कलयुग कितना बाकी है | Kalyug Aur Kitna Baki Hai
महाभारत ग्रंथ में महर्षि वेदव्यास ने कलयुग के बारे में भविष्यवाणी की थी कि इस कलयुग में मनुष्यों में वर्ण और आश्रम संबंधी प्रवृति नहीं होगी। वेदों का पालन करने वाले संसार में नहीं रह जाएंगे। यहां तक कि विवाह जैसे पवित्र बंधन और संस्कार को भी धर्म नहीं माना जाएगा। इस युग में धर्म का संपूर्ण लोप हो जाएगा और हर जगह बुराइयां बढ़ती जाएंगी।
कलियुग को सृष्टि चक्र के तीनों युगों से सबसे निकृष्ट और निम्न श्रेणी में रखा गया है। इस युग में मनुष्यों की बुद्धि धर्म से विपरीत हो जाएगी।
कलयुग कितना बाकी है
कलयुग के बारे में महर्षि वेदव्यास ने हजारों वर्ष पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी।
पौराणिक ग्रंथों में कलयुग के अंतिम चरण में भगवान श्री विष्णु द्वारा मानव अवतार लेने की भविष्यवाणी की गई है। उनके उस अवतार को कल्कि अवतार भी कहा गया है, जो कि श्वेत अश्व पर सवार होंगे। पुराणों के अनुसार अभी कलियुग को आरंभ हुए कुछ हजार वर्ष ही हुए हैं, जबकि यह युग 432,000 मानव वर्षों का है। आधुनिक काल-गणना के हिसाब से देखा जाए तो कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व से हुआ था, जब पांच ग्रह मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति और शनि मेष राशि पर 0 डिग्री पर हो गए थे।
432,000 में से 5124 वर्ष घटाने पर 4,26,876 वर्ष शेष रह जाते हैं, अर्थात कलयुग का अभी बहुत समय बचा हुआ है। अभी कलयुग का प्रथम चरण ही चल रहा है। हालांकि अभी से जनमानस में कल्कि अवतार की पूजा, आरती और प्रार्थना शुरू हो गई है।
कलयुग में धर्म का लोप हो जाएगा और बुराइयां बढ़ती जाएगी। इस युग में पृथ्वी पर मनुष्यों से श्रेष्ठ और कोई प्राणी नहीं होंगे। देव-दानव, यक्ष, गंधर्व इत्यादि पृथ्वी पर वास नहीं करते, अपितु इंसान ही अपने कर्मों के अनुसार इनके रूप में जीवन जीते हैं, इसलिए जब कोई व्यक्ति अच्छे कर्म करता है या लोगों की सहायता करता है तो उसे देवता कह दिया जाता है, वहीं जो बुराइयों में लिप्त रहता है, अंहकारी व पापाचारी होता है उसे राक्षस बता दिया जाता है। जनमानस में बुरे लोगों की तुलना रावण और कंस जैसे राक्षसों से की जाती है।
कलयुग में शिष्य गुरु के अधीन नहीं रह जाएंगे। ज्यों-ज्यों घोर कलयुग आएगा त्यों-त्यों सौराष्ट्र, अवंति, अधीर, शूर, अर्बुद और मालव देश के ब्राह्मणगण संस्कार-शून्य हो जाएंगे तथा राजा लोग भी शूद्रतुल्य हो जाएंगे।
0 टिप्पणियाँ