सादगी शायरी | सरल व्यक्तित्व पर शायरी | सादगी पर सुविचार Sadgi Shayari
सादगीचल रे मन दिखावे की दुनिया छोड़,
आज सादगी से मिल आते हैं। पट
दिखावे में है दुख हजार,
हम शांति घर ढूंढ आते हैं।
सादगी में मानवता छलके,
दिखावे में दंभ दिखता है।
बोले भारी बोल औरों से,
हर पल अकड़ कर चलता है।
सरल स्वभाव पर शायरी
सादा सच्चा मानव सदा ही,जगत के काम आता है।
पराया सुख-दुख अपनाकर,
सहायता को तत्पर रहता है।
बोले मधुर वचन हमेशा,
पर ह्रदय शीतल करता है।
ऊंचा आसन मिले न मिले,
बैठ भूमि प्रसन्नचित रहता है।
मोहिनी सूरत पा करके भी,
जो काम किसी के न आए।
हृदय शबरी सा पा कर देखो,
श्रीराम उन्हीं से मिल आए।
सादगी पर गजल
दिखावे वाला दम्भी मानव,अज्ञानता में सब खोता है।
लुट जाता है सारा जीवन,
फिर आ बुढ़ापे में रोता है।
कभी समय पाकर के बंदे,
कर्मों की गठरी खोल ले।
क्या खरा- बुरा है कमाया,
समय रहते ही तोल ले।
Sadgi Shayari सादगी में ही सुंदरता है शायरी
सादगी शायरी - शांत मन शायरी Sadgi Shayari
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेशRead More और पढ़ें:
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