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माँ का ऐहसान-माँ की ममता पर शायरी हिंदी | Maa shayari hindi

माँ के लिए शायरी इन हिंदी | Maa Shayari In Hindi

माँ के लिए शायरी इन हिंदी | Maa shayari in hindi

माँ की याद स्टेटस | Maa Par Shayari In Hindi

माँ
उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

ख़ून को दूध अपने बनाती थी वो।
तुझको भूखे शिकम फिर पिलाती थी वो।

उसका ऐहसान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

जागते ही तेरे जाग जाती थी वो।
तुझको घबरा के दिल से लगाती थी वो।

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उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

तुझको तकलीफ़ में जब भी पाती थी वो।
अपनी तकलीफ़ भी भूल जाती थी वो।

उसका ऐहसान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

ऐसे आँचल में तुझको छुपाती थी वो।
रूँठता था तो हँसकर मनाती थी वो।

उसका ऐहसान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

ग़म उठाती थी और मुस्कुराती थी वो।
नाज़ तेरे ही हर दम उठाती थी वो।

उसका ऐहसान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

रंजो ग़म दिल के सब भूल जाती थी वो।
हंस के तुझको गले जब लगाती थी वो।

उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

तेरी ग़लती न हरगिज़ बताती थी वो।
नेक है मेरा बेटा जताती थी वो।

उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

नेक रस्ता हमेशा दिखाती थी वो।
हर बुराई से तुझको बचाती थी वो।

उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

ख़्वाब आँखों में क्या क्या सजाती थी वो।
तुझको आँखों का तारा बताती थी वो।

उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

भूखे रहकर भी तुझको खिलाती थी वो।
शिकवा फिर भी ज़वाँ पर न लाती थी वो।

उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

भूलकर भी न भूखा सुलाती थी वो।
खाना तुझको उठाकर खिलाती थी वो।

उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

तुझको नज़दीक जिस दम न पाती थी वो।
तेरी राहों में आँखें बिछाती थी वो।

उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

मुबतिला ग़म में जब तुझको पाती थी वो।
हाथ अपने दुआ़ को उठाती थी वो।

उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी माँ का दुखाना नहीं।

दिल फ़राज़ ऐसे तेरा लगाती थी वो।
लौरी गा-गा के तुझको सुलाती थी वो।

उसका ऐह़सान ये भूल जाना नहीं।
दिल कभी अपनी का दुखाना नहीं।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसाना मुरादाबाद यू.पी.
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