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Bacchon Ki Shrarten Poem on Children's in Hindi

Bacchon Ki Shrarten Poem on Children's in Hindi


विषय : बच्चों की शरारतें
दिनांक : 18 नवंबर, 2024
दिवा : सोमवार

बच्चों की शरारतें

बच्चों की होती बचकानी,
बच्चों की होती शरारतें।
बच्चे जो शरारत हैं करते,
भली होतीं उनकी आदतें।।
तुतली भाषा मधुर वाणी,
बड़ी प्यारी सी लगती है।
ठुमुकु ठुमुक चाल चलना,
भोली भाली ये लगती है।।
छोटी छोटी बचकानी करे,
मंद मंद वह मुस्कुराता है।
मन का विह्वल निश्छल,
जन मन को लुभाता है।।
जन मन को हर्षित करता,
किसी से भय न खाता है।
निज बचपन छुटा कबका,
बच्चे को देख अघाता है।।
बड़ी प्यारी शरारत इनकी,
बड़ा प्यारा ये मुस्कान है।
मात-पिता धन्य धन्य होते,
गदगद होता अरमान है।।
पूर्णतः मौलिक एवं 
अप्रकाशित रचना 
अरुण दिव्यांश 
डुमरी अड्डा 
छपरा ( सारण )
बिहार।

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