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Maut Shayari मौत एक सच्चाई है | मौत पर शायरी और कविता

Maut Shayari मौत एक सच्चाई है | मौत पर शायरी और कविता

मौत तो सत्य है सबकों आनी हीं है
फिर क्यों पापों में लिप्त जिंदगानी है
क्या तेरी मेरी सबकी यही कहानी है
यारा चार दिनों की ये जिंदगानी है ॥

तू क्यों फिरता तेरा मेरा करते हुए
क्यों ना डरता तू पापों कॊ करते हुए
माना तेरा गरूर ये जवानी है 
यारा चार दिन की ये जिंदगानी है ॥

ये महल अटारी ये शान ए शौकत
ये रिश्ते नाते ये बीवी बच्चे तेरे
मतलब की दुनियाँ मान ले प्राणी है
यारा चार दिन की ये जिंदगानी है ॥

सद कर्मों में अपना ये जीवन लगा
राष्ट्र भक्ति में अपना ये जीवन लगा
चार दिन की ही "लक्ष्य"ये चाँदनी है
फिर क्यों पापों में लिप्त जिंदगानी है ॥
निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद २१।५।२०२०

जिंदगी और मौत पर शायरी | मौत पर शायरी इमेज

मौत एक सच्चाई | Maut ek sacchai hai | Maut shayari photo

मौत का मंजर शायरी | मौत पर स्टेटस

मौत एक सच्चाई
मौत
एक अकाट्य सत्य हैं
पर लोग इसे मानते नहीं
जिस नश्वर और स्वार्थी संसार के लिए
ना जाने कितने कुकर्म करते हैं
यहाँ झूठ फरेब का जाल फैला हैं
देखने में सब अपने लगते हैं
पर वक्त पर परखीय ये
बेगाने से भी बद्तर नजर आते हैं
स्वार्थी दुनिया मजहबी लोग
बात ऐसे करते हैं मानो तो
उनसे प्रिय आपका कोई नहीं
बातों से मांगो तो
शायद अपनी दिल भी दें दें
पर वक्त पर
जिन्दगी तो बहुत महँगी हैं यारो
आपसे मिलने से भी कतराते हैं
यह जाल फरेब की दुनिया
यहाँ अपना बेगाना दोस्त परिवार
एक हीं मैदान के खिलाड़ी नजर आते हैं

मौत पर शायरी इमेज | मौत शायरी फोटो

सच कहा गया है कि
जो दूसरों पर भरोसा करते हैं समाज में
उनसे बुरा आदमी कोई नहीं
आज के समय में
जो दूसरों को मदद करता हैं
उससे बड़ा मूर्ख कोई नहीं
जो दूसरों के सुख दुःख में हाथ बटाता हैं
उससे बड़ा पागल कोई नहीं
मैने भी बहुत कुछ किया बहुतों की मदद की
आज सोचता हूँ कि मुझ सा
पागल और नादान यहाँ कोई नहीं
पर आज मौत ने जब दस्तक दी
तब आँख खुली सोचा
चलो समय रहते ज्ञान तो हो गया
पर अब यह ज्ञान किस काम का
जो मेरे साथ ही चला गया
परंतु फिर मिलूँगा उसी तरह, पर
आप देख कर भी पह्चान ना पाओगे
साथ रह कर भी जान ना पाओगे
क्योंकि
तब मैँ स्वार्थी हो चुका होऊंगा जबतक आप हँसते रहेंगें मैँ साथ देता रहूँगा
पर जब आप रोयोगे तो मैँ खिलखिला कर हँसुगा
सोचूंगा कि शायद
आपका भी ज्ञान चक्षु खुल जाय
समय की यही माँग हैं
काम निकल जाय साथ छोड़ दों
बात बन जाय लात मार दों
तभी आप
कलयुग के सही मानव साबित होगें
क्योंकि
मौत ही आपका सच्चा मित्र है और दुश्मन भी
आदमी अकेले आया हैं अकेले जायेगा
संसार में सब झमेला और दिखावा है
हो सके तो अजनबी
इसे स्वीकार कर लो
मौत से दोस्ती करो मुकाबला नहीं
जय सिंह अजनवी
छपरा

Maut Ka Manzar Shayari | मौत का मंजर शायरी

मौत का मंज़र
ये कैसी वीरानी आज हर ओर देखो छाई है
आबो हवा मे आज क्यों दहशत समाई है।।
हर तरफ मौत का मंज़र देखो कैसा फैला है
कोरोना की ये दूजी लहर दहशत फैलाई है।।
अपनों को कांधा भी ना अब हम दे पाऐ
कैसी लाचारी हमारी हमें यूं रुलाई है।।
आज हर मोक्ष धाम मे खौफनाक मंजर है
देखो आज प्रकृति भी सितम सभी पर ढ़ाई है।।
हर शहर की गलियों मे आज वीराना फैला है
कोरोना के चलते ही आज रिश्तों मे दूरी आई है।।
आज हम दोष रिश्तों को भी ना सच दे पाऐंगे
अपने अपनों कि रक्षा की जिम्मेदारी सबने उठाई है।।
बतादो मुझको वीना मौत का मंज़र ये कब थमेगा
तेरी सांसे तो हर रोज़ सुन तेरा साथ खूब निभाई है।।
वीना आडवानी "तन्वी"
नागपुर, महाराष्ट्र
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