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ह़म्दिया-व-नात़िया-व-ग़ज़लिया कलाम - शेरी-तख़्लीक़

ह़म्दिया-व-नात़िया-व-ग़ज़लिया कलाम - शेरी-तख़्लीक़

आपके पहलू में, अब शामो-सह़र हो जाए ! ज़िन्दगी चैन से फिर क्यों न बसर हो जाए !!

काश!,अब मेरी शब-ए-ग़म की सह़र हो जाए !
मुझ पे दावर/ अह़्मद की इनायत की नज़र हो जाए !!

ह़ाल-ए-दिल पर,जो, " मुह़म्मद " की नज़र हो जाए !
वक़्त से पहले, शब-ए-ग़म की सह़र हो जाए !!

" आलम-ए-इश्क़ " ही में " शामो-सह़र " हो जाए !
" ज़िन्दगी ", " दर्द-ए-वफ़ा ", " शौक़-ए-जिगर " हो जाए !!

" आप " के पहलू में, अब " शामो-सह़र " हो जाए !
ज़िन्दगी , चैन से, फिर क्यों ?, न बसर हो जाए !!

" आशिक़ी ", ह़ुस्न-ए-वफ़ा ", " वस्फ़-ए-जिगर " हो जाए !
ज़िन्दगी, आशिकों की, यूँ ही , बसर हो जाए !!

दिल, चमक जाए तिरा/तेरा, अश्क,गुहर हो जाए !!
 " तुझ " पे, " मह़्बूब " की, जो, " ख़ास नज़र " हो जाए !!

" आशिक़ी ", " ह़ुस्न-ए-वफ़ा ", " दर्द-ए- जिगर " हो जाए !
" ज़ीस्त ", हम-आशिक़ो की, यूँ ही, बसर हो जाए !!

" फ़न " चमक जाए तिरा/तेरा,फ़िक्र/शेर, गुहर हो जाए !!
" तुझ " पे, " उस्ताद/जावेद " की,जो, " ख़ास नज़र " हो जाए !!

यारो !, " मन्सूर-ए-ज़माना " जो बशर हो जाए !
" रामो-अल्लाहो-मुह़म्मद " को ख़बर हो जाए !!

काश!,मेह्मान/मेहमान, कभी,वह/ वो,मिरे/मेरे घर हो जाए !!
काश !, मेरी " शब-ए-फ़ुर्क़त " की " सह़र " हो जाए !!

" राह-ए-इस्लाम " पे आ जाएँ जो,वह/वो/वे भी तो ख़ूब !!
काश!, " कुफ़्फ़ार "/ अह़्बाब/ अग़्यार पे " क़ुर्आँ/क़ुरआँ " का असर हो जाए !!

" उल्फ़त-ए-शाह-ए-मदीना " मेँ हो वैसी/ ऐसी " तासीर " !
" दर्द-ए-दिल की मिरे/मेरे ", " उन " को भी ख़बर हो जाए !!

" अह्ल-ए-इस्लाम " को, वो शौक़-ए-शहादत दे-दे !!
" ह़क़्क़ो-बात़िल " का, हर इक मार्का, सर हो जाए !!

काश!,हर एक मुसल्मां,भले आमाल/किरदार से अब !
आगे,त़ाग़ूत के , फिर , सीना-सपर हो जाए !!

ज़िन्दगी,उस की, सँवर जाए,ब-फ़ज़्ल-ए-दावर !
जिस पे अल्लाह की रह़्मत की नज़्र हो जाए !!/

जिस पे मह़्बूब-ए-दो आलम/ सरकार-ए-दो आलम की नज़र हो जाए !!
रश्क,क़िस्मत पे मिरी/मेरी, लोग करेंगे," उस्ताद/जावेद/अशरफ़ " !!
काश!," मक्का/त़ैबा " मेँ, मिरी/मेरी उम्र, बसर हो जाए !!
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नोट:- इस त़वील जदीद-व-मुन्फ़रिद शेरी-तख़ीक़ के बक़िया दीगर अश्आर,इन्शा-अल्लाह-व-ईश्वर,फिर कभी पेश किए जाएँगे !!
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नतीजा-ए-फ़िक्र-व-फ़न :-
शाइर-ए-दीन-ह़क़,यानी, शायर-ए-दीन-व- मज़्हब-ए-इस्लाम,ह़ज़रत-ए-अल्लाम-व-अल्लामा सैयद मुह़म्मद " जावेद अशरफ़ इन्सान प्रेमनगरी ",उस्ताद-व-मुदर्रिस-ए-आला,मद्रसा-ए-फ़ैज़ुर्रशीद,सिसयी,ज़िला गुमला,झारखन्ड,इन्डिया, एशिया,दुनिया,कायनात !!!
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" इस्लाम,ज़िन्दाबाद " !!
" इन्सानियत,ज़िन्दाबाद " !!
" शाइर-ए-इस्लाम-व-इन्सानियत :- ह़ज़रत-ए- जावेद अशरफ़ इन्सान प्रेमनगरी, ज़िन्दाबाद " !!!

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