बालश्रम निषेध दिवस 2025: बाल श्रम के विरुद्ध जागरूकता और समाधान
बालश्रम क्या है?
बालश्रम निषेध दिवस का इतिहास
इस दिवस की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा वर्ष 2002 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में बालश्रम के विरुद्ध वैश्विक चेतना पैदा करना और बाल अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाना है।
हर वर्ष इस दिन की थीम होती है, जैसे:
• 2023 की थीम थी: "Social Justice for All. End Child Labour!" सभी के लिए सामाजिक न्याय। बाल श्रम समाप्त करें!बाल श्रम के प्रमुख कारण
1. गरीबी
गरीबी ही सबसे बड़ा कारण है जिसके चलते माता-पिता अपने बच्चों को काम पर भेजने के लिए मजबूर होते हैं।
2. अशिक्षा
अशिक्षित परिवारों में बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी होती है, जिससे वे बाल श्रम को सामान्य मानते हैं।
3. बेरोजगारी
जब परिवार में वयस्क बेरोजगार होते हैं तो बच्चों को भी काम करने के लिए बाध्य होना पड़ता है।
4. सस्ता श्रम
कई व्यवसायी बच्चों को इसलिए काम पर रखते हैं क्योंकि उन्हें कम वेतन देना होता है और विरोध की संभावना नहीं होती।
5. कानूनों की ढील
बाल श्रम के प्रभाव
1. शिक्षा से वंचित होना
बालश्रम करने वाले बच्चे पढ़ाई से वंचित हो जाते हैं और जीवन में अच्छी नौकरी या अवसर नहीं मिल पाते।
2. स्वास्थ्य पर प्रभाव
कम उम्र में भारी काम करने से उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। कई बार वे गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
3. शोषण और उत्पीड़न
बाल मजदूरों के साथ शोषण, मारपीट, दुर्व्यवहार और यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएँ भी होती हैं।
4. समाज का नैतिक पतन
जब समाज में मासूम बचपन श्रमिक बनता है, तो वह समाज की संवेदनशीलता और नैतिक मूल्यों को भी गिराता है।
भारत में बाल श्रम निषेध के लिए कानून
1. बाल श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986
यह कानून 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के खतरनाक उद्योगों में काम करने पर प्रतिबंध लगाता है।
2. निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act)
6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करता है।
3. किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015
बाल अधिकारों की रक्षा और पुनर्वास के उपायों को निर्धारित करता है।
सरकारी और सामाजिक प्रयास
1. सरकार की योजनाएँ
• सर्व शिक्षा अभियान• राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)
• मिड डे मील योजना – जिससे बच्चों को स्कूल में भोजन मिले और वे पढ़ाई से जुड़े रहें।
2. स्वयंसेवी संस्थाएं (NGOs)
• बचपन बचाओ आंदोलन (कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित)• क्राई (CRY)
• सेव द चिल्ड्रेन – ये संस्थाएं बच्चों के अधिकारों के लिए काम करती हैं।
3. जागरूकता अभियान
मीडिया, विद्यालय, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा बालश्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
बालश्रम रोकने के उपाय
✅ 1. शिक्षा को प्राथमिकता दें
हर बच्चे को मुफ्त, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा उपलब्ध कराना जरूरी है।
✅ 2. गरीब परिवारों की आर्थिक सहायता करें
सरकार को गरीब परिवारों को रोज़गार और सामाजिक सुरक्षा देनी चाहिए ताकि वे बच्चों को काम पर न भेजें।
✅ 3. कानूनों का सख्ती से पालन
बालश्रम करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
✅ 4. समाज में जागरूकता फैलाएं
बालश्रम एक अपराध है—इस सोच को समाज में घर-घर तक पहुँचाना होगा।
✅ 5. सामुदायिक भागीदारी
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