Ticker

6/recent/ticker-posts

वीर सावरकर | Veer Vinayak Damodar Savarkar

वीर सावरकर | Veer Vinayak Damodar Savarkar

Veer Vinayak Damodar Savarkar

वीर सावरकर

(कविता)
बड़े त्याग और बलिदान से भरी हुई है, वीर सावरकर की कहानी,
अनंत काल तक गर्व महसूस करेगा, हर सच्चा हिन्दुस्तानी।
अंडमान निकोबार के कैदखाने में, उनको बड़ी यातनाएं मिली,
गोरों ने कोल्हू में जोता, तेल निकलवाया, यही था काला पानी।
बड़े त्याग और बलिदान………..

ऐसे शूर वीर साहसी सपूत देशभक्त को, कोटि कोटि नमन सदा,
जिसने देश की आजादी के लिए, दान कर दी थी अपनी जवानी।
धन्य है महाराष्ट्र की धरती, जिसने देश को ऐसा रतन दिया था
जिसकी कहानी सदाबहार है, कभी नहीं हो सकती है यह पुरानी।
बड़े त्याग और बलिदान…………..

जिस देश में ऐसे सपूत पैदा होते हैं, उसे अभिमान तो होगा ही,
सावरकर न झुके, न टूटे, जिंदगी में कभी भी हार नहीं है मानी।
जेल की लंबी सजा भी, उनका मनोबल तोड़ने में विफल रही है,
जीते जी शायद ही, कोई इंसान दे सकता है जग में ऐसी कुर्बानी!
बड़े त्याग और बलिदान………….

 जो सम्मान उनको मिलना चाहिए था, शायद वो नही मिला था,
हर देशभक्त नागरिक को, होती ही रहेगी इस बात से परेशानी।
1857 गदर को, उन्होंने ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया,
उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया, परंतु वक्त ने की उनसे बेईमानी।
बड़े त्याग और बलिदान………….

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ