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पुण्य तिथि : पंडित जवाहरलाल नेहरु : आदरांजलि कविता

पुण्य तिथि : पंडित जवाहरलाल नेहरु

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आदरांजलि कविता

कोटि कोटि नमन है इस महापुरुष को,
आदरांजलि देते मन में आ रहा ख्याल।
आज़ादी मिली, और कई चुनौतियां थीं,
देश का हर क्षेत्र में था बड़ा बुरा हाल।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने पंडित जी,
सामने थे उनके बड़े संकट और सवाल।
कोटि कोटि नमन है……….

भारत को हर बड़ी मुसीबत से निकाला,
अंधेरा था चारों ओर, कहीं नहीं उजाला।
पंचशील सिद्धांत बहुत ही काम आए,
सारी दुनिया में, शांति के पैगाम लाए।
बड़ी सूझ बूझ व साहस से काम लिया,
समझदारी से हर संकट को दिया टाल।
कोटि कोटि नमन है………..

पंडितजी बच्चों के चाचा नेहरू कहलाए,
आत्मनिर्भरता के नए रास्ते दिखलाए।
पुस्तक भारत की खोज बन गई खास,
कराया भारतीय इतिहास का एहसास।
होते इसमें भारतीय संस्कृति के दर्शन,
गज़ब के थे हमारे पंडित जवाहरलाल।
कोटि कोटि नमन है……….

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी की पुण्यतिथि

आज भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में सादर समर्पित प्रयास :
भारत के वीर जवाहर,
भारत के थे बच्चे लाल।
बापू के ही आह्वान पर,
अंग्रेजों के बने थे काल।।
तनमन भारत को दानकर,
धन से भी किया योगदान।
बापू के हर निर्देशों पर वे,
आंदोलन चला अभियान।।
नहीं डरे नहीं सहमे कभी,
प्राण का खतरा भी जान।
करते रहे वे संघर्ष निरंतर,
गोरों ने लिया लोहा मान।।
भागे गोरे आजादी देकर,
प्रथम प्रधानमंत्री सम्मान।
भारत हुआ दो भाग खंडित,
टूट वहीं भारत का अरमान।।
हे भारत के सच्चे सपूत,
तुमसे देश में आज अमन है।
हे आजादी के सच्चे द्योतक,
तुम्हें कोटि हमारा नमन है।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।

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