Ticker

6/recent/ticker-posts

ऐसे लोगों से सावधान और दूर रहें : चाणक्य नीति | Chanakya Neeti

ऐसे लोगों से सावधान और दूर रहने की कोशिश करें : Chanakya Niti Suvichar


अक्सर हम धोखेबाज लोगों को तब पहचानते हैं जब वो हमे धोखा दे हमारी ज़िन्दगी तबाह ओ बर्बाद कर चुके होते हैं। ये मतलबी और धोखेबाज लोग बुरा वक्त आने पर ही अपना असली चेहरा दिखाते हैं। चाणक्य का कहना है कि असली दोस्त की पहचान मुश्किल वक्त में ही होती है। एक सच्चा दोस्त बुरे वक्त में साथ छोड़कर नहीं भागता बल्कि हमेशा आपका मददगार बनकर आपके साथ खड़ा रहता है। चाणक्य के नीति शास्त्र में ऐसे मतलबी और धोखेबाज दोस्तों और रिश्तेदारों को पहचानने के पांच बेहतरीन तरीके बताए गए हैं।

मीठी मीठी बातें करने वाला : चाणक्य नीते के अनुसार जो आदमी हमेशा मीठी-मीठी बातें करता हो उससे सावधान रहना चाहिए और हो सके तो दूर रहना चाहिए। ऐसा आदमी आपकी हर बात पर बिना सोचे समझे समर्थन करता है। ऐसे लोग मन ही मन आपको बर्बाद करने की साज़िश करते हैं इनकी मीठी मीठी बातें आपको बर्बादी की कगार पर धकेल सकता है। ऐसे लोगों से सावधान और दूर रहने में ही आपकी भलाई है।


ग़लत फैसलों में प्रोत्साहन : अक्सर आपकी तरक्की से जलने वाले लोगों आपके हर ग़लत फैसले में आपका साथ देंगे ये धोखेबाज लोग सामने रहकर तो हमेशा आपकी पीठ थपथपाएंगे लेकिन पीठ पीछे आपका ख़ूब मजाक उड़ाएंगे। ऐसे लोग आपको हमेशा ही आसान और ग़लत रास्ते पर चलने की सलाह देंगे। ऐसे लोगों पर कभी भी आंख बंद करके भरोसा न करें।


ऐसे लोगों से सावधान और दूर रहें : चाणक्य नीति | Chanakya Neeti


दूसरों की बुराई करने वाला : अक्सर हमारे आसपास कुछ लोग होते हैं जो हमारे दिल में खास जगह पाने के लिए हमारे सामने दूसरों की बुराई करते हैं। हमें ऐसे मतलबी लोगों की पहचान करने की जरूरत है। ख़्याल रहे कि जो इंसान आज आपके सामने दूसरों की बुराई कर रहा है, कल वही आदमी दूसरों के सामने आपकी भी बुराई करेगा। इसलिए जहां तक हो सके ऐसे लोगों से सावधान और दूर रहने की कोशिश करें।


चाणक्य नीति : सफलता प्राप्त करने के लिए हमेशा याद रखनी चाहिए ये 6 बातें


चाणक्य नीति : सफलता प्राप्त करने के लिए हमेशा याद रखनी चाहिए ये 6 बातें

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ के चौथे अध्याय के 18 वें श्लोक में बताया है कि स्त्री-पुरुष को कौन कौन सी 6 अतिमहत्वपूर्ण बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अधिकांशतः स्त्री-पुरुष इन ज़रुरी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं जिसकी वजह से उन्हें भारी मुसिबत और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चाणक्य नीति में बताई गई इन 6 बातों का ध्यान रखकर आदमी हर काम में सफलता प्राप्त कर सकता है। साथ ही बेकार की परेशानियों और आर्थिक हानि से बच सकता है। इसके अलावा चाणक्य नीति में बताई गई इन बातों का ध्यान रखकर घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि भी बढ़ाई जा सकती है।


१. समय कैसा चल रहा है? २. मित्र कौन हैं? ३ शत्रु कौन है? ४.देश कौन है? ५. मूर्खता किसकी है और मेरी शक्ति क्या है? ६. मैं क्या-क्या कर सकता हूं?

चाणक्य कहते हैं कि वही आदमी समझदार तथा सफल है जिसे इन 6 सवालों के जवाब हमेशा मालूम रहता है। समझदार आदमी जानता है कि वर्तमान समय कैसा चल रहा है। अभी सुख के दिन हैं या दुख के। इसी के आधार पर वह अपने सभी कार्य करता है।

आदमी को यह मालूम होना चाहिए कि हमारे सच्चे मित्र कौन-कौन हैं और मित्रों के वेश में शत्रु कौन-कौन हैं। मित्रों के वेश में छिपे शत्रु को पहचानना अतिआवश्यक है। अगर मित्रों में छिपे शत्रु को नहीं पहचान पाएंगे तो कार्यों में असफलता ही मिलेगी।
यह देश कैसा है यानी जहां हम काम करते हैं, वह स्थान, शहर और वहां के हालात कैसे हैं। कार्यस्थल पर काम करने वाले लोग कैसे हैं। इन बातों का ध्यान रखते हुए काम करेंगे तो असफल होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाएंगी।

समझदार इंसान वही है जो अपनी आय और व्यय की सही जानकारी रखता है। व्यक्ति को अपनी आय देखकर ही व्यय करना चाहिए। आय से कम खर्च करेंगे तो थोड़ा-थोड़ा ही सही पर धन संचय हो सकता है।


हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा मैनेजर, कंपनी, संस्थान या बॉस हमसे क्या चाहता है। हम ठीक वैसे ही काम करें जिससे संस्थान को फायदा होता है। अगर संस्थान को फायदा होगा तो कर्मचारी को भी फायदा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

चाणक्य नीति की यह अंतिम बात अतिमहत्वपूर्ण है कि हमें यह मालूम होना चाहिए कि हम क्या-क्या कर सकते हैं। वही काम हाथ में लेना चाहिए, जिसे पूरा करने का सामर्थ्य हमारे पास है। अगर शक्ति से अधिक काम हम हाथ में ले लेंगे तो असफल होना तय है।

सफलता प्राप्त करने के लिए चाणक्य नीति की 10 जरुरी बातें


सफलता प्राप्त करने के लिए चाणक्य नीति की 10 जरुरी बातें

1. क्रोध पर संयम रखना चाहिए
क्रोध करना मनुष्य के जीवन को नकारात्मक बनाता है। क्रोध करने से बना बनाया काम बिगड़ जाता है साथ ही अपने सगे संबंधियों से सबंध भी खराब हो सकते हैं। अगर आपको अत्यधिक क्रोध आता है तो आप गंभीर संकट में भी पड़ सकते हैं। साथ ही आपका किसी के साथ भी अनावश्यक विवाद हो सकता है जो किसी बड़े दुखद स्थिति का कारण बन सकता है। क्रोध करने से मनुष्य के शरीर पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। क्रोध आने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं लेकिन मुख्य रूप से क्रोध का कारण यह होता है कि जब कोई कार्य आपके मन के विरुद्ध होता है तो अधिक क्रोध आता है। कभी-कभी कोई व्यक्ति बिना किसी कारण के आपको परेशान करता है या आपके कार्य में अनावश्यक बाधा डालता है तब भी क्रोध आता है। इस प्रकार की परिस्थितियों में मनुष्य को अपने क्रोध पर संयम रखना चाहिए और शांत मन से उचित निर्णय लेना चाहिए।


Chanakya Niti 10 Important Points in Hindi

2. अनुशासन में रहना चाहिए

चाणक्य का कथन है कि अनुशासन मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाता है। अगर मनुष्य के जीवन में अनुशासन की कमी है, तो वह कभी सफल नहीं हो सकता। जीवन में अनुशासन इसलिए भी ज़रुरी है कि जब मनुष्य अनुशासन में रहता है तो उसकी एक अलग ही छवि निखर कर आती है जो लोगो को बहुत प्रभावित करती है साथ ही समय के महत्व को समझने में अनुशासन का बड़ा महत्व होता है। जीवन को अनुशासन के साथ व्यतीत करने में कभी भी कठिनाई नहीं होती है आपको केवल अपने मन को शांत रखना है और किसी भी परिस्थिति में इस संकल्प को नहीं भूलना है कि हमें अनुशासन का पालन करना है।

Chanakya Niti 10 Important Points for Success

3. आलस सफलता का शत्रु है 

आलस मनुष्य के जीवन को बर्बाद कर सकता है अगर मनुष्य सही समय पर अपना काम पूरा नहीं करता है तो वह कई बार समस्याओं से घिर जाता है। मनुष्य के लिए आलस को त्यागना बहुत जरूरी होता है वरना उसके साथी ही उसका साथ छोड़ देते हैं। आलस करने से मनुष्य का शरीर भी नष्ट होता है और समय भी। एक बार जो समय बीत जाता है वह पलट कर नहीं आता है। इसीलिए मनुष्य को आलस किए बिना अपने सभी कार्य को समय से पूर्ण करना चाहिए।


4. कभी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए

अगर कोई मनुष्य कभी किसी को धोखा देता है तो उसकी छवि खराब होती है और उस पर कोई विश्वास नहीं करता है। इससे व्यक्ति के व्यापार से लेकर निजी जीवन पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। सफलता प्राप्त करने के लिए लोगो का विश्वास जीतना ज़रुरी होता है।

5. अहंकार नहीं करना चाहिए

अहंकार मनुष्य के जीवन को एक गहरी खाई में धकेल देता है जिसमें सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा होता है। यानी कि अगर कोई मनुष्य अहंकार करता है तो उसके साथ कोई रहना पसंद नहीं करेगा और वह अकेला महसूस करने लगेगा। जैसा कि सभी जानते हैं कि रावण को अपनी शक्तियों का अहंकार था जिसके कारण उसका अंत हो गया। मनुष्य को अहंकार किसी चीज़ का नहीं करना चाहिए। चाहे धन हो, बुद्धि हो, या सामाजिक मान सम्मान हो अहंकार करने से ये सभी नष्ट हो जाते हैं या इनका कोई महत्व नहीं रहता है।

6. लोभ कभी न करें

लोभ या लालच मनुष्य के जीवन में असंतुलन पैदा करता है जिसके कारण व्यक्ति हमेशा परेशान रहने लगता है। हमें कभी भी लोभ नहीं करना चाहिए। भाग्य और पुरुषार्थ से जितना मिल रहा है उसमे संतुष्ट रहना चाहिए। ऐसा नहीं है कि हमें आगे बढ़ने की इच्छा छोड़ कर स्थिरता को अपना लेना चाहिए बल्कि लोभ ना करने का अर्थ है कि अगर जीवन में चीज़ें परिपूर्ण हैं तो उनकी और इच्छा करना व्यर्थ है।


7. शिक्षा का होना जरुरी है

मनुष्य का शिक्षित होना अनिवार्य है इससे हम बुद्धिमान बनते हैं और विषम, अविषम परिस्थितियों में निर्णय लेने में भी सक्षम होते हैं। अगर हम शिक्षित हैं तो हमें समस्याओ से निकलने में आसानी होती है साथ ही समाज में सम्मान भी प्राप्त होता है। शिक्षा को अधिक महत्व देना चाहिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारे घर के साथ-साथ हमारा समाज भी शिक्षित बने।

8. दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए

चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को दुसरो की गलतियों से सीखना चाहिए ताकि वह गलती ना करें और उससे होने वाले नुकसान से बच सके। इस संसार में बहुत से लोग हैं जो दूसरे लोगों की गलतियों से होने वाले नुकसान को नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर हमें ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

9. अच्छी संगति में रहना चाहिए

हमारे मित्र अच्छे और उच्च विचारों वाले होने चाहिए क्योंकि दोस्तों की आदतों और अनुभवों का असर हमारे जीवन पर भी पड़ता है। दोस्त हम चुनते हैं इसलिए शुरुआत में ही दोस्त को परख लेना चाहिए अगर हमारे दोस्त ग़लत गतिविधियों में रूचि रखते हो तो उन्हें तुरंत छोड़ देना चाहिए। मित्रता हमेशा सोच समझ कर करनी चाहिए।


10. अपनी क्षमता का सही आकलन करना चाहिए

हमें अपनी क्षमताओं का सही आकलन करना चाहिए तभी हम सफलता को प्राप्त कर पाएंगे। अपनी कमियों और खूबियों की जानकारी सबसे पहले हमें होनी चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होती है। इस संसार में हर किसी की अलग-अलग क्षमताएं होती हैं। उसी के आधार पर हम जीवन में आगे बढ़ते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं। अपनी क्षमताओं का आकलन करने से हमें यह ज्ञात होता है कि हमें कहां-कहां सुधार करने की आवश्यकता है।
आशा करता हूं कि आप चाणक्य नीति की इन 10 ज़रुरी बातों को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे। चाणक्य नीति की यह 10 बातें आपको जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायता करेंगी।

Chanakya Niti For Enemies in Hindi चाणक्य नीति अपनाओ दुश्मन चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो वो आपके सामने घुटना टेक देगा।


चाणक्य नीति अपनाओ दुश्मन चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो वो आपके सामने घुटना टेक देगा।

आचार्य चाणक्य द्वारा लिखित पुस्तक चाणक्य नीति में बहुत सी ऐसी बहुमूल्य बातें बताई गई हैं जिनकी सहायता से आप अपने दुश्मनों पर आसानी से विजय प्राप्त कर सकते हैं। चाणक्य नीति के इस महान ज्ञान को प्राप्त कर लें तो दुश्मन आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। दुश्मन चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो वो आपके सामने घुटना टेक देगा। तो आइए बिना देर किए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य ने अपने चाणक्य नीति में दुश्मनों से निपटने के कौन कौन से तरीकों के बारे में क्या क्या बताया है।


Chanakya Niti For Enemies in Hindi

आचार्य चाणक्य द्वारा लिखित चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी व्यक्ति को हमेशा सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता है। दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने के लिए हर समय सतर्क रहना उतना ही आवश्यक है जितना ज़िंदा रहने के लिए सांस जरूरी है। हमेशा सतर्क रहने से आप अपने दुश्मनों की प्रत्येक चाल को पहले ही समझ कर उसे नाकाम कर पाएंगे और परेशानियों में नहीं फंसेंगे। इसलिए आवश्यकता है कि हर व्यक्ति अपने दुश्मनों से हमेशा सतर्क रहे।

चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कभी भी संयम का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आप कठिन परिस्थितियों में भी संयम से काम लेते हैं तो दुश्मन आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे और आप किसी तरह के मुश्किलों में भी नहीं फंसेंगे। संयम में नहीं रहने से केवल स्थितियां बिगड़ती हैं और फायदा कुछ नहीं होता इसलिए कभी भी संयम का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आप पूरी तरह संयमित रहेंगे तो दुश्मनों को आसानी से भ्रमित करने में कामयाबी पा सकते हैं।

आचार्य श्री चाणक्य का कहना है कि यह आवश्यक नहीं कि प्रत्येक जंग सिर्फ ताकत से ही जीती जाए बल्कि आप कुछ जंग अपने दिमाग की ताक़त पर भी जीत सकते हैं। दुश्मन अगर ज्यादा ताकतवर है तो उनसे घबराने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है वरना इससे आपका दुश्मन और भी ताकतवर हो जाता है। कभी भी डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने दें।


दुश्मनों को छोटा या कमज़ोर नहीं समझें

आचार्य चाणक्य का कहना है कि कभी भी अपने दुश्मनों को छोटा या कमज़ोर नहीं समझें। उस पर विजय प्राप्त करने के लिए उसकी ताकत का सही सही अनुमान लगाना भी बहुत जरूरी है। तभी आप दुश्मनों की कमजोर नसों पर वार करके आसानी से विजय प्राप्त कर सकते हैं।

दुश्मनों से कभी हार नहीं मानें

दुश्मन चाहे कितना भी शक्तिशाली हो दुश्मनों से कभी हार नहीं मानें। दुश्मनों से घबराएं नहीं। ना ही ताकतवर दुश्मन को देखकर हिम्मत हारे। अपनी हिम्मत और होशियारी से अपनी ताकत बढ़ाएं। एक न एक दिन दुश्मन आपके के सामने घुटने जरूर टेक देगा।

हर परिस्थिति में खुद पर भरोसा रखें

किसी भी ताकतवर दुश्मन का सामना करने के लिए और उसे हराने के लिए खुद पर भरोसा होना बहुत जरूरी है। क्योंकि दुश्मन कभी न कभी गलती करेगा ही और आप उसी समय का फायदा उठाकर जीत हासिल कर लेंगे।


क्रोधित ना हो गुस्सा ना करें

क्रोध और गुस्सा बुद्धिमान व्यक्ति का दुश्मन है। क्रोध करने से जीता हुआ युद्ध भी हार जाने की संभावना रहती है। गुस्से में व्यक्ति अपनी सोचने-समझने की शक्ति खो देता है। इसलिए गुस्से पर पूरी तरह काबू रखें और दुश्मन की हर चाल पर बारिक नज़र रखें। आपकी जीत जरूर होगी।

दुश्मन के हथियार का पता लगाएं

चाणक्य कहते हैं कि दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने से पहले दुश्मन के हथियार का पता लगाएं। दुश्मन का हथियार ही आपका सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकता है। मतलब आप दुश्मन की अच्छी व बुरी दोनों बातों के बारे में पता लगाएं। यह पता चलने के बाद आप उसे उकसाने की कोशिश कर सकते हैं ताकि वह अपनी बुद्धि खो दे और क्रोधित हो कर अपनी विवेक भी खो बैठे। दुश्मन से आधी लड़ाई तो आप ऐसे ही जीत लेंगे और हां एक बात और दुश्मन को कभी ज़ख़्मी करके न छोड़ें इसलिए कि कभी भी सांप और दुश्मन को घायल करके छोड़ना खुद की जिंदगी के लिए घातक हो सकता है।

जिस तरह बीमारी का संपूर्ण इलाज न हो तो वह आपकी जिंदगी को बर्बाद कर सकती है उसी तरह दुश्मन को घायल कर के छोड़ देने पर वह आपको बर्बाद करने का या मारने की कोशिश जरूर करेगा और मौका पाते ही आप पर हमला कर देगा।


अपने राज कभी किसी से न बताएं

चाणक्य नीति के अनुसार जिस प्रकार सूखा पड़ने पर जमीन बंजर हो जाती है तो सभी उस राज्य को छोड़ कर हरे-भरे राज्य में प्रस्थान करते हैं ताकि जन-जीवन बचाया जा सके। वैसे ही किसी को अपने सभी राज नहीं बताना चाहिए। इसके अलावा दुश्मन को मात देने के लिए कूटनीति का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

कभी अपनी कमजोरी दूसरों को नहीं बतानी चाहिए

कमजोरी हर व्यक्ति में होती है। व्यक्ति को कभी अपनी कमजोरी दूसरों को नहीं बतानी चाहिए। अपने दुश्मन को भूलकर भी अपनी कमजोरी के बारे में न बताएं। इससे आप बहुत सी परेशानियों में पड़ सकते हैं। इसलिए कभी भी अपनी कमजोरी अपने दुश्मन के सामने न प्रकट होने दें।

मुर्गे से सीखें दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने के तरीके

दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने के लिए आचार्य चाणक्य ने बताया है कि मुर्गे की तरह इंसान को भी सूर्योदय से पहले जग जाना चाहिए। इसके अलावा मुर्गा लड़ाई में कभी पीछे नहीं हटता है और दुश्मनों से डटकर मुकाबला करता है। इंसान को मुर्गे का गुण जरूर सीखना चाहिए। इसके अलावा इंसान को मुर्गे की तरह अपने परिवार में मिल बांटकर खाना चाहिए।


बगुले से संयम करना सीखें

आचार्य चाणक्य के अनुसार इंसानों को बगुले से संयम रखने का गुण सीखना चाहिए। बगुला ध्यान केंद्रित करने में निपुण होता है। इंसानों को भी बगुले की तरह अपनी इंद्रियों को वश में करके अपनी शक्ति के अनुसार किसी भी कार्य को करना चाहिए।

दुश्मनों के सामने कौए की तरह रहें सतर्क
कौआ हमेशा सतर्क रहता है। चाणक्य नीति में चाणक्य ने बताया है कि हर इंसान को कौए का ये गुण जरूर सीखना चाहिए। इसके अलावा कौए से जी जान लगाकर कोशिश करना भी सीखना चाहिए।

दुश्मनों से शेर की तरह पूरी ताकत से मुकाबला करें

चाणक्य के अनुसार इंसानों को किसी शेर की तरह हर काम पूरी ताकत से करना चाहिए। शेर ऐसा जानवर है जो अपने शिकार पर पूरी ताकत से हमला करता है। इंसानों को भी अपने दुश्मनों पर सफलता पाने के लिए पूरी ताकत से कोशिश करनी चाहिए

चाणक्य नीति के अनुसार यह तीन गुण श्रेष्ठ व्यक्ति के आभूषण हैं

आचार्य चाणक्य की नीतियां सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे उपयोगी साधन है। चाणक्य की नीतियों का अनुकरण करके अनगिनत लोग सफलता प्राप्त कर विकास की ओर बढ़ते जा रहे हैं। बता दें कि आचार्य चाणक्य विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में से एक हैं। उन्हें न सिर्फ कूटनीति, राजनीति और अर्थनीति का गहरा ज्ञान था अपितु उन्हें जीवन के दूसरे महत्वपूर्ण विषयों का भी बखूबी ज्ञान था। चाणक्य नीति के इस भाग में हम बात करने जा रहे हैं कि कौन से तीन गुणों से कोई व्यक्ति श्रेष्ठ बनता है।

चाणक्य नीति के अनुसार यह तीन गुण श्रेष्ठ व्यक्ति के आभूषण हैं।

कोमल और मधुर वाणी

किसी भी श्रेष्ठ और शिक्षित व्यक्ति की वाणी कोयल की तरह कोमल और मधुर होनी चाहिए और उसका व्यवहार भी इसी प्रकार का होना आवश्यक है। यह विशेष गुण व्यक्ति का बहुमूल्य आभूषण हैं। इससे न सिर्फ समाज में मान सम्मान मिलता है बल्कि खानदान का नाम भी ऊंचा होता है।

ज्ञान व्यक्ति का बहुमूल्य आभूषण है

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुरूप व्यक्ति की सुन्दरता उसका ज्ञान होती है। एक ज्ञानी व्यक्ति समाज में हर पद पर मान सम्मान प्राप्त कर सकता है और वह अपने ज्ञान की शक्ति से सफलता प्राप्त कर सकता है। अतः मनुष्य को शारीरिक सुन्दरता से अधिक ज्ञान की सुंदरता को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। यह व्यक्ति का बहुमूल्य आभूषण है।

क्षमा भाव

चाणक्य नीति में चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति के मन में क्षमा भाव होता है वह तपस्वी के समान तेजवान होता है और यही उनके लिए बहुमूल्य आभूषण है। इसलिए क्षमा और करुण भावना सभी के भीतर होनी चाहिए। इस भावना से न तो शत्रु बनते हैं और न ही मित्र व परिवार में विवाद उत्पन्न होता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ