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प्यार : हिंदी कविता | Pyar : Poem in Hindi

प्यार : हिंदी कविता | Pyar : Poem in Hindi

विषय : प्यार
दिनांक : 30 मई, 2023
दिवा : मंगलवार
प्यार का अर्थ केवल यह तो नहीं,
लैला मजनू हीर रांझा कहलाना।
लैला के नशे में तुम चूर ही होकर,
समाज के नजरों में गिर जाना।।
यह प्यार कोई प्यार नहीं होता,
केवल एक हबस भरा होता है।
गिरता है परिवार के नजरों में भी,
जीवित ही जीवन स्व खोता है।।
प्यार तो करती है मां भी बेटे से,
बहनें भी भाई से प्यार करती हैं।
प्यार तो करते हैं सभी मित्रों से,
महिला मित्र तब कब डरती हैं।।
प्यार तो होता वही पावन निर्मल,
भर संशय उर से निकाल देता है।
ईश्वर प्रदत्त प्यार है धन सम्पत्ति,
जो सदा हेतु उर में पाल लेता है।।
मस्तिष्क में होता है हबस सवार,
लैला मजनू ही तब बन जाता है।
प्यार में ही वह हर रिश्ते तजता,
प्यार में अंधा बन तन जाता है।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।

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