दोस्त की मुस्कान शायरी-Dosti Shayari Hindi
Mausam Haseen Hai Ye Magar Dil Udas Hai
ऐ दोस्त इसके बाद कहां सुख की आस है
बस्ती के बाद दश्त है, सूरज है, प्यास है
बस्ती के बाद दश्त है, सूरज है, प्यास है
आ ! बैठ जा ! नहीं तो यहां नंगे पांव चल !
आ ऐ सनम ! हरी-भरी गुलशन की घास है
अब शहर शहर कत्ल किए जा रहे हैं हम
दिल जानता है यारों, कि ख़ौफ़ो- हरास है
यूंं दोनों के मिज़ाज मिलेंगे नहीं अभी !
मौसम हसीन है ये मगर दिल उदास है
यूं इश्क़ और मुश्क में यकसां है ख़ासियत
ऐ दोस्त! दिल के ज़ख्मों में फूलों की बात है
मेरे सनम से, यारों ! मेरे दिल को है लगन,
है जब सनम उदास!, मेरा दिल उदास है
उस्ताद किब्ला हजरत-ए-जावेद फ़ैज़ क़ैस
मज़बूत आप ही से ग़ज़ल की असास है
जावेद अशरफ़ फ़ैज़
Javed Ashraf Faiz
खदीजा नर्सिंग होम, रांची, झारखंड
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