राहगीर : प्रेरणादायक कविता | Rahgeer : Motivational Poem In Hindi
विषय : राहगीर
दिनांक : 24 मई, 2023
दिवा : बुधवार
शीर्षक : पथिक
मैं अजनबी पथ पे चलनेवाला,
मैं पथिक कहलाता अति चिर।
पथ क्यों न हों ये दुर्गम कंटीले,
वह पथ चलने वाला राहगीर।।
राह में क्यों न कांटे ही बिछे हों,
चाहे पथ में मिलें राक्षस अनेक।
दुर्गम मार्ग को सरल मैं बनाता,
करता हुआ यह कार्य मैं नेक।।
राहों से चुन चुन कांटे मैं हटाता,
फिर आगे आगे बढ़ता जाता हूं।
पथगीरों को सुंदर यह पर मिले,
दुर्गम पथ को सुगम बनाता हूं।।
बहा दे मार्ग जो हिन्द संस्कृति,
गंगा सदृश पावन पवित्र नीर हूं।
दुर्गम पथ का मैं दुर्बल पथिक,
रहनेवाला नहीं कभी मैं थीर हूं।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।
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