अक्षय नवमी : कविता
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष अक्षय नौंवी पर्व,
कथा पौराणिक जब पृथ्वी हुई जलमग्न,
ब्रह्मा जी को हुई वेदना टपकी आंसू बूंद,
धरती पर एक बूंद से ऑंवला वृक्ष उग आया।
ऑंवला वृक्ष और फल है गुणों की खान,
ऑंवला वृक्ष आयुर्वेद का खजाना,
रोगों को दूर करे,स्वास्थ्य का है साथी,
इसकी पत्तियाँ, फल,फूल सौंदर्य के लिए अनमोल।
एक ऑंवला का नित सेवन करते जो प्राणी,
सकल पोषक तत्व पाते काया कांतियुक्त,
चवणऋषि ने ऑंवले से चवनप्राश बनाया,
मधुमेह की अचूक दवा बनी कल्याण कारी।
ऑंवला वृक्ष अमृतफल प्रभु का है वरदान,
अक्षय नवमी के दिन वृक्ष तले करते पूजन,
दान दक्षिणा ,ब्राह्मण मित्रों के साथ सहभोज,
श्री हरि लक्ष्मी की कृपा बनी रहे सुखी संसार।
स्वरचित
डाॅ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार
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