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जो बोलो वो रटता तोता : बाल कविता

जो बोलो वो रटता तोता : बाल कविता


Jo bolo wo ratata tota Bal Kavita

तोता

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जो बोलो वो रटता तोता।
कितना सुन्दर लगता तोता।

लाल है मुखड़ा पंख हरे हैं।
सिर पर काले नैन धरे हैं।
डाली-डाली उड़ता तोता।
कितना सुन्दर लगता तोता। 

कैसा प्यारा रंग है इसका।
सुन्दर हर इक अंग है इसका।
टें-टें-टें-टें करता तोता।
कितना सुन्दर लगता तोता। 

ए.बी.सी.भी कहता है जी।
गिनती भी दोहराता है जी।
सबकी नक़लें करता तोता।
कितना सुन्दर लगता तोता।

आमों का दीवाना है यह।
मिर्ची का परवाना है यह।
अमरूदों पर मरता तोता।
कितना सुन्दर लगता तोता। 

जो बोलो वो रटता तोता।
कितना सुन्दर लगता तोता। 

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ प्रा.वि.
आदोनगली,ब्लॉक-भगत 
पुर-टांडा ,जनपद-मुरादाबाद। 

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