सफर : प्रेरणादायक कविता | Safar : Motivational Poem In Hindi
विषय : सफर
दिनांक : 26 मई, 2023
दिवा : शुक्रवार
जन्म से मौत तक,
पत्नी से सौत तक,
कट जाए ये जिंदगी,
सफर इसी का नाम है।
बचपन में पढ़ लें,
कोई कहानी गढ़ लें,
बीत जाय जिंदगी,
सफर इसी का नाम है।
बचपन से किशोर हुए,
तनमन में बहुत शोर हुए,
काबू किए मन को,
सफर इसी का नाम है।
यहीं से डगर चुने,
भला बुरा नगर चुने,
बीता लिए जिंदगी,
सफर इसी का नाम है।
जब हम जवान हुए,
महत्वपूर्ण जुबान हुए,
गिरते उठते बीती जिंदगी,
सफर इसी का नाम है।
युवा के बाद प्रौढ़ हुए,
अपनों बीच और हुए,
पहचान बनाई जिंदगी,
सफर इसी का नाम है।
प्रौढ़ बाद आया बुढ़ापा,
टूटे दांत खो गई आपा,
वंदगी मंदगी में जिंदगी,
सफर इसी का नाम है।
हाथ पांव हो गए बंद,
अंतर्मन में चलता द्वंद्व,
मुश्किल हुई ये जिंदगी,
सफर इसी का नाम है।
स्थाई रूप से पकड़े खाट,
जोह रहे हैं मौत का बाट,
हार गए अब तो जिंदगी,
सफर इसी का नाम है।
न जीत सकी यह जिंदगी,
मिट चुकी अब ये जिंदगी,
पता न कैसे कटी जिंदगी,
सफर इसी का नाम है।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।
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