विश्व वृद्ध दिवस पर शायरी | अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर कविता
(अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस)
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर कविता
विश्व वृद्ध दिवस पर कोरोना का साया
विश्व वृद्ध दिवस मनाएं, मन में खयाल आया,
लेकिन मंडरा रहा है जग पर, कोरोना का साया।
इस रोग से, ज्यादा खतरा वृद्धों को ही लगता,
कहीं भी निकलना मुश्किल, अपना हुआ पराया।
मास्क और सैनिटाइजर भी, नाकाफी लगते जैसे,
स्वास्थ्य विभाग ने, कारण ऐसा ही है बतलाया।
विश्व वृद्ध दिवस……
Poem For International Day for Older Persons
डर के साए में जी रहे हैं, घर के बूढ़े वृद्ध सारे,
कोरोना ने उनको फंसाने को, जाल ऐसा फैलाया।
इस दिवस पर, हमारी शुभकामनाएं हैं वृद्धों को,
जिन्होंने अपने खून से, घर का मौसम महकाया।
वृद्ध लोगों के तन में, इम्युनिटी की कमी होती,
कोरोना को मौका मिल जाता है, बैठा बिठाया।
विश्व वृद्ध दिवस……
1 October Ko Kya Manaya Jata Hai
बुजुर्गों का सम्मान पर कविता Buzurg Shayari बुजुर्गों का सम्मान स्लोगन
01 अक्टूबर की खुशी, कोरोना महामारी ने छीनी,
बुजुर्गो के सपनों पर आज, पानी ऐसा है फिराया।
कोरोना कुछ भी कर ले, वृद्ध तो आशीर्वाद होते,
रोग यह हारेगा, जल्दी ही होगा जग से सफाया।
अबतक कोरोना ने वृद्धों को ही, अधिक सताया,
वहीं कोरोना का राज चला, लोगों ने जहां छुपाया।
विश्व वृद्ध दिवस………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
मुक्तक - बुजुर्गो की दुआ
बुजुर्गो की दुआ वरदान अपने साथ लेता चल।
बूढ़े कदमों कापते हाथो बोझ सिर अपने ढोता चल।
बुजुर्ग नहीं भगवान सीर कदमों हाथ सेवा में लगा।
पीछे तेरे बच्चे खुद के लिए राह उनको देता चल।
श्याम कुंवर भारती
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