,
लंका में, हो………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भक्ति गीत : होली में स्वागत सूर्यदेव
“ॐ श्री भास्कराय नमः”
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को रंगों के महापर्व होली की ढेर सारी अग्रिम शुभकामनाएं एवं बधाईयां।"
होली में आपका हार्दिक स्वागत है सूर्यदेव,
स्वर्ण रथ पर सवार होली मनाने आ जाना!
हम भक्तों की एक विनती है आपसे दादा,
गुलाबी रंग पर, गुलाबी धूप बिखरा जाना!
होली में आपका हार्दिक………..
दो सालों से कोरोना ने डाली इसमें बाधा,
इस बार दादा होली मनाने का है इरादा।
दोपहर में थोड़ा सा आप नरम हो जाना,
गालों पर लगे गुलाल को चमका जाना!
होली पर आपका हार्दिक………….
भक्तों का आपने सदा ही दिया है साथ,
इस बार भी सुन लेना विनती संग बात।
अपनी रेशमी मुलायम सुंदर किरणों से,
तन पर लगे रंगों को खूब महका जाना!
होली पर आपका हार्दिक………..
जबतक आप चमकते रहते हैं गगन में,
होली में एक अजीब खुशी होती मन में।
आप बिन होली कैसी होली, याद रखना,
भक्तन हाथों से रंग, गुलाल लगा जाना!
होली पर आपका हार्दिक…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भक्ति गीत : सौर मंडल में सूर्य की होली
ॐ श्री भास्कर देवाय नमः
सूर्य देव खेले होली, सौर मंडल में,
सौर मंडल में, हो हो सौर मंडल में।
स्वर्ण रथ पर खेले होली, गगन में,
सूर्य देव खेले होली, सौर मंडल में।
सौर मंडल में………….
चम चम चमके हो सूर्य नारायण,
मह मह महके देव सूर्य नारायण।
ऊपर बैठे छाए मुस्काए दीनानाथ,
रंग गुलाल बरसाए जल, थल में।
सौर मंडल में…..……
लाल किरणिया के करे बौछार हो,
सोने के रथ पर होकर सवार हो।
हवा बसंती बुलाए शाम ढल जाए,
रवि को जाना है अपने महल में।
सौर मंडल में………..
हंसे और हंसाए जग दिनकर दानी,
होली और फागुन की कहे कहानी।
नील गगन में लहराए गाए झण्डा,
मौसम को रंगीन करे एक पल में।
सौर मंडल में…………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
भक्ति गीत : होली में मैया भवानी
“या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।”
“आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को पारंपरिक रंगोत्सव होली की ढेर सारी अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।”
होली में बरसाना मां लाल गुलाबी पानी,
हे मैया भवानी, हे माता दुर्गा महारानी!
सारे संसार से पाप अधर्म मिटा देना मां,
होलिका की कहीं बचने पावे न निशानी।
होली में बरसाना मां लाल गुलाबी पानी,
हे मैया भवानी………
तेरी महिमा से हम सभी मनाते हैं होली,
खुशी होती जब कंधों पे होती तेरी डोली।
तेरे चरणों में रंग और गुलाल चढ़ाऊंगा,
अच्छे से लिखना मां भक्तों की कहानी।
होली में बरसाना मां लाल गुलाबी पानी,
हे मैया भवानी……….
होली में लगाना पांच पकवानों का भोग,
दुनिया से भगा देना कोरोना जैसा रोग।
असंभव को भी संभव कर सकती हो मां,
भूल क्षमा करना, तेरी आदत है पुरानी।
होली में बरसाना मां लाल गुलाबी पानी,
हे मैया भवानी…………
जब आता जीवन में, होली सा त्योहार,
रंग गुलाल के साथ बरसता तेरा प्यार।
घृणा का भाव मिटा देना जन जन से,
रंगोत्सव पे करना मां अपनी मेहरबानी।
होली में बरसाना मां लाल गुलाबी पानी,
हे मैया भवानी………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
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