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दिल हुआ तेरा दीवाना ओ माहिया दीवाना दिल शेरो शायरी Deewana Dil Shayari

देख कर रुख़ ये मस्ताना ओ माहिया।
दिल हुआ तेरा दीवाना ओ माहिया।

दीवाना बना देने वाली शायरी - दीवानों की शायरी

नग़मा
देख कर रुख़ ये मस्ताना ओ माहिया।
दिल हुआ तेरा दीवाना ओ माहिया।

छोड़ कर तुझ को जाऊं न हरगिज़ कहीं।
तेरी सूरत को तकता रहूँ बस यूं ही।

शम्अ़ तू, मैं हूँ ‌ परवाना ओ माहिया।
दिल हुआ तेरा दीवाना ओ माहिया।

तेरी साँसों में खुश्बू गुलाबों सी है।
मस्त आँखों में मस्ती शराबों की है।

तू सरापा है मयखाना ओ माहिया।
दिल हुआ तेरा दीवाना ओ माहिया।

ऐसे नज़रें चुराओ न ऐ माहजबीं।
बन न जाएँ वफ़ा के फ़साने कहीं।

मैं हूँ मयकश तू,पैमाना ओ माहिया।
दिल हुआ तेरा दीवाना ओ माहिया।

देख कर रुख़ ये मस्ताना ओ माहिया।
दिल हुआ तेरा दीवाना ओ माहिया।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ मुरादाबाद

दीवाना दिल शायरी फोटो - Deewana Dil Shayari Image

दीवाना दिल शायरी फोटो - Deewana Dil Shayari Image

न होगी वफ़ा में कमी जानते हैं: दीवाना दिल से वफ़ा शायरी - Deewana Dil Wafa Shayari

ग़ज़ल

न होगी वफ़ा में कमी जानते हैं।
हमारी वो दरिया दिली जानते हैं।

वो चालों में फँसते नहीं हैं किसी की।
निगाहों की जो मुख़बिरी जानते हैं।

बहुत कम हैं रहबर ज़माने में ऐसे।
ह़क़ीक़त में जो रहबरी जानते हैं।

करें बात नफ़रत की वो क्यों बताओ।
मुहब्बत की जो दिल ख़ुशी जानते हैं।

बिगड़ते हैं हर बात पर किस लिए फिर।
वो जब बात कहनी खरी जानते हैं।

न घर है न कोई ठिकाना हमारा।
हमारा पता तो सभी जानते हैं।

उन्हीं पर फ़िदा है ये सारा ज़माना।
जो बातें मुहब्बत भरी जानते हैं।

फ़राज़ उनसे कह दो नज़र डालें ख़ुद पर।
जो आ़दत हमारी बुरी जानते हैं।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ मुरादाबाद उत्तर प्रदेश
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