जिंदगी और मौत पर शायरी-Shayari On Maut And Zindagi
मौत शायरी हिंदी में-Maut Shayari in Hindi
ग़ज़ल
ये करम बेहिसाब है उसका
अश्क कितने मिले, खुशी कितनी
उलटा-सुलटा हिसाब है उसका
Shayari On Maut And Zindagi
मौत तो उसकी ओट लेती है
ज़िन्दगी इक नक़ाब है उसका
ये ख़ुदाई जो देखते हैं हम
कुछ नहीं, एक ख़्वाब है उसका
तन की चादर महीन है इतनी
बस मुरव्वत हिजाब है उसका
साज़ सरगम समाए हैं घट में
दिल की धड़कन रबाब है उसका
कौन समझा है ज़ीस्त को ‘देवी’
ढंग ही लाजवाब है उसका
दिल से दिल तक
देवी नागरानी
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रुठे वो इस क़दर कि मनाया न जाएगा, मौत शायरी
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