कार्तिक पूर्णिमा पर कविता
कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली,
त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं।
विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जाती,
श्री हरि खुश रहते हैं।
गंगा स्नान कर भक्तगण,
धन और वस्त्र का दान करते हैं।
कार्तिक माह की पूर्णिमा को,
स्नान कर दीपदान करते हैं।
भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा को ही,
त्रिपुरासुर राक्षस को मारा था।
भगवान विष्णु ने प्रथम मत्स्य अवतार लेकर,
धरती का भार उतारा था ।
सिख धर्म गुरु नानक जयंती को,
इस दिन प्रकाश पर्व के रूप में मनाते है ।
गुरुद्वारा में उत्सव मना कर,
नानक वाणी सुन पर्व मनाते हैं।
दिलीप कुमार शर्मा
देवास मध्यप्रदेश।
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